सदस्य:Jadhav sunil g/प्रयोगपृष्ठ

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ब्लॉग लेखन/ चिठ्ठा लेखन

स्वरूप, ईतिहास एवं विकास :-

                १९८३ से ब्लॉग लेखन का आरम्भ माना जाता हैं | विकिपीडिया  [ history of blogging  ] 

पर ब्लॉग लेखन का वर्गीकरण [१]१९८३-१९९३ [२] १९९४-२००१[३]२००१/२००४ [४] २००४ से अबतक किया गया हैं |\

हिंदी में पहला ज्ञात रूप में ब्लॉग आलोक कुमार का –‘’नौ दो ग्यारह ‘’ माना जाता हैं |  वहीँ ‘’छू कर मेरे मन को ..’’
ब्लॉग पर सुनील नेहरा ने कहा,

‘’ भारत में ब्लोगिंग की शुरुआत के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि १९९६ से इसकी शुरआत हुई | परन्तु २००४ के बाद इसमें तेजी देखने को मिली | उन्होंने बताया कि अमित अग्रवाल को भारत में ब्लोगिंग का पिता माना जाता है | लेबनान डॉट.ओ.आर.जी.नामक ब्लॉग का संचालन कर रहा यह शख्स आज २० लाख रूपये प्रति महीने से भी अधिक कमा रहा है |’’ गिने चुने चिठ्ठों से आरम्भ हुआ, ब्लॉग लेखन आज लगभग ५०,००० हजार के करीब पहुँच गया है | ब्लॉग लेखन को चिट्ठा लेखन भी कहा जाता हैं | चिठ्ठा जगत या ब्लॉग आज पाँचवे नेत्र या आधार स्तम्भ के समान कार्य करता हैं | चिठ्ठा या ब्लॉग के कारण क्रांतिकारी परिवर्तन आया | हमारे संदेशों को सेकंदो में विश्व के कोने-कोने में पहुँचाया जा सकता हैं | यह निजी समाचार पत्र या मीडिया के समान है | यहाँ ब्लॉग लेखक को अपना लेख, आलेख, समाचार, रचनाएँ देने के लिए किसी समाचार या मीडिया वाले के पास जाने की जरूरत नहीं बल्कि वह खुद समाचार पत्रिका, मीडिया का मालिक है | वह जब चाहे, जैसा चाहे अपनी बात को सशक्त ढंग से रख सकता है | ब्लॉग में निजी स्वतंत्रता होती हैं | हिंदी ब्लोगर एवं कथाकार उदय प्रकाश जी इस संम्बंध में कहते हैं, ‘’ निजी स्वतंत्रा के आधुनिक विचार के लिए भी बल्ग की दुनिया में जगह है | ब्लॉग के माध्यम से कितने सार्थक काम और बहसें हो रही हैं, यह एक अलग मुद्दा है, लेकिन ब्लॉग लेखक को एक निजी किस्म की स्वतंत्रता देता है | उस स्पेस का इस्तेमाल लेखक अपने तरीके से निर्बंध होकर कर सकता है |’’

            शुरुवाती दौर में इसका पाठक कम था | अब इसके पाठक भी बढ गये है | पाठक बढायें भी जा सकते हैं | ब्लॉग लेखकों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मेलन होता हैं | निरतर ब्लॉग लेखन एवं सर्व श्रेष्ठ उपयोगी, ज्ञान वर्धक ब्लॉग को पुरस्कार भी दिए जाते है | आज ब्लॉग लेखन अपनी बात रखने के साथ कमाई का जरिया भी बन गया हैं | घर बैठे आप लाखों रुपयों की कमाई कर सकते हैं | जैसे नवसाहित्यकार [ navsahitykar.blogspot.in],  ब्लॉगवाणी,  ब्लॉगवार्ता, ब्लॉग प्रहरी, चिठ्ठाजगत, चिठ्ठा-चर्चा, देशी पंडित, अक्षर ग्राम नेटवर्क, हिंदी चिठ्ठाकार, हिंदी चिठ्ठे, हिंदी-ब्लोगर्स, भारतीय चिठ्ठो की सूचि, वन इंडिया, ब्लॉग अड्डा, देसी ब्लोग्स,स्वर्गविभा, हमारीवाणी, चिठ्ठा विश्व, ब्लॉग सेतु, परिकल्पना समूह, याहू पर हिंदी चिठ्ठे  आदि ब्लॉग जो समूह रूप में कार्य कर सकता हैं | ब्लॉग प्रसिद्धि का सरल मार्ग हैं | ब्लॉग अंतर्जाल पर चलने वाल निशुल्क समाचार पत्र, पत्रिका, विज्ञापक, अभिव्यक्ति का वह मंच हैं | जो गूगल के द्वारा प्रेषित किया जाता हैं | जिसका वेबसाइट के जैसे प्रयोग भी किया जा सकता हैं | जहाँ ब्लॉग लेखक अपनी मर्जी से बिना रोक टोक साहित्य, समाचार, उद्योग, विज्ञापन, व्यवसाय आदि को घर बैठे लोगों तक पहुँचाता हैं | 
              हिंदी ब्लॉग लेखन २००४ से लेखन में गति पकड़त हुआ नजर आता है | आज विश्व के साहित्यकार, फिल्मकार, संगीतज्ञ, खिलाड़ी, नेता, अभिनेता, विभिन्न कलाकार आदि ब्लॉग का प्रयोग अपनी बात को सशक्त ढंग से रखने का जरिया बनाएँ हुए हैं | सामन्य तौर पर कागज पर हम अपने परिचय एवं परिजनों को चिठ्ठियाँ लिखा करते थे | आज संगणक पर अंतर्जाल के जरिये हम किबोर्ड से अपनी भाषा और मन चाहे फोंट में सम्पूर्ण विश्व के सम्मुख अपने विचारों, भावनों, समीक्षाओं, आलोचनाओं, कविताओं, कहानियों आदि को रख सकते हैं | अमिताब बच्चन, ओबामा, नरेद्र मोदी आदि ब्लॉग के जरिये अपने विचारों को रखते है | आरम्भिक दौर में ब्लॉग लेखन के लिए भाषाई एवं फोंट की कठिनाई थी | ब्लॉग लेखन केवल अंग्रेजी भाषा में ही होते थे | किन्तु कई अप्लिकेशन, सोफ्टवेअर के शोध के चलते एक साथ विश्व की किसी भी भाषा में अपना सन्देश ब्लॉग पर टंकित किया जा सकता था | आज हिंदी भाषा में ब्लॉग लेखन में क्रांति आगई हैं | अंतर्जाल में हिंदी फोंट मंगल एवं यूनिकोड ने हिंदी को वैश्विक बना दिया है | आज ब्लॉग लेखन के लिए अंग्रेजी भाषा का आना जरुरी नहीं हैं | वह अपनी किसी भी भाषा में ब्लॉग लेखन एवं संचलन कर सकता हैं | आज विश्व की सौ से भी अधिक भाषाओं में ब्लॉग लेखन किया जा सकता हैं | साथ ही अनुवाद एप्लीकेशन के जरिये उसे पढ़ा भी जा सकता हैं | हर रोज ब्लॉग में नए नए परिवर्तन ब्लॉग लेखन की कमियों को पूरा करते हुए नजर आ रही है | लेखन, वीडियों, ऑडियो, विज्ञापन, यु टूब, आदि अंतर्जाल की सारी सामग्री को मुठ्ठी में कर लिया हैं | किसी भी वेब साईट, विडियो, ऑडियो,पत्र-पत्रिकाओं आदि की लिंक ब्लॉग के माध्यम से दी जा सकती हैं | लिंक का संदर्भ की भाँती प्रयोग किया जा सकता हैं |
             २००४ से लेकर २०१४ तक के ब्लॉग लेखन पर यदि हम नजर दौडायें, तो ब्लॉग लेखन एक वैश्विक मंच बनकर उभर कर आ रहा हैं | आज जो अंतर्जाल को जानता हैं | औसतन सौ में से बीस लोग ब्लॉग से जुड़े हुए नजर आते हैं | जो निरतर ब्लॉग लेखन में अपना योगदान कर रहे हैं | हर रोज ब्लॉग लेखन की समृध्दी बढ़ते जा रही हैं | कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक साहित्य की प्रत्येक विधा का प्रस्तुतिकरण एवं अभ्यास होता हुआ देखा जा सकता हैं | ब्लॉग लेखन को लेकर आज कई विद्वानों ने पुस्तकों का लेखन किया हैं | ब्लॉग की लोकप्रियता के चलते, आज बाजार में ब्लॉग लेखन, सृजन आदि से सम्बन्धी पुस्तक बाजार में कदम रखते ही हाथों-हाथ बिकते हुए नजर आ रही हैं | जिनमें १ हिन्दी ब्लोगिंग का इतिहास, लेखक-रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक-हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर, भारत, वर्ष- 2011, पृष्ठ - 180, ISBN 978-93-80916-14-9  २ हिन्दी ब्लोगिंग: अभिव्यक्ति की नई क्रान्ति, संपादक : अविनाश वाचस्पयति/रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक: हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर, भारत, प्रकाशन वर्ष : 2011, पृष्ठ : 376,ISBN 978-93-80916-05-7 ३. ब्लॉनग चर्चा : उदय प्रकाश का ब्लॉरग, लेखिका: मनीषा पांडेय, प्रकाशक: वेबदुनिया हिन्दी जैसी किताबों का नाम लिया जा सकता हैं |

१.ब्लॉग के प्रकार :- शैक्षिक ब्लॉग मनोरंजन ब्लॉग व्यवसाहिक ब्लॉग वयक्तिक ब्लॉग पत्र-पत्रिकाओं के ब्लॉग विज्ञापन ब्लॉग

२.ब्लॉग सामग्री :- गुणवत्ता विश्वसनीयता प्रभावशालिता अभिव्यक्ति की शैली

            ब्लॉग लेखन की सामग्री एवं ब्लॉग लेखक की गुणवत्ता उसकी श्रेष्ठता साबित करती हैं | ब्लॉग लेखक जितना गुणवान, प्रतिभावान, ज्ञान सम्पन्न, बहुज्ञ, अद्यतन संगणक, अंतर्जाल एप्लीकेशन की जानकारी रखने वाला होना उसका ब्लॉग उतना ही प्रभावशाली एवं असरकारक होगा |तथा वह प्रसिध्दी के शिखर पर बड़ी सरलता से पहुँच जाएगा | ब्लॉग लेखन में ब्लॉग लेखक का तटस्थ होना जरुरी होता हैं | पूर्वग्रह दूषित ब्लॉग लेखक या सामग्री विश्वनीयता खो बैठती है | पाठकों का रुझान वहाँ से कम हो जाता हैं | 

३.ब्लॉग लेखन के अंग :- लेखक विषय अभिव्यक्ति पाठकतक पहुँचाना

              ब्लॉग लेखन की सामग्री कई प्रकार की हो सकती हैं | कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, उद्योग, व्यवसाय, विज्ञापन आदि | जब वह शोध पूर्ण अचूक कलात्मक रूप से ब्लॉग में प्रस्तुत होता है | तब वह अपने उद्देश्य की सफलता प्राप्त कर सकता हैं | ब्लॉग लेखन में लेखक, विषय और अभिव्यक्ति तीन मुख्य आधारस्तम्भ होते हैं | लेखक का बहुज्ञ, ज्ञानवान होना पहली शर्त होती हैं | तो दूसरी ब्लॉग में अप्रस्तुत किया जाने वाला विषय | विषय की सशक्तता ब्लॉग लेखक की गरिमा में वृद्धी करता हैं | यहाँ मात्र विषय की सशक्तता से ही काम नहीं बनता अपितु उसकी अभिव्यक्ति की शैली कैसी हैं | उस पर भी उसकी प्रभावशालिता, लोकप्रियता भी जुडी होती हैं | अंतमें ब्लॉग को पाठक तक पहुँचाना भी एक महत्वपूर्ण अंग होता हैं | ब्लॉग जितना पाठकों तक पहुँचेगा उसकी सफलता एवं विफलता निर्भर करेगा | 

४.ब्लॉग लेखक के गुण :- बहुज्ञता :- ब्लॉग लेखक का बहुज्ञ होना, ब्लॉग के स्तर को बढ़ाता हैं | समाजनीति, राजनीति, धर्मनीति, अर्थनीति, अंतरिक्ष, अंतर्जाल, विज्ञान, गणित आदि का कम से कम सामान्य ज्ञान हो | ज्ञानसम्पन्नता : तटस्थता : ब्लॉग लेखक अपने विचारों को प्रस्तुत करते समय यदि वह अपने विचारों में तटस्थता रखता है | यह उसे प्रतिमा को ऊँचा करने वाला कदम होगा | अद्यतन जानकारी :- ब्लॉग लेखक को अद्यवत जानकारी रखना चाहिए | ताकि वह प्रत्येक विषय के साथ न्याय दे सके | विषय में पारंगता : ब्लॉग लेख जिस लेख को प्रस्तुत कर रहा हैं | उसमें उसका परांगत होना आवश्यक होता है | सदभाव : इस सन्दर्भ में हिंदी ब्लॉग आलोचक और इतिहासकार रविन्द्र प्रभात का कथन उल्लेखनीय है, ‘’ ...हर ब्लोगर की अपनी एक अलग पहचान है, कोई साहित्यकार है तो कोई पत्रकार कोई समाजसेवी है तो कोई संस्कृतिकर्मी, कोई कार्टूनिस्ट है तो कोई कलाकार | हर ब्लोगर के सोचने का अपना एक अलग अंदाज है, एक अलग ढंग है प्रस्तुत करने का | आलग-अलग नियम है, अलग-अलग चलन किन्तु फिर भी एक सद्भाव है जो आपस में सभी को जोड़ता है |’’

५.ब्लॉग आलोचना :- हिंदी ब्लॉग लेखन के साथ यदि हम ब्लॉग आलोचना का अध्ययन करते है तो ज्ञात होगा कि आलोचना के ही कारण ब्लॉग लेखन, ब्लॉग की जानकारी का चिठ्ठा एकमुश्त रूप में मिलने लगा | अंतर्जाल पर ब्लॉग आलोचना के संदर्भ में खोज करते समय विकिपीडिया पर इससे जुडी जानकारी प्राप्त हुई जिसे उसी स्तिथि में यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है | ‘’ हालांकि हिन्दी चिट्ठों की आलोचना की शुरुआत वर्ष-2007 में हुई, जब रवीन्द्र प्रभात ने चिट्ठाकारी में एक नया प्रयोग प्रारम्भ किया और ‘ब्लॉग विश्लेषण’ के द्वारा ब्लॉग जगत में बिखरे अनमोल मोतियों से पाठकों को परिचित करने का बीड़ा उठाया। 2007 में पद्यात्मभक रूप में प्रारम्भ‍ हुई यह कड़ी 2008 में गद्यात्मचक हो चली और 11 खंडों के रूप में सामने आई। वर्ष 2009 में उन्होंने इस विश्ले्षण को और ज्या़दा व्यापक रूप प्रदान किया और विभिन्न प्रकार के वर्गीकरणों के द्वारा 25 खण्डों में एक वर्ष के दौरान लिखे जाने वाले प्रमुख चिट्ठों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इसी प्रकार वर्ष 2010 में भी यह अनुष्ठान उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ संपन्न किया और 21 कडियों में तथा 2011 और 2012 में 25 खंडों में ब्लॉेग जगत की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्तु त करके एक तरह से ब्लॉतग आलोचना कर्म और इतिहास लेखन का सूत्रपात किया। ब्लॉग जगत की सकारात्मक प्रवृत्तियों को रेखांकित करने के उद्देश्य से अभी तक जितने भी प्रयास किये गये हैं, उनमें ब्लॉगोत्सव एक अहम प्रयोग है। अपनी मौलिक सोच के द्वारा रवीन्द्र प्रभात ने इस आयोजन के माध्यम से पहली बार चिट्ठा जगत के लगभग सभी प्रमुख रचनाकारों को एक मंच पर प्रस्तुत किया और गैर ब्लॉगर रचनाकारों को भी इससे जोड़कर समाज में एक सकारात्मीक संदेश का प्रसार किया। इनके द्वारा प्रत्येक वर्ष 51 चिट्ठाकारों का सारस्वत सम्मान परिकल्पना सम्मान के नाम से किया जाता है।‘’ [ हिंदी चिठ्ठाजगत –विकिपीडिया ] ६.ब्लॉग का महत्व :-

           आज सम्पूर्ण विश्व मनुष्य की आधुनिक हाथेली पर आ गया हैं | पलक झपकते ही वह विश्व का भ्रमण कर सकता हैं | ब्रम्हांड की जानकारी प्राप्त कर सकता हैं | साथ ही अपने अनुभव, जानकारी, विचार को प्रस्तुत कर सकता हैं | संगणक, मोबाईल, लैपटॉप, आईपॉड, ट्याब आदि पर अंतर्जाल ने सबकुछ सुविधा जनक बना दिया हैं | एक बटन दबाते ही विश्व के अनंत कोष से इच्छित वस्तु की जानकारी सहजता से घर बैठे प्राप्त हो सकती हैं | समाचार पत्र, पत्रिकाओं, वेब साईट ने भी जानकारी का खजाना हमारे सम्मुख खोल दिया हैं | अंतर्जाल की सबसे श्रेष्ठ खोजों में ब्लॉग, चिठ्ठा जगत की खोज ने वैक्तिक मीडिया में क्रन्तिकारी कदम रख दिया हैं | जहाँ हम अपने विचारों,भावनों के साथ साहित्य से जुडी सामग्री को भी प्रस्तुत कर सकते हैं | कई कवि, लेखकों के लिए यह आसान और विश्व के कोने-कोने में पहुँचने वाला मंच मिल गया हैं | ब्लॉग अभिव्यक्ति का वह मंच हैं, जो अपनी बात, विचार, संदेशों को कलात्मक ढंग से शीघ्रता से [ पलक झपकते ही ]  पाठकों तक बेरोक-टोक पहुँचाता हैं | जो यश प्राप्ति के साथ धन की भी प्राप्ति का साधन बनता जा रहा हैं | आजकल तो बहुत से लोग ब्लॉग लेखन का प्रयोग व्यावसायिक तौर पर करते हुए नजर आते हैं | 

डॉ॰सुनील जाधव नांदेड,महाराष्ट्र

09405384672 [whats aap/hike/teligram]