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शकुन्तला देवी[संपादित करें]

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

शकुन्तला देवी भारत के कुछ महिला गणितज्ञों से एक हॅ। ४ नवंबर,१९२९ मे कर्नाटक के सब्से बडे शहर बंगलोर मे एक ब्राहमण परीवार मे हुआ था। बचपन मे, ३ साल कि उम्र मे संख्या याद करने कि शक्ती को देखकर उन्के पिताजी ने उसे बहुत प्रोत्साहित किया। उन्होने अपनी बेटी की इस शक्ति को दर्शाने के लिए अनेक प्रदर्शन करना शुरू किया। शकुन्त्ला जी को औपचारिक शिक्षा कभी नही मिली थी। ६ साल कि आयु मे उन्हो ने मैसूर विश्वविद्यालय मे अप्नी प्रतिभा को दिखाया था। तत पश्चात उन्हे "हयुमन कैलकुलेटर" नाम से जाना जाने लगा। वह हर प्रकार के अंकगणित सवालो का जवाब दे सकती थी। ६१,६२९,८७५ का घनमूल, १७०,८५९,३७५ का सातवा रूट, आदि का उतर वह बे जिजक दे सकती थी। १९४४ मे अपने पिता के साथ श्कुन्तला जी लंडन चली गई। १९६० मे भारत लोटकर श्कुन्तला देवी ने परितोश बेनरजी के साथ विवाह किया। अप्रैल २०१३ मे सशक्त समस्या के कारण शकुन्तला जी को एक बंगलोर के अस्पताल मे दाखिल किया गया था। २ हफते के बाद किडनी ऑर हार्ट खराब होने के कारण उन्का देहान्त हो गया। तब उन्की आयु ८३ वर्ष थी। ४ नवम्बर, २०१३ मे "गुगल डुडल" बनाकर, उन्के ८४ जन्मदीन को सम्मानित किया गया।

कार्य जीवन[संपादित करें]

अपने कौशल को दुनिया के साम्ने प्रदर्शित करने के लिए फ्रान्स, अमरिका, रूस, आदि जॅसी देशो मे श्कुन्तला जी ने यात्रा कि हॅ। १९८२ मे "गिनिस वर्लड रेकार्ड" मे उन्का नाम जोडा गया। उस पुरस्कार को पाने के लिए श्कुन्तला देवी ने ७,६८६,३६९,७७४,८७० × २,४६५,०९९,७४५,७९९ का सही जवाब १८,९४७,६६८,१७७,९९५,४२६,४६२,७७३,७३० केवल २८ सेकंड मे दे दिया था। १९७० से शुरू करते हुए श्कुन्त्ला जी ने अमरीका कि अनेक विश्वविद्यालय मे मानसिक गणित के भाषण दिए हॅ। इस विषय पर उन्हो ने कई पुस्त्के भी लिखि हॅ। बच्चो के लिए पुस्त्के ऑर पहेलीयों कि रचना भी शकुन्तला देवी ने कि हॅ।'फिगरींग: ध जोय आफ नंबर्स' उनकी एक पुस्तक मे उन्होने मानसिक गणना कि एनेक तकनिको का वर्णण किया हॅ। कुल मे श्कुन्तला जी ने गणित के शेत्र मे १० पुस्त्कोअ कि रचना की। १९६९ मे उन्हे फिलीपींस विश्वविद्यालय मे से एक प्रतिष्ठित शीर्षक से सम्मानित किया था। १९८८ मे वाशिंगटन मे "रामानुजन पुरसकार" दिया गया।

संदर्भ[संपादित करें]

[1] [2]

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Shakuntala_Devi#Death_and_legacy
  2. https://www.karnataka.com/personalities/shakuntala-devi/