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                                                               बिजली के उपयोग 

वरत्मान युग विज्ञान का युग कहा जाता है । विजान ने समूच जीवन बदल दिया है। विज्ञान ने मनुष्य को अनेक वरदान दिए हैं,जिनमें से बिजली प्रमुख है । यह ऊर्जा का एक शक्तिशाली स्त्रोत है,जिसे अनेक कामों में लगाया जा सकता है । मुख्यत: यह भाप से अथवा पानी से तैयार की जा सकती है । हर दिन के लगभग हर मिनट में हम बिजली का उपयोग करते हैं ,पंरतु हम मे से कुछ ही बिजली के प्रमुख उपयोगों को समझते हैं । ज्यादातर विकसित देशों में घरेलू बिजली का उपयोग आम तौर पर बिजली की कुल खपत का एक तिहाई के बराबर होता है।बिजली के मुख्य चमत्कार इन छ्त्रों में देखा जा सकता है।

रोशनी और पंखे: बिजली के चमत्कार चारों और दिखाई देते है । घर-घर में इससे हम रोशनी करते हैं और पंखे चलाते हैं । इन दो उपयोगों से ही हमारा जीवन आरायमदेह और सुविधाजनक बन गया है । जमगाते घर ,रास्ते,सडकें,दुकानें आदि से हमारी कार्यकुशलता में वृध्दि हुई है। अब हम रात को भी वे सब काम कर सकते हैं, जो केवल सूर्य की प्रकाश में ही कि जा सकते थे। पंखों की सहायता से भी हमारा जीवन आरामदायक बना है।

गरम करने का कार्य[संपादित करें]

बिजली का उपयोग हीटरों में भी होता है। बिजली के हीटरों से हम कडाके की टंडी में भी वसन्त का सा अनन्द ले सकते हैं। बिजली के चूल्हों से खाना बनाया जा सकता है। इससे प्रेस गरम करके अपने कपडों पर स्त्री कर सकते हैं। बिजली की गरमी से एक सबसे लाभ होता है कि इससे वायु दूषित नहीं होता। अन्य सभी प्रकार के ईंधनों से काबॅन डाइआक्साइड तथा अन्य जहरीली गैसें निकलती हैं,जो मनुष्य के स्वस्थ पर बुरा असर डालती हैं, लेकिन बिजली की गमी से कोई गैस नहीं निकलती। इसलिए यह सबसे सुगम और साफ ईंधन का काम करती है। जरा-सा बटन दबाकर जब चाहें हम हीटर या चूल्हा जला और बुझा सकते हैं। तार और टेलीफोन: बिजली ने तार औरटेलीफोन जैसे संचार के सुगम साधन उपलब्ध कराये हैं। तार के जरिये हम दूर-दूर तक संदेश भेज सकते हैं। टेलीफोन के माध्यम से हम संसार के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से आसानी से बातचीत कर सकते हैं। बेतार और रेडियो: बेतार के आविष्कार ने संसार के साधनों को और भी सुगम बना दिया है । इसके द्रारा बिना किसी तार या माध्यम के संदेश ,फोटो आदि भेजे जा सकते है । घर बैठे अखबारों में हम कुछ घंटों पहले की विश्व के दूसरे कोने की दुर्घटना या समारोह के चित्र आदि देख लेते हैं। रेडियो से हम हजारों मील दूर प्रसारित होने वाले कायॅक्रमों को घर बैठे सुनकर आनन्दित होते हैं। टाम ,रेलगाडियों आदि में उपयोग : बिजली की मदद से टाम, गाडियां और रेलगाडियाँ चलाई जाती हैं । बिजली के इंजन अधिक शक्तिशाली होते हैं और इनमें किसी प्रकार का धुआं आदि भी नहीं उठा ।

इनकी गति भी बहुत अधिक की जा सकती है ।

बिजली का उपयोग

भारी मशीनों आदि में उपयोग[संपादित करें]

बिजली के जरिये संसार में औघोगिक क्रांति आ गई है । आज भारी-भारी औघोगिक मशिनें बिजली से चलाई जाती हैं । इन मशीनों दवारा हजारों किस्म की वस्तुयें तैयार होती है । भारी-भारी क्रेनें बिजली से चलती हैं, जो एक साथ सैकडों टन बोझा उठाने की सामर्थ रखती हैं । बिजली द्रारा चलानेवाले कारखानों से वायुमडल प्रदूषित नहीं होता तथा ऊजा के अन्य स्त्रोतों की तुलना में यह सस्ती भी पडती है ।

चित्किसा के क्षेत्र में बिजली का उपयोग[संपादित करें]

चिकित्सा के क्षेत्र में भी व्यापक रूप से होता है । एक्सरे मशीन बिजली से ही चलती है,जिसने रोगों के निदान में बडी महत्वपूणॅ भूमिका निभाई है । अल्टा-वायलेट तथा अन्य किरणों का उत्पादन बिजली से ही संभव हो सखा है, जो कैंसर सहित अनेक रोगों के इलाज में प्रयुक्त होती हैं । बिजली की सहायता से ह्र्दय की गति के रुक जाने पर उसे पुन: सक्रिया किया जा सकता है । इसी प्रकार शल्य-चिकित्सा के क्षेत्र में भी बिजली ने बडी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।

मनोरंजन के साधन[संपादित करें]

सिनेमा जैसे मनोरंजन के सुगम और सस्ते साधन बिजली की ही देन हैं । इसके आलावा रेडियो,टेलीविजन और वी सी आर के आविष्कार ने मनोरंजन के सुगम साधन जुटा दिए हैं । आज घर बैठे हम टेलिविजने संसार के किसी भी कोने में होने वाली महत्तवपूर्ण घटना को य्जों-का-त्यों उसी समय देख सकते हैं। क्रिकट,फुटबाल,टेनिस आदि के अन्तर्राष्टीय मैचों का सीधा प्रसारण हम घर बैठ बडी सुविधा से देख सकते हैं । इलेक्ट्रॉन के प्रवाह को इलेक्ट्रिसिटी कहते हैं। रदरफोर्ड ने इलेक्ट्रॉन का अविष्कार किया था। इलेक्ट्रिसिटी के अविष्कार की लंबी कहानी है। सबसे पहले बेंजामिन फ्रेंकलिन ने इलेक्ट्रिसिटी और मैगनेटिज्म पर शोध किया था, उसके बाद कई वैज्ञानिकों ने इस पर और शोध किये और कई तरह के उपकरण बनाए। सबसे पहले सफल इलेक्ट्रिक उपकरण इलेक्ट्रिक मोटर टेक्नोलॉजी थी, जिसे माइकल फराडे ने बनाया था। थॉमस एल्वा एडीसन ने लाइट बल्ब का अविष्कार किया था। बल्ब के अविष्कार से ही इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल मानव जीवन में शुरू हुआ। उसके बाद एक के बाद एक इलेक्ट्रिक उपकरणों का अविष्कार होता चला गया और हमारा जीवन सुखद और आरामदेह बनता चला गया। कैसे होता है उत्पादन बिजली का उत्पादन कई तरीके से होता है।


हाइड्रो इलेक्ट्रिक[संपादित करें]

बड़ी नदियों पर डैम (बांध) बनाकर इलेक्ट्रिसिटी का उत्पादन किया जाता है। इस प्रक्रिया में काफी ऊंचा बांध बनाया जाता है, ताकि पानी ऊपर तक आ सके। पानी जितना ज्यादा ऊंचा रहता है उसकी पोटेंशियल एनर्जी उतनी ही ज्यादा होती है। पानी जैसे ही तेज रफ्तार से घूमता है,वह पोटेंशियल एनर्जी से काइनेटिक एनर्जी में बदल जाता है, जिससे बिजली पैदा होती है। भाखड़ा नांगल, सलाल, नाथपा झाखड़ी आदि देश के प्रमुख हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट हैं।

थर्मल इलेक्ट्रिक[संपादित करें]

इस प्रक्रिया में पावर प्लांट बनाकर कोयला, पेट्रोल या डीजल को भट्टी में डाला जाता है। उसके ऊपर बॉयलर में पानी होता है। पेट्रोल या कोयले के जलते ही हीट उत्पन्न होती है, जिससे पानी भाप बन जाता है। भाप मैकेनिकल एनर्जी होती है। डायनेमो नामक यंत्र की सहायता से इसे इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदल दिया जाता है और बिजली तैयार होती है।

नॉन कन्वेंशनल[संपादित करें]

इस सिस्टम में सोलर प्लेट से इलेक्ट्रिसिटी तैयार की जाती है। सोलर प्लेट सिलिकॉन की बनी होती है। इस पर जैसे ही सूरज की रोशनी पड़ती है तो हीट उत्पन्न होती है और इसके साथ ही इलेक्ट्रिसिटी तैयार हो जाती है। यह प्रक्रिया सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि जब तक सूरज है, तब तक इससे बिजली तैयार होती रहेगी, जबकि पेट्रोल, कोयला आदि एक दिन खत्म हो सकते हैं।

पवन ऊर्जा[संपादित करें]

तटीय इलाके, जहां हमेशा हवा बहती है, वहां पर पवन चक्की लगा दी जाती है। हवा को डाइनेमो की सहायता से इलेक्ट्रिसिटी में बदल दिया जाता है। उपसंहार : बिजली के इतने अधिक उपयोग हैं कि गिनाना बडा कटीन है । इसने हमारे जीवन के क्षेत्र को प्रभावित किया है । आज बिजली के बिना शहरी जीवन की कल्पना तक करना कटीन है ।

बिजली बचाने के तरीके[संपादित करें]

हमें बिजली बचानी चाहिए। तुम इन बातों को अपनाकर इलेक्ट्रिसिटी को सुरक्षित कर सकते हो बेवजह बिजली का इस्तेमाल नहीं करो, ना ही किसी को करने दो।घर में या किसी भी जगह अगर बिना काम के बल्ब जल रहा है या पंखा चल रहा हो तो उसे बंद कर दो। टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप या वीडियो गेम को हमेशा ऑन मत रखो। जब उसका इस्तेमाल करना हो तभी ऑन करो। पूरे परिवार के साथ अगर घर से बाहर जा रहे हो तो जाने से पहले अपने घर के सभी इलेक्ट्रिक सामानों के स्विच ऑफ कर दो। दोस्तों, रिश्तेदारों और अन्य सभी जानकारों को समझाओ कि वे इलेक्ट्रिसिटी का दुरुपयोग ना करें अगर संभव हो तो दिन के समय बल्ब का कम से कम प्रयोग करो। पापा से कहो कि वो सीएफएल टय़ूब घर में लगवाएं। ये बिजली की कम खपत करते हैं।वीडियो गेम कम खेलो और आउटडोर गेम ज्यादा खेलो। इससे बिजली की बचत होगी ।

बाहरी कडीया[संपादित करें]