सदस्य:Hindustanilanguage/हिन्दी विकिपीडिया और लोकतांत्रिक व्यवस्था

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

इस वर्ष (2018) फ़रवरी के महीने में हिन्दी विकिपीडिया के पूर्व प्रबंधक अनिरुद्ध का प्रबंधक पद के लिए लिए नामांकन हुआ। यह इसलिए आवश्यक हो गया था क्योंकि इससे वे असक्रियता के कारण यह पद खो चुके थे। ऐसे में एक पुनरीक्षक के नाते मेरी उनसे जो बात-चीत प्रबंधकीय अधिकार मतदान की परियोजना पृष्ठ पर "टिप्पणी" के अनुभाग में हुई थी, जिसमें कुछ अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया था, वह मैं यहाँ नीचे असम्पादित रूप में लिख रहा हूँ:

*  टिप्पणी अनिरुद्ध जी, आपने हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार शैलेश मटियानी की उपन्यासों पर केवल एक वाक्य के कई लेख क्यों बनाए हैं? क्या उन सबको केवल मूल रूप से शैलेश मटियानी लेख में सम्मिलित करना ही उचित नहीं था? इसके अतिरिक्त लेखों कहीं आपने शैलेश मटियानी लिखा है तो कहीं शैलेष मटियानी" लिखा है (जिसे मैंने बदलकर शैलेश किया)। कृपया सही वर्तनी के मामले में मार्गदर्शन कीजिए। धन्यवाद। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 09:40, 18 फ़रवरी 2018 (UTC)
प्रिय साथी, पता नहीं एक पंक्ति के लेख के संबंध में आपकी क्या धारणा है किंतु मेरी सोच विकि संस्थापक जिमि से मिलती है। उन्होंने कहा था कि “विलियम सेक्सपियर पर मैने एक पंक्ति का लेख बनाया था आज सैंकड़ों लोगों ने मिलकर उसे हजारों पंक्तियों का लेख बना दिया है।” बड़े लेख बनाना आदर्श स्थिति है किंतु थोड़ी भी जानकारी रहने पर एक पंक्ति के लेख बनाने से परहेज नहीं होना चाहिए। यदि ऐसे लेख के विकसित होने की संभावना है तो प्रबंधक होने पर उसे मिटाने की भी कोशिश नहीं करनी चाहिए। शैलेश संबंधी आलेखों में वर्तनी सुधारकर आपने विकिहित में कार्य किया है जिसके आगे भी करते रहने की आपसे उम्मीद है। अनिरुद्ध! (वार्ता) 17:49, 19 फ़रवरी 2018 (UTC)
  •  टिप्पणी अनिरुद्ध जी बहुत पुराने व अनुभवी सदस्य होने के साथ साथ साहित्य से भी जुड़े हुए सदस्य हैं। एक वाक्य लेखों को बनाने के बारे में मेरा बहुत हूई सकारात्मक विचार है, हां अन्य लोगों के विचार मुझसे अलग भी हो सकते हैं। एक वाक्य लेख बनाने के कई कारण होते हैं। जब आप कोई बड़ा वृहत लेख बना रहे होते हैं, तब उसकी लाल कड़ियों को बहुत सी तो नये लेख बना कर नीली कर दें, किन्तु बहुत सी गौड़ सम्बन्धित (विषय से कम सम्बन्धित, केवल उस व्यक्ति, शहर आदि से जुड़े) विषयों को लेख बनाने होते हैं, अन्यथा आपका मुख्य लेख लाल दिखेगा। तब यदि आप उन सभी लेखों को ध्यान देने व बनाने में लग जायेंगे, तो मुख्य लेख को हानि होगी - समय व ध्यानाकर्षण , दोनों की। उदाहरण के लिये मैं अभी आमेर दुर्ग बना रहा हूं, तो नीचे पादसन्दूक में {{भारत के किले}} लगाया है, जिसमें ढेरों लाल कड़ियां थीं। हालांकि मैंने उन्हें लेख बना कर नीला कर दिया, किन्तु यह कार्य मुझे आमेर दुर्ग से दूर ले गया। इतने दिन आमेर दुर्ग पर मैं कार्य नहीं कर पाया, उसके लिये मस्तिष्क में जो जानकारी ताजी-ताजी व तैयार थी, वह मेरे दिमाग से उतर गयी। इस तरह तारतम्य टूट जाता है। दूसरे आवश्यक नहीं कि यदि मेरी रुचि व उपलब्ध सामग्री आमेर दुर्ग बनाने में हो, उतनी ही रुचि व सामग्री उन गौड़ लेखों को बनाने में भी हो। तो क्या ये श्रेयस्कर होगा कि मैं मुख्य लेख छोड़कर उन गौड़ लेखों में दिमाग लगाऊं व मुख्य लेख इसका खामियाजा भुगते?
राय देना तो बहुत सरल होता है कि हां मैं भी एक वाक्य लेख के विरुद्ध हूं, किन्तु उसके पीछे के कारण तो वही जानता है जिसने उसे झेला हो। इसके अलावा भी बहुत से कारण होते हैं, जैसे कि आपकी उस विषय में जानकारी ही न हो, जैसे कि आमेर दुर्ग से हट कर लाल बलुआ पत्थर, विश्व धरोहर समिति आदि लेख बनाने होते हैं, जिनका आमेर दुर्ग से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है। (माना कि बहुत से बने मिल जाते हैं, किन्तु बहुत से नहीं भी मिलते हैं) हां मैं स्वयं को इस स्तर पर मानता हूं कि इतने दुर्गों के लेख मुझे २ दिनों में बनाने पड़े किन्तु उन्हें न्यूनतम स्तर से अधिक (यथासंभव) ही बनाया, किन्तु नियम तो प्रत्येक सदस्य के लिये समान होते हैं। अतः एक वाक्य लेख सिरे से खारिज करने जैसी किसी भी बात का कम से कम मेरा विरोध तो रहेगा।
हाँ इसका अर्थ ये कदापि नहीं कि मैं उन लेखों को बढ़ावा दूं, जितना संभव हो न्यूनतम स्तर से ऊपर का लेख बनाया जाए, किन्तु विषम परिस्थितियों, या नये सदस्यों आदि को ध्यान में रखते हुए एक वाक्य लेख भी बनते रहने चाहिये। इन्हें ऐसे लें कि जैसे किसी ने बीज बो दिये हैं, कोई अन्य खाद देगा, तो कोई अन्य पानी देगा और वह वृक्ष नहीं तो कम से कम पौधा तो बन ही जायेगा। फिर कभी कभी कोई परियोजना या एडिटाथॉन चलाकर एक वाक्य लेखों (आधार) पर ऑनलाइन सामग्री जुटा कर उन्हें बड़े स्तर पर ५-६ वाक्य या अधिक स्तर तक सुधारा जा सकता है। उस परियोजना के सभी प्रतिभागी कम से कम २५ लेखों का विस्तार करें, आदि।
इस तरह एक वाक्य लेख का मैं भी सशर्त समर्थक हूं। और अनिरुद्ध जी का भी।आशीष भटनागरवार्ता 01:12, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)
एक पंक्ति का लेख के विषय में मैने ऊपर जो बातें कही हैं वह सिद्धांत हैं और मैं उसे विकि संकल्पना के उपयुक्त समझता हूँ। किंतु व्यवहारिक तौर पर पिछले कई वर्षों में मैने छोटे लेख नहीं बनाए हैं। इसके विपरीत मेरा ज्यादातर समय नए छोटे लेखों को बड़ा करने का रहा है जिससे कि उन्हें मिटाए जाने से बचाया जा सके। दिनों और वर्ष के रिक्त लेखों तथा छोटे पन्ने के सैकड़ों पृष्ठों को बढ़ाकर आधार स्तर तक करना मेरा प्रिय कार्य रहा है। एक पंक्ति लेख प्रायः नए सदस्य बनाते हैं। अनुभवी सदस्य यह रास्ता ज्ञान और समय की सीमा से बाध्य होकर बड़े लेख की आवश्यकता की पूर्ति के लिए ही करते हैं। आशीष जी का यह अनुभव मेरा भी रहा है। एक पंक्ति का लेख के संबंध में मेरी राय यूँ समझनी चाहिए की मैं छोटे लेखों को बढ़ाने का समर्थक हूँ उन्हें मिटाने का नहीं और स्वयं छोटे लेख बनाने का काम मैने वर्षों पहले छोड़ दिया है। रही छोटे लेखों को मूल लेखों में समाविष्ट करने की बात तो ऐसा तो होता ही है। फिर बढ़ने की संभावना वाले छोटे लेखों को मिटाने की नीति पर यदि हम अमल करें तो हिंदी विकि के पृष्ठ दस हजार रह जाएंगें। लेखों की संख्या का महत्व इससे समझना चाहिए कि जबतक अंग्रेजी विकि में साठ हजार लेख नहीं हुए थे गूगल की खोज परिणामों में विकिपीडिया नहीं आता था। तब विकिपीडिया पर गूगल के जरिए आने वाले भी नहीं थे जिसका सीधा असर विकिपीडिया देखने वालों की संख्या पर पड़ता था। उन्होंने गाँवों तक के लेख बनाकर संख्या बढ़ाई। अंग्रेजी विकि में वह भी एक दौर था। आज उसकी विशालता के कारण स्थिति बदली है। इसके साथ ही वैश्विक विकि सूची में अपना स्थान ऊपर के ५० विकि में देखना भी एक सुखद अनुभव होता है। हिंदी विकि के सदस्य नीति बनाकर छोटे लेखों को मिटाने पर सहमत हों तो मैं उसमें बाधक नहीं बनूँगा। बढ़ाकर जितनों की रक्षा हो सकेगी उतना करने की कोशिश करूँगा। अनिरुद्ध! (वार्ता) 03:23, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)
  •  टिप्पणी अनिरुद्ध जी मैं आपके उत्तर से असन्तुष्ट हूँ। चूँकि मैं भी कहीं प्रबंधक हूँ, इसलिए जानता हूँ कि कभी-कभी रख-रखाव के लिए हम बहुत छोटे लेख बना देते हैं। परन्तु छोटे लेख और पूर्ण रूप से स्रोतहीन एक-वाक्य लेख में बड़ा अन्तर है। फिर भी मैं यहाँ केवल हिन्दी विकिपीडिया की राजनीति और भविष्य में मेरे विरुद्ध दुष्प्रचार की शंका के कारण विरोध में मत नहीं दे रहा हूँ। अन्यथा मेरा भी मत आपके विरुद्ध है और इसके स्पष्ट और प्रमाणित कारण सब के समक्ष देखे ही जा सकते हैं। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 06:47, 25 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुज़म्मिलुद्दीन जी, क्यों नहीं आप चौपाल पर एक चर्चा शुरू करें और पूर्ण रूप से स्रोतहीन एक-वाक्य लेख की अनावश्यकता या बुराइयों पर चार वाक्य लिखने का यत्न करें । मैं देखना चाहता हूँ कि आप इसकी कितनी बुराई कर पाते हैं और दूसरे लोग इसकी कितनी अच्छाइयाँ गिना पाते हैं।-- अनुनाद सिंह (वार्ता) 10:51, 25 फ़रवरी 2018 (UTC)
अनुनाद सिंह जी, मैं किसी राजनीति का भाग नहीं बनना चाहता और न ही ऐसी स्थिति उत्पन्न करना चाहता हूँ कि मेरे कारण किसी लगभग निश्चित चयन में बाधा पड़े। इसलिए मैंने स्वयं अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। जहाँ तक पूर्ण रूप से स्रोतहीन एक-वाक्य लेख पर आपके व्यक्तिगत उच्च विचारों की बात है, यदि आप उन्हें मेरे वार्ता पृष्ठ पर प्रकट करें तो मुझे जानकर प्रसन्नता होगी। धन्यवाद! --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 11:54, 25 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुज़म्मिलुद्दीन जी, आप कृपया 'राजनीति', प्रबन्धक के लिए अपना मतदान, और 'पूर्ण रूप से स्रोतहीन एक-वाक्य लेख' के महत्व/महत्वहीनता को अलग-अलग रखिये, इनका घालमेल मत होने दीजिये। मुझे यह समझ में नहीं आ रहा कि यहाँ जिस विषय का आप इतनी प्रमुखता से उल्लेख कर रहे हैं, उस पर चार वाक्य लिखने की चुनौती मिलने पर आप बगली क्यों झांक रहे हैं (अपने वार्ता पृष्ट पर उस बात को लिखवाने की बात कर कर रहे हैं जिसे आप ने पढ़ लिखा है और समझ लिया है। 'विद्यमान रण पाई रिपु, कायर कथहिं प्रतापु' )? आप राजनीति से कितना परहेज करते हैं, इस पर अलग से बात करना ठीक रहेगा।-- अनुनाद सिंह (वार्ता) 03:52, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
अनुनाद सिंह जी, मेरे पास विकि-सम्पादन के लिए इतना समय नहीं है कि अनावश्यक वाद-विवाद का मैं भाग बनूँ। आप यदि पूर्ण रूप से स्रोतहीन एक-वाक्य लेख के समर्थन में सदस्यों से समर्थन जुटाना चाहते हैं तो मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं। परन्तु मेरी ओर से चर्चा यहीं समाप्त होती है। धन्यवाद! --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 06:01, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुज़म्मिलुद्दीन जी, मुझे पता है कि चार वाक्य लिखने में कितना समय लगता है, बशर्ते आपके पास कहने के लिए कुछ हो। अब बात अपने आप साफ हो गयी है कि आपने अनिरुद्ध जी के लिए टिप्पणी में जो कुछ लिखा वह तिल को ताड़ बनाकर पेश करने की असफल कोशिश थी।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 06:45, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
अनुनाद सिंह जी अगर आज अनिरुद्ध जी का नामांकन सफल होता है तो इसका एक ही कारण होगा - मेरे विरोध मत का न होना। शेष आपका निवेदन कि "आप चौपाल पर एक चर्चा शुरू करें" न तो मेरे माननीय है और न ही आपका निष्कर्ष कि "जो कुछ लिखा वह तिल को ताड़ बनाकर पेश करने की असफल कोशिश थी" कोई अर्थ रखता है। हो सकता है कि ये आपका व्यक्तिगत आकलन है और सभवत: आपके इस भय से प्रेरित है कि आपके अधिकांश लेखों में कहीं को सन्दर्भ-स्रोत है ही नहीं और उनमें सामग्री भी सीमित है। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 07:12, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुज़म्मिलुद्दीन जी, चौपाल पर चर्चा मैने आरम्भ कर दी है। अब भी आपको लिखने में कोई बाधा शेष रही हो तो कृपया बताइयेगा। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 08:54, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
  • मुज्जम्मिल जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद कि अपने विरोध में मत नहीं दिया। उम्मीद करता हूँ कि अनिरुद्ध जी आगे भी गुणवत्ता का ध्यान अवश्य रखेंगे।--आर्यावर्त (वार्ता) 07:20, 25 फ़रवरी 2018 (UTC)

हालाँकि मैंने अनिरुद्ध जी के योगदान पर अवश्य प्रश्न उठा रहा था, परन्तु मैंने उनके विरुद्ध अपने मत का प्रयोग नहीं किया जिससे उनके चयन में बाधा पड़ती। फिर भी यह चर्चा कुछ लोग चर्चा चौपाल पर ले गए। वहाँ जो हुआ उसका असम्पादित पाठ यहाँ है:

एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख

यह चर्चा [1] के सन्दर्भ में है और उसे विधिवत आगे बढाने के लिए है। कृपया सदस्यगण अपने विचार रखें कि एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख उपयोगी हैं या नहीं? क्या एक उल्लेखनीय विषय पर बना लेख हटा दिया जाना चाहिये? एक वाक्य के लेख के लिए क्या सन्दर्भ आवश्यक है? क्या सन्दर्भ सभी कथनों (वाक्यों) के लिए होता है या केवल ऐसी बात के लिए जो दूसरों को आपत्तिजनक/असत्य/न पचने लायक/सन्देहास्पद लगती हो? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 07:28, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)

कोई भी टिप्पणी लिखने से पूर्व मैं ये कहना चाहूंगा कि मुज़म्मिल जी एवं अनुनाद जी, दोनों ही मेरे प्रिय हैं व टिप्पणी मात्र मुद्दे पर है, इनमें से किसी व्यक्तिविशेष पर नहीं। मेरे विचार से किसी लेख को गलत पाठ, दोहराव (द्विरावृत्ति), फालतू पाठ जो विषय से सम्बन्धित न हो, आदि किसी कारण से हटाया जाए तो सही, अन्यथा मात्र इन दो कारणों से हटाया जाए कि
  • कारण १: एक वाक्य
  • कारण २: सन्दर्भहीन
कारण १ -- एक वाक्य लेख बुरे से बुरा क्या हानि कर सकता है, कुछ या कई वर्षों के बाद भी किसी ने उस पर सुधार या वृद्धि नहीं की और लोग यह कहेंगे कि यहां तो ऐसे ही लेख बने हुए हैं। यदि मूल सम्पादक ने उसे कुछ बड़ा ही बना दिया होता तो शायद ये बात न होती। अब सोचिये कि यदि सम्पादक ने उस विषय पर लेख बनाय़ा ही न होता, और कुछ या कई वर्षों के बाद लोग देखेंगे कि अमुक विषय पर यहां कोई लेख है ही नहीं। क्या ये है ही नहीं वाली स्थिति अधिक श्रेयस्कर होगी? वह उपयोक्ता कहेगा कि कम से कम १-२ वाक्य तो लिख दिये होते इस विषय पर--- वही तो लिखे हैं इन एक वाक्य लेखों में। और बाद में यदि किसी को वह लेख मिलता है, जो उसमें कुछ वृद्धि कर सकता है - तो हार्दिक स्वागत है। वह कर ही देगा। जैसे मैंने आमेर दुर्ग को निर्वाचन स्तर तक पहुंचाने का प्रयास किया है। (कृपया लगे हाथों उसकी समीक्षा भी कर दें)
कारण २ -- सन्दर्भहीन लेख यदि बना हुआ है और किसी की दृष्टि पड़ती है तो बजाय उस पर ये टैग लगाए, एकाध सन्दर्भ ही न लगा दे। वर्ना टैग लगे लेखों को कभी किसी दिन कोई भी अच्छा सम्पादक, उठा कर १०-१२ या २०-२५ लेखों में सन्दर्भ ही लगा दें व टैग हटा दें। इस पर कार्यशाला भी रखी जा सकती है, और ये योजना भी है कि कार्यशाला करेंगे।
अब इसके अलावा छोटे लेख बनाने के कुछ अन्य कारणों का विस्तार मैंने प्रबन्धक हेतु निवेदन पृष्ठ पर भी दिये हैं। इन सबके प्रकाश में एवं जिमी वेल्स के कथनानुसार एक वाक्य लेख भी उतने बुरे नहीं हैं जितने बताये जाते हैं। अब ये मेरी निजी राय है जिससे कुछ अन्य प्रबन्धक भी इत्तेफ़ाक़ रखते हैं, किन्तु ये नियम नहीं है। शेष सर्वसम्मति।आशीष भटनागरवार्ता 13:51, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
आशीष जी, आपका धन्यवाद कि आपने एक प्रकार से निष्पक्ष रूप से अपने विचार रखे। असल मुद्दा जैसा मैंने समझा है, यह है कि एक अनुभवी योगदानकर्ता के रूप में आपका योगदान कैसा होना चाहिए? मेरे विचार से यदि आपको छोटे लेख लिखना ही है, तो उसमें कुछ वाक्य अवश्य होना चाहिए। यदि एक वाक्य तक ही सीमित कोई लेख हो तो कम से कम स्रोत-सन्दर्भ अवश्य होना चाहिए - यह बात केवल अनुभवी, विशेषाधिकार-प्राप्त लोगों के बारे में है कि वे गुणवत्ता का ध्यान रखते हैं या नहीं। रहा यह प्रश्न कि क्या यदि कोई अन्य सदस्य एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख लिखे तो क्या उन्हें हम स्वीकार करेंगे - हम सब स्वयंसेवक हैं - किसी को किसी चीज़ पर बाध्य नहीं किया जा सकता - सामग्री की प्रबंधकगण जाँच कर सकते हैं और यदि कोई स्थान/व्यक्ति/ विषय को वास्तविक अथवा ज्ञानकोशीय वे पाते हैं तो रहने दें - अन्यथा हटा दें। परन्तु ये सब मेरे विचार हैं। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 17:22, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुज़म्मिलुद्दीन जी, इतनी विनती करने के बाद अपने सबसे चहेते विषय पर आपने लिखा किन्तु आप क्या कहना चाहते हैं, सब घालमेल हो गया। आपके इस सन्देश से तो 'एक वाक्य वाले सन्दर्भहीन लेखों' की तुच्छता कहीं सामने नहीं आ रही, जबकि इसे लेकर ही आप किसी की कबर खोदने में लगे हुए थे।---अनुनाद सिंह (वार्ता) 04:47, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुज़म्मिलुद्दीन जी, सन्दर्भ नीकालने के सन्दर्भ में आप क्या कहते हैं? तब सन्दर्भ की अनिवार्यता का तर्क कहाँ चला जाता है? क्यों सन्दर्भ नीकालने पर भी सब मौन हो जाते हैं? केवल इस लिये कि करने वाला अपने अनुकूल है, अन्ततः समर्थन तो उन्हीं से मिलने वाला है, तो मौन रहो और किसी की कोई छोटी सी क्षति/मतभेद हो जाए और अपने अनुकूल नहीं, तो विरोध करो या उसे दुर्गुण घोषित कर ढंढेरा पीटो? ॐNehalDaveND 17:32, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुझे जहाँ तक याद पड़ता है, जिस सदस्या से इस लेख-सामग्री पर चर्चा हो रही थी, उसने विकि ही पर मुझे उनके पक्ष में आवाज़ उठाने के लिए कहा था। परन्तु असहमत होने के कारण मैंने नहीं किया। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 17:41, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)
यही तो बात है महोदय, कितना निष्पक्ष हो कर आपने यह प्रत्युत्तर और वहाँ आचरण किया। ऐसे समय सत्य को सत्य और असत्य को असत्य कहने की शक्ति कहाँ जाती है? परन्तु जैसे ऊपर आप सन्दर्भ की अनिवार्यता पर अटल/आक्रामक हैं, वैसे क्यों वहाँ प्रतीत नहीं हो रहे? अब ये प्रश्न चिह्न ही नहीं, वास्तविकता का चिह्न है। ॐNehalDaveND 04:37, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)
 टिप्पणी यह चर्चा अनुनाद सिंह जी ने एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेखों के बारे में प्रारंभ की है, किसी व्यक्ति विशेष पर केन्द्रित नहीं की थी। हिन्दी विकिपीडिया पर किसी महाप्रबंधक / Superhero का कोई प्रावधान नहीं जो हर मामले में हस्तक्षेप करे। अगर इस प्रकार के लोग होते अवश्य "ढंढेरा पीटो" जैसी भाषा पर टोका जाता या कम से कम स्थिति स्पष्ट की जाती कि यदि अनिरुद्ध जी आज प्रबंधक बने भी हैं तो केवल इसलिए कि एक सदस्य जो उनके कुछ सम्पादनों से असंतुष्ट था, उनके विरुद्ध अपने मत का प्रयोग नहीं किया। इस पूरे मामले को अन्देखा करके तुच्छता और "सत्य और असत्य" जैसी बातें करके असल मुद्दे से हटकर यहाँ राजनीति से प्रेरित बातें रखी जा रही जो व्यर्थ में समुदाय का समय नष्ट करने का प्रयास है और पूर्ण रूप से अप्रसांगिक है। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 17:44, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुज़म्मिलुद्दीन जी, मेरा मानना है कि विकि के बारे में दो बातें जो नहीं जानता है उसे किसी विकि का प्रबन्धक होने पर शर्म आनी चाहिये। उसमें से पहली बात आधार लेखों का महत्व और दूसरी बात 'साधारण लोगों के कोलैबोरेशन से असाधारण काम का होना' है। आपने बड़े जोर से 'एक वाक्य वाले स्रोतरहित लेखों' के मुद्दे का उपयोग करना शुरू किया था किन्तु अभी तक उनके महत्वहीनता (तुच्छता) पर एक वाक्य भी नहीं लिख पाये। चार वाक्य तो बड़े दूर की कौड़ी है। उसके बजाय तरह-तरह के बहाने बनाये जा रहे हैं। कहीं 'तुच्छता' का उपयोग आपको खलने लग रहा है, कहीं अलग से चर्चा करने का निवेदन। श्रीमान जी, मैं बहुत पहले इस समूह को बता चुका हूँ कि हिन्दी विकि पर आपका अवतरण ही उस समय हुआ था जब यहाँ राजनीति ही नहीं बल्कि डिक्टेटरशिप चल रहा थी। मैं उसे फिर से दोहराऊँ, शायद इसकी आवश्यकता नहीं है। लोगों की स्मृति इतनी कमजोर भी नहीं होती।-अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:41, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
मेरे विचार से ऐसे लेखों को हटा देना चाहिए। यदि एक भी संदर्भ नही है तो उस वाक्य की कोई प्रमाणिकता नही है। विकि एक encyclopaedia है जिसके लिए प्रमाणिकता एक अहम जरूरत है। इसके अतिरिक्त यदि किसी को वह पृष्ठ रखना हो तो वह संदर्भ के साथ कभी भी पुनर्निर्माण कर सकता है। Capankajsmilyo (वार्ता) 01:45, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
क्या कहीं लिखा है कि 'गाय के चार पैर होते हैं' तो इसके लिए आप सन्दर्भ मांगेंगे? कहीं १० x २ = २० लिखा है तो आपको सन्दर्भ चाहिए? कोई लिख दे कि 'आलू जमीन में पैदा होता है' तो वहाँ भी आपको सन्दर्भ चाहिए? क्या आपको पता है कि 'आधार लेख' या 'बीज लेख' का क्या अर्थ है? बीज जमीन में सालों पड़ा रहता है और जब उचित परिस्थितियाँ पैदा होतीं हैं तो उसमें से अंकुर निकलता है जो वटवृक्ष भी हो सकता है। एक वाक्य का लेख बना दिया और उसे अन्य भाषाओं के लेखों से जोड़ दिया तो ही बहुत बड़ा काम हो गया। उदाहरण के लिए किसी रोग पर आपने लेख बना दिया तो आपने कुछ खोज करके या अपनी जानकारी के आधार पर उस रोग का हिन्दी नाम दे दिया है- यह बहुत बड़ा काम है। हो सकता है कोई इसीलिए लेख नहीं शुरू कर पा रहा हो कि उसे हिन्दी शब्द पता नहीं है जबकि वह उस रोग के बारे में लिखने में सक्षम है। कोई हिन्दी वाला उस रोग का नाम जानता हो, वह खोजते-खोजते उसके संगत अंग्रेजी लेख तक पहुँच सकता है (हो सकता है वह उस रोग का अंग्रेजी नाम न जानता हो)। वह अंग्रेजी वाले लेख से पढ़कर कुछ वाक्य हिन्दी में लिख सकता है। इसके अलावा यह बात पहले ही कही जा चुकी है कि सन्दर्भ न होने के कारण उस लेख को हटाने का परिश्रम करने के बजाय सन्दर्भ खोजकर उसमें जोड़ने का परिश्रम क्यों न किया जाय? एक वाक्य से दो वाक्य बनाने का परिश्रम क्यों न हो? क्या हमारे हिन्दी वाले इतना अयोग्य हैं कि एक वाक्य वाले लेख में एक सन्दर्भ नहीं लगा सकते, एक चित्र नहीं जोड़ सकते, एक-दो वाक्य बढ़ा नहीं सकते, कोई बाहरी कड़ी नहीं लगा सकते?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 10:50, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
मुज़म्मिलुद्दीन जी, जो दोनों बातें सन्दर्भ की हो वें कैसे अप्रासङ्गिक हो सकती हैं? राजनीति सर्वदा किसने प्रारम्भ की है और कौन करता है, यह किसी से छिपा नहीं है। जब तर्क न दे पाएँ, तो सदस्य की भाषा पर प्रश्नार्थ करके सदस्य पर ही दोषारोपण कर दिया जाता है। परन्तु वास्तविकता ये है कि कुछ लोग पक्षपाती कार्य करने के लिये ही हिन्दी विकिपीडिया की नीतिओं की आड लेते हैं। उसके अतिरिक्त नीतिओं और व्यवस्था की बात व्यर्थ चर्चा बन जाती है। अतः किसी भी राजनीति के भय के विना मैं पक्षपाती सदस्य के विरोध में खड़ा रहता था और रहूँगा। यहाँ "तुच्छता" शब्द अनावश्यकता के सन्दर्भ में प्रयुक्त हुआ है, परन्तु आप "ढंढेरा पीट कर" उसे मार्गान्तरण दे रहे हैं। ये प्रमाण है आपके पक्षपात का और सार्थक चर्चा को व्यर्थ बनाने के प्रयास का। प्रबन्धक मौन हैं, चहिते लोग सीधे सीधे उत्तर नहीं मिलेगा बोलकर नीकल जाते है, कुछ लोग "उखड़ जाओ" कह कर अपनी तानाशाही का परिचय दे रहे हैं, परन्तु व्यर्थ चर्चा और अप्रासङ्गिक बात कर समुदाय का समय मैं व्यर्थ कर रहा हूँ? ॐNehalDaveND 05:49, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
इस चर्चा को सार्थक बनाने के लिए मैंने अंग्रेजी विकिपीडिया से विकिपीडिया:एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख का निर्माण किया है| सभी सदस्यों को इसके संपादन में आमंत्रित करना चाहूंगा| Capankajsmilyo (वार्ता) 10:59, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
Capankajsmilyo, कुछ लिखने के पहले ही आपने सारांश लिख दिया है। मेरा विचार है कि यह जो चर्चा हो रही है उसी को वहाँ सारांश रूप में लिखना चाहिए। पहले तो आप यह स्पष्ट करें कि 'जिनका विस्तार सम्भव नहीं है' का क्या अर्थ है? कौन निर्धारित करेगा कि किसी लेख का विस्तार सम्भव है या नहीं? क्या विस्तार होने की आशा रखना (अशावादी होना) मूर्खता है? आप ऐसे लेखों को बनाए रखने (न हटाने) से होने वाली केवल एक हानि भी गिना सकते हैं? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:25, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
अनुनाद जी अपने प्रश्नो के उत्तर के लिए कृपया en:wikipedia:One sentence does not an article make देखें| Capankajsmilyo (वार्ता) 11:37, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
Capankajsmilyo, बन्धु , अंग्रेजी विकि और हिन्दी विकि की स्थिति में बहुत बड़ा अन्तर है। इतना अन्तर है कि कह सकते हैं कि कुछ बातों में दोनों एक दूसरे के उल्टे हैं। हिन्दी विकि पर लेख बनाने और बढ़ाने वालों के लाले हैं। अंग्रेजी विकि पर वे लेख न हटाये और किसी भी ऐरू-गैरू के सम्पादन को बनाये रखें तो वहाँ अराजकता फैल जायेगी। इसलिए वे जो तर्क कर रहे हैं अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए कर रहे हैं। हम अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए चर्चा करें और निर्णय लें, दूसरे की अंधी नकल करके नहीं। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:49, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
Capankajsmilyo, इसके अलावा बड़े साफ शब्दों में लिखा है कि वह (लेख/राय) कोई अंग्रेजी विकि की नीति नहीं है बल्कि एक या कुछ लोगों की निजी राय है। अतः आप उसको पढ़ने का क्या लाभ है, स्वयं समझ सकते हैं। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:55, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
आपका कथन से मैं कुछ हद तक सहमत हूँ | इसीलिए मैंने केवल शीर्षक अवतरण करके सूचना दी है और यहाँ के समुदाय को अपनी निति स्वयं तय करने के लिए आमंत्रित भी किया है | इस पृष्ठ को निर्मित करने का मेरा मुख कारन है इस चर्चा का सार्थक परिणाम निकलना है | पुराणी बहुत से चर्चाओं में कोई नतीजे का निर्णय नहीं किया गया और बहुत सी चर्चाओं में तो भाग भी नई लिया गया | इससे उत्पन्न होने वाले निरंतर विवादों को काम करने के लिए मैंने इस प्रकार के पृष्ठ के निर्माण की पहल की है | Capankajsmilyo (वार्ता) 12:01, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)
Capankajsmilyo, बन्धु, आपकी खुली सोच के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैंने बाद में देखा कि उक्त लेख के वार्ता पृष्ट में लोगों ने बड़ी सफाई से उस विचार का प्रतिकार किया है। वार्ता में लोगों ने कमोबेश वही बातें लिखीं है जो मैं ऊपर हिन्दी में लिख चुका हूँ। अन्त में किसी ने उस लेख को ही हटाने का प्रस्ताव कर दिया है। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 12:09, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)

विकिपीडिया:एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख[संपादित करें]

इस लेख को प्रथम-दृष्टा तैयार कर दिया गया है| सभी सदस्यों से अनुरोध है की इसमें यदि बदलाव की आवश्यकता हो तो प्रस्तावित करे अन्यथा इसके समर्थन या विरोध में अपने विचार प्रकट करे | Capankajsmilyo (वार्ता) 13:15, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)

समर्थन[संपादित करें]

विरोध[संपादित करें]

टिप्पणी[संपादित करें]

@Capankajsmilyo: जी, आप से अनुरोध है कि ये कार्य हिन्दी विकिपीडिया के सक्रिय एवं वरिष्ठ सदस्यों पर छोड़ दें। विरिष्ठ सदस्यों के बदलाव पूर्ववत न करें।--आर्यावर्त (वार्ता) 02:24, 1 मार्च 2018 (UTC)

आपकी अपमानजनक टिप्पणी के लिए धन्येवाद। Capankajsmilyo (वार्ता) 03:38, 1 मार्च 2018 (UTC)
हिंदी विकि पर आकर मैंने एक नई चीज देखी है जो अन्य विकि पर नही है। जिस प्रकार माननीय सदस्य ने विषय की बजाय मुझपर चर्चा करने में अधिक रुचि दिखाई इसी प्रकार यहाँ की अधिकतर चर्चाये हिंदी विकि की बजाय एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में अधिक रूप लेती है। यदि कम से कम इस चर्चा को विषय पर केंद्रित रखा जाए तो मेहरबानी होगी। Capankajsmilyo (वार्ता) 03:58, 1 मार्च 2018 (UTC)
कुछ विकिनीतियों की और सभी सदस्यों का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा - विकिपीडिया:शिष्टाचार विकिपीडिया:अच्छी नीयत माने विकिपीडिया:निजी टिप्पणियाँ एवं आक्षेप विकिपीडिया:नए उपयोगकर्ताओ से अच्छा व्यवहार Capankajsmilyo (वार्ता) 04:10, 1 मार्च 2018 (UTC)

@Capankajsmilyo: जी, अगर एक वाक्य के सन्दर्भरहित सारे लेख हटा दिये जायेंगे तो भारत के जिलों का तो एक भी लेख नहीं बचेगा। केवल वे लेख जो उल्लेखनीय नहीं हैं वही हटाये जाने चाहिये। धन्यवाद!--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 15:07, 1 मार्च 2018 (UTC)

Godric ki Kothri जी, मैं आपकी बात से सहमत हूँ। इसलिए मैंने जो प्रस्ताव रखा है वह कुछ इस प्रकार है Capankajsmilyo (वार्ता) 15:31, 1 मार्च 2018 (UTC)
एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख यदि उल्लेखनीय न हो तो उन्हें पृष्ठ हटाने की नीति के अनुसार हटाया जाए। पृष्ठ को बनाये रखने के तर्क देते समय कृपया सत्यापनीयता तथा विशेष रूप से वि:बोझ का ध्यान रखें।
यदि कोई लेख उल्लेखनीय नहीं हो तो पहले भी हटाया जाता रहा है। इसमें नया क्या है? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 16:51, 1 मार्च 2018 (UTC)

बहरहाल, यह दु:ख की बात है कि हिन्दी विकिपीडिया पर मतदान के समय यदि कोई मुझ-जैसा व्यक्ति केवल शोध के बाद अपने विचार रखता है तो भी लोग इसमें राजनीति करते हैं और असल मुद्दे को छोड़कर मुझे अनैतिक रूप से घेरने का प्रयास करते हैं। इससे पहले के मतदान में एक वर्तमान रूप से प्रबंधक सज्जन यही अनिरुद्ध जी को दिए गए मेरे विरोध मत को "निन्दनीय" घोषित कर चुके हैं हालाँकि उस समय मैं स्पष्ट रूप से कह चुका हूँ कि मैं विरोध इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि मुझे शंका है कि वे चुनाव के बाद फिर से असक्रिय हो जाएँगे। क्या सारे अधिकार इन सज्जन पुरुष को प्राप्त हैं और मैं कुछ कह भी नहीं सकता? हिन्दी विकिपीडिया के लिए जो विशेष प्रयास मैंने किए थे, उन्हें मैंने अपने सदस्यपृष्ठ पर एक सारणी में संक्षिप्त रूप में वर्णित कर चुका हूँ। क्या उनका कोई मूल नहीं? क्या सारे प्रबंधकों ने मुझसे अधिक सम्पादन अथवा लेख लिखे हैं? क्या कारण है कि इस वर्ष एक पूँजीपति लैपटॉप का अनुदान माँग सकता है और किसी को आपत्ति नहीं या फिर कुछ समय पूर्व एक सदस्य गौरवपूर्ण रूप से चौपाल पर यह घोषित करते हैं कि एक पूँजीपति के पूरे परिवार को हवाई यात्रा मिलना ही चाहिए। व्यक्तिगत रूप से मैं संकीर्ण विचारों की सोच (किसी में सदैव भलाई ढूँढने और दूसरे को सदैव बुरा समझने की परम्परा), अर्थहीन लम्बी चर्चाओं और बिना संकोच परिवारवाद और पूँजीवाद को जगह देने के रुझान को असुविधाजनक मानता हूँ। परन्तु यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं, यदि आप कुछ और सोचते हैं तो भी हिन्दी विकिपीडिया पर आपका हार्दिक स्वागत है।