सदस्य:Dr.jagdish

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वत्रनि
वर्तनी

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जय हिंद

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प्रवेशद्वार:हिंदी


नमस्कार ! मेरा नाम डॉ० जगदीश व्योम है । मैं हिन्दी साहित्य से जुड़ा हुआ हूँ। विकिपीडिया के कार्य को देखकर बहुत प्रभावित हूँ और यहाँ कार्य करके मुझे बहुत खुशी होगी। मैं कवि तथा लेखक हूँ। लोक साहित्य पर मेरा विशेष शोधकार्य है। कन्नौजी लोकगाथाओं पर मैंने लखनऊ विश्वविद्यालय से शोध किया है। मेरी प्रकाशित पुस्तकों में- हिंदी हाइकु कोश, कननौजी शब्द कोश, इन्द्रधनुष(काव्य संग्रह), भोर के स्वर (काव्य संग्रह), कन्नौजी लोकगाथाओं का सर्वेक्षण ऑर विश्लेषण (शोध ग्रंथ), नन्हा बलिदानी (बाल उपन्यास), डब्बू की डिबिया (बाल उपन्यास), सगुनी का सपना (बाल कहानी संग्रह), हिन्दी व्याकरण पर दस पुस्तकें, आजादी के आस पास तथा कहानियों का कुनबा (संपादित कहानी संग्रह)। हिन्दी हाइकु कविता तथा नवगीत पर इस समय विशेष रूप से कार्य कर रहा हूँ। विकिपीडिया पर जो लोग विशुद्ध रूप से हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास व प्रचार प्रसार हेतु कार्य कर रहे हैं, ऐसे लोगों के साथ कार्य करना मुझे बहुत अच्छा लगेगा। मैं विकी पर कुछ महत्त्वपूर्ण सामग्री देने का प्रयास कर रहा हूँ। डा० जगदीश व्योम ०६:५५, २३ मार्च २००८ (UTC)

मैं आजकल निम्नलिखित पृष्ठों पर काम कर रहा हूँ-

दिल्ली के विद्यालय[संपादित करें]

पत्रिकाएँ[संपादित करें]

मर्यादा पत्रिका, माधुरी, चाँद, जागरण, हंस

क्रान्तिकारी[संपादित करें]

चंद्रशेखर आजाद


मथुरा जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

क्रांतिकारी नारियां

परिभाषा:- आचार्य मम्मट के अनुसार काव्य के मुख्य अर्थ ( रस) के विधात तत्व ही दोष है|

प्रसाद ने साहित्यदर्पण में "रसापकर्षका दोष:" कहकर रस का अपर्कष करने वालो तत्वों को दोष बताया है|

दोषों का विभाजन:--- दोषों का विभाजन करना तर्कसंगत नही है काव्यप्रकाश में ७० दोष बताए गये है इन्हे प्रायः पांच दोषो में विभाजित किया गया है:-- १-पद दोष २- पदांश दोष ३- वाक्य दोष. ४- अर्थ दोष ५- रस दोष

साँचा:हाइकु १९८९ के हाइकुकार

साहित्यकार[संपादित करें]

भिखारीदास, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, प्रतापनारायण मिश्र, श्यामसुन्दर दास, आचार्य रामचंद्र शुक्ल,प्रेमचन्द, वियोगी हरि, हरिभाऊ उपाध्याय, जयशंकर प्रसाद, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, राजेन्द्र प्रसाद, विनोबा भावे, रामवृक्ष बेनीपुरी, श्रीराम शर्मा, काका कालेलकर, विनय मोहन शर्मा, रामधारी सिंह `दिनकर', भगवतशरण उपाध्याय, लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय, धर्मवीर भारती,जयप्रकाश भारती,श्रीकृष्ण सरल, गजानन माधव मुक्तिबोध, कुँवर नारायण, शमशेर बहादुर सिंह, आलोक मेहता, सियाराम शरण गुप्त, अमृत लाल नागर, रामनारायण उपाध्याय,रामानन्द ‘दोषी’, नरेश मेहता, डा० जगदीश गुप्त,वृंदावनलाल वर्मा,डा० राजकुमार सिंह, से.रा.यात्री, डा० रामदरश मिश्र, आलोक धन्वा, चंद्रकांत देवताले, आलोक श्रीवास्तव, अशोक मिश्र,त्रिलोक सिंह ठकुरेला


बाणभट्ट, भास, कालीदास, विशाखदत्त, शूद्रक, चरक

निरंकार देव सेवक

बाल साहित्य[संपादित करें]

बाल पत्रकारिता,

प्राचीन ग्रंथ[संपादित करें]

बौद्ध ग्रंथ, पालि साहित्य, त्रिपिटक, विनय पिटक, सुत्त पिटक, अभिधम्मपिटक, उत्तररामचरित, कादम्बरी, राजतरंगिणी, गीतगोविन्द, पंचतन्त्र, हितोपदेश, ढोला लोककाव्य, ढोला-मारू, चम्पूकाव्य

अष्टछाप के कवि[संपादित करें]

सूरदास, नंददास, कृष्णदास, परमानन्ददास, कुंभनदास, चतुर्भुजदास, छीतस्वामी, गोविंदस्वामी

होशंगाबाद के हिन्दी कवि[संपादित करें]

भवानी प्रसाद मिश्रहरिशंकर परसाईशास्त्री नित्यगोपाल कटारेसुभाष यादवमहेश मूलचंदानीगिरिमोहन गुरुजयदेव वशिष्ठभास्कर तैलंगनर्मदा प्रसाद मालवीयसुभाष यादवतेजेश्वर मिश्ररमेशकुमार भद्रावलेजया नर्गिसश्वेता गोस्वामीसन्तोष व्याससंजय कुमार सराठे

फर्रुखाबाद के हिन्दी कवि[संपादित करें]

परमानन्ददास, घाघ, तोषनिधि, मनीराम मिश्र कन्नौज, राजा यशवन्त सिंह, राम जू भट्ट, तुलसीराम, गोविन्द प्रसाद महाभारती, देवी सहाय वाजपेई, गणेश दत्त शास्त्री, शिवनारायण द्विवेदी ‘रमेश’, बचनेश, बाबूराम शुक्ल, पं. लक्ष्मी नारायण गौड़ ‘विनोद’, रामगुलाम मिश्र ‘अबोध मिश्र’, राजेन्द्र नाथ गौड़, डा० मोहन अवस्थी, बिलेलेले, महादेवी वर्मा, हरिराम पथिक, वीरेन्द्र कुमार शेखर,

विविध[संपादित करें]

संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द
सोहनी महिवाल, गोवर्धन पर्वत, अरावली पर्वत, सतपुड़ा पर्वत, विंध्याचल पर्वत, बाल साहित्यकार
मदनमोहन मालवीय, माधवराव सप्रे, मान कवि, मोहनसिंह सेंगर, रामइकबाल सिंह राकेश,

बिस्कोहर की माटी


हिन्दी हाइकु

आज का आलेख[संपादित करें]

विक्रमशिला विश्वविद्यालय
गुड़िया घर
डा० हरदेव बाहरी
बड़े गुलाम अली खां
प्रफुल्ल चाकी
आल्हखण्ड
उदंत मार्तण्ड
एलीफेंटा गुफाएं
गान्धार कला
घनानंद
गुप्तकालीन कला
चंद्रकांत देवताले
मथुरा की मूर्तिकला
राजेश जोशी
रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी

प्राचीन भारत के नगर[संपादित करें]

अंग, अंजनगिरि, अजन्ता, अमरकंटक, अमरावती, अयोध्या, अरिकामेडु, अरिष्टपुर, अवन्ती, अस्सक या अश्मक, अहिछत्र, आबू, इन्द्रप्रस्थ, उज्जयिनी, उदयगिरि, उरुवेला, एरण्डपल्ल, एल्लोर, कन्याकुमारी, कपिलवस्तु, कम्बोज, कर्ण सुवर्ण, कलिंग, काँची,

हड़प्पा

हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण[संपादित करें]

-- डॉ॰ जगदीश व्योम ०२:५७, २७ जून २००९ (UTC)