सदस्य:Deepsi1610434/प्रयोगपृष्ठ/Types of Money Market Instrument

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मुद्रा बाज़ार साधन के प्रकार[संपादित करें]

मुद्रा बाज़ार[संपादित करें]

मुद्रा बाज़ार एक एेसा सेंटर है जहाँ अल्प कालीन स्वभाव की मौदि्रक संपत्तियों या प्रतिभूतियों (सामान्यतः एक वर्ष से कम अवधि की) का व्यापार होता है। वित्त की भाषा में, मुद्रा बाज़ार का अभिप्राय अल्पकालिक ऋण लेने और देने के लिए वैश्विक वित्तीय बाज़ार से है। यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए अल्पकालिक अवधि की नकदी या तरलता का वित्त पोषण प्रदान करता है। मुद्रा बाज़ार वह

मुद्रा बाजार साधन

है जहाँ अल्पकालिक कार्यकाल दायित्व जैसे ट्रैजरी बिल, वाणिज्यिक पेपर, और बैंकों की स्वीकृत्तियां आदि खरीदे और बेचे जाते हैं। मुद्रा बाज़ार ॠण बाज़ार का एक हिस्सा है। इसमें बहुत छोटी परिपक्वता अवधि एक साल से कम के लिए ॠणों का लेन-देन होता है। मुद्रा बाज़ार का लक्ष्य है कि हर एक रुपये का इस्तेमाल हर दिन हो। इसमें कोई भी संस्था रातभर के लिए कर्ज देती है। इसमें छोटी अवधि के लिए पैसों की जरुरत पूरी की जाती है। नकदी की जरुरत के हिसाब से कभी कर्जदाता कर्जदार बन जाते हैं तो कभी कर्जदार कर्जदाता बन जाते हैं। यह पूरी तरह से जरुरत और नकदी आधारित बाज़ार हैं। इसमें नकदी की मांग और आपूर्ति के हिसाब से ब्याज दर तय होती है।

मुद्रा बाज़ार साधन[संपादित करें]

मुद्रा बाज़ार अल्पकालीन पैसे के लिए एक बाज़ार है और वित्तीय परिसंपत्तिया पैसे की सबसे नजदीकी विकल्प हैं। लघु अवधि शब्द का आमतौर पर एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिए प्रयोग किया जाता है। मुद्रा बाज़ार के मुख्य साधन इस प्रकार हैं - कॉल/नोटिस मनी मार्केट , इंटर-बैंक टर्म मनी , ट्रेज़री बिल्स , जमाराशियों का प्रमाण पत्र , वाणिज्यिक पत्र आदि।

कॉल / नोटिस मनी मार्केट[संपादित करें]

कॉल मनी / नोटिस मनी वह पैसा है जो एक लघु अवधि के लिए उधार दिया या लिया जाता है। जब पैसा एक दिन के लिए उधार लिया या दिया जाता है तो इसे कॉल (अोवरनाइट) मनी के रूप में जाना जाता है, इस तरह के पैसे को एक दिन के लिए उधार लिया जाता है और अगले कार्यदिवस पर चुकता कर दिया जाता है, इसे "कॉल मनी" कहा जाता है। जब पैसा १ या उससे अधिक अथवा १४ दिनों से ज्यादा समय के लिए उधार लिया जाता है तो इसे "नोटिस मनी" कहा जाता है। इस तरह के लेन देन के लिए किसी प्रकार की सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होती है।

इंटर-बैंक टर्म मनी[संपादित करें]

१४ दिनों से अधिक की अवधि की परिपक्व जमा राशि के लिए अंतर-बैंक बाज़ार को मुद्रा बाज़ार के रूप में जाना जाता है। इसके लिए वही नियम लागू होते हैं जो कॉल/नोटिस मनी के लिए होते हैं, सिवाय कि मौजूदा नियम जिसमें निर्दिष्ट संस्थाअों को १४ दिनों से अधिक की अवधि के लिए उधार देने के लिए अनुमति नहीं होती है।
विदेशी पैसे

टरेज़री बिल्स[संपादित करें]

भारत में ट्रेज़री बिल्स की शुरुआत १९१७ में पहली बार की गई थी। लघु अवधि के लिए (एक वर्ष तक) केंद सरकार द्वारा उधार लेने के साधनों को ट्रेज़री बिल्स कहा जाता है। सरकार इसी के माध्य्म से उधार लेती है। ये सर्वाधिक तरल प्रतिभूतियां होती है। इनका निर्गमन रिज़र्व बैंक के द्वारा सरकार के लिए किया जाता है। यह सरकार द्वारा किया गया एक वादा है जिसमें जारी होने की तिथि के एक वर्ष से कम अवधि के भीतर राशि का भुगतान करना होता है। इन्हें अंकित मूल्य के लिए एक छूट के तहत जारी किया जाता है।

जमाराशियों का प्रमाण पत्र[संपादित करें]

जमाराशि के प्रमाणपत्र (सीडी) एक विनिमेय मुद्रा बाज़ार साधन है। यह डीमैट के रूप में या बैंक में जमा राशि के लिए एक प्रमाणपत्र के रूप में या एक निर्धारित समय अवधि के लिए किसी अन्य वित्तीय संस्थान द्वारा जारी किया गया एक वचनबध्द प्रमाणपत्र होता है। वर्तमान में सीडी जारी करने के लिए दिशा-निर्देशों क नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किया जाता है जिसमें समय-समय पर संशोधन भी किया जाता है। सीडी को निम्न संस्थान जारी कर सकते हैं : (१) निर्धारित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर वाणिज्यिक बैंक और स्थानीय क्षेत्रीय बैंक (एलएबी);  (२) तथा अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा यह अनुमति प्रदान होती है कि वे एक लघु अवधि के भीतर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय नीतियों के तहत संसाधन जुटाएं। बैंकों को अपनी आवश्यकताओं के आधार पर सीडी जारी करने की स्वतंत्रता है। एक वित्तीय संस्थान (एफआई) कुल मिलाकर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय निर्देशों के आधार पर सीडी जारी कर सकता है। इसे १९८९ में शुरु किया गया था। 

वाणिज्यिक पत्र (सीपी)[संपादित करें]

इसे मूलत: वाघुल समिति की संस्तुति पर मार्च १९८९ को शुरु किया गया था। सीपी एक प्रतिञा पत्र युक्त अल्प अवधि का प्रपत्र है जिसकी अवधि ७ से ९० दिन की होती है। सीपी की न्यूनतम परिपक्वता अवधि ७ दिनों की होती है। इसका निर्गमन बट्टा आधार पर होता है। सीपी साफ तौर पर एक समर्थन करने और वितरण से संबंधित समझौता है। एक कंपनी जो सीपी जारी करने के लिए पात्र होगी -(क) कंपनी का कुल मूल्य, नवीनतम आडिटे की बैलेंस शीट के अनुसार ४ करोड़ रुपये से कम नहीं होनी चाहिए ; (ख) बैंकिग प्रणाली में कंपनी की कार्यशील पूंजी (निधि आधारित) की सीमा ४ करोड़ रुपये से कम नहीं होनी चाहिए और ; (ग) कंपनी के ॠण खाते को वित्तपोषण बैंक /बैंको द्वारा तय एक मानक परिसंपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। न्यूनतम क्रेडिट रेटिंग क्रिसिल द्वारा पी-२ या अन्य एजेंसियों द्वारा तय इसी प्रकार की रेंटिंग होनी चाहिए।

संदर्भ[संपादित करें]

http://www.yourarticlelibrary.com/economics/money/money-market-features-instruments-and-other-details-regarding-money-market/11136

https://indianmoney.com/articles/money-market-and-its-instruments

https://www.fool.com/knowledge-center/characteristics-of-money-market-instruments.aspx