सदस्य:Bhavesh1810321

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Bhavesh1810321
नाम भावेश कुमार
लिंग पुरुश
जन्म तिथि ०२/११/२०००
जन्म स्थान बंगलोर
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्र
शिक्षा बी कॉम
शौक, पसंद, और आस्था
धर्म जैन
सम्पर्क विवरण
ईमेल bhaveshkumar9035@gmail.com




परिचय[संपादित करें]

मेरा नाम भावेश कुमार है। मेरा जन्म २ नोवेम्बेर २००० मे हुआ हे । मैं बैंगलोर में पैदा हुआ हुँ, लेकिन मेरा मूल राजस्थान है।मैं अपने परिवार के साथ बैंगलोर में रहता हुँ। मैं एक संयुक्त परिवार में रहता हुँ, इसलिए मुझे अपने रिश्तेदारों और चचेरे भाई बहिन के साथ समय बिताना पसंद है। मैं एक व्यक्ति हूं जिसे मस्ती करना पसंद है, अलग-अलग जगहों पर यात्रा करना पसंद है और परिवार के साथ समय बिताना पसंद है। मैं भावनात्मक, प्रेमपूर्ण, देखभाल करने वाला और उत्साही व्यक्ति हुँ जो कई प्रतियोगिताओं में भाग लेना पसंद करता है।मेरी माँ मेरी रीढ़ की हड्डी के समान है। उन्होने मुझे दोनों सामाजिक और धार्मिक पहलुओं में प्रशिक्षित किया है। उन्होने मुझे उन चीजों को करने के लिए प्रेरित किया जो एक महिला करती है, ताकि मैं हर परिस्थिति में अच्छी तरह से सुसज्जित हो सकू, मे मेरी माँ को सबसे ज्यादा पसंद करते हुँ। वह ना केवल मेरी मॉडल है बल्कि एक ऐसे व्यक्ति है जिनके कदम मैं अनुसरण करता हुँ।वह मुझे कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित है ।आखिरी लेकिन किसी से कम नहीं हैं मेरे भाई और बहन । जब मेरा आत्मविश्वास गिर जाता है तो वे मेरा आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, वहा मुझे प्रोत्साहित करते हैं, वे मेरा विश्वास बढ़ाते हैं, वे मुझे अच्छे और बुरे समय दोनों में समर्थन देते हैं। वे मुझे उन चीजों में प्रोत्साहित करते हैं जिन्हें मैं करना चाहता हुँ। अब जब मैं अपने दोस्तों के बारे में बात करता हुँ, तो वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहते हैं।जब भी मुझे अकेला महसूस होता है तो मेरे दोस्तों ने हमेशा मेरी मदद की है। उन्होंने हमेशा मुझे मेरे बुरे समय में समर्थन दिया है। उन्होंने मुझे मेरी शरारत छिपाने में मदद की है और मुझे सही रास्ता भी दिखाया है।

शिक्षा[संपादित करें]

मैं एक बीकॉम का छात्र हूं जो क्राइस्ट (विश्वविद्यालय होने के लिए माना जाता है)मे पढ़ रहा हुँ । मैंने सेंट एन्स हाई स्कूल, राजाजीनगर में अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। मैंने अपनी 10 वीं की परीक्षा में 73% अंक हासिल किए। मैंने अपनी ११ और १२ की पढ़ाई जैन कॉलेज, जे.सी.रोड से पूरी की। ।मैं अध्ययन में बहुत अच्छा हुँ। मैंने अपने II पीयूसी बोर्ड परीक्षा में ९२% सुरक्षित किया है। मैं अपने भविष्य के अध्ययन के दौरान अच्छे अंक प्राप्त करने की पूरी कोशिश करूंगा ताकि मैं अपने जीवन में कुछ हासिल कर सकूं।

शौक[संपादित करें]

जब मेरे शौक की बात आती है तो वे खाना पकाने और फिल्में देखना रहा हैं। मैं विभिन्न रेस्टोरेंट में जाना चाहता हुँ। मैंने पिज्जा, पास्ता, बिरयानी, रोटी, सब्जी, कुल्चा और कई अन्य व्यंजनों को पकाया है। मैं विभिन्न राज्य की यात्रा करना चाहता हू और वहाँ का भोजन चकना चाहता हुँ , जिस के लिए वहा राज्य प्रसिद्ध है। मुझे अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, कन्नड़, हिंदी, तमिल, तेलगु और बंगाली जैसे कई अलग-अलग भाषाऐ आति हैं और दुसरी कहि भाषाऐ सीकने का शोक हैं । जहाँ मुझे फिल्में देखने का शौक है, मुझे अभिनय में भी दिलचस्पी है।मैं जिला स्तर का अभिनेता हुँ। मैंने नृत्य, नाटक और खेल के लिए अपने स्कूल में कई पुरस्कार जीते है । मैं सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों में बहुत सक्रिय हैं। मुझे कबड्डी, कोको, क्रिकेट आदि जैसे खेल खेलने में रुचि है । मैं सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों में बहुत सक्रिय हैं ।

सपना और लक्ष्य[संपादित करें]

मैं एक व्यापार टाइकून बनना चाहता हुँ। मैं काई अरबपतियों में से एक बनना चाहता हुँ और मेरे माता-पिता को गर्व महसूस कर वाना चाहता हुँ । कभी-कभी मैं दुकान जाता हुँ जब मैं मुक्त होता हुँ। मैं अपने पिता की मदद करता हूँ ताकि मैं तकनीक सीख सकू। यह मुझे ग्राहकों को मनाने के तरीके सीखने में भी मदद करता है, विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में भी मदद करता है।21 वीं सदी में प्रतिस्पर्धा अपने चरम पर है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है की मे सब से अद्वितीय और अलग विचारधारा वला रहुँ ।मेरे पिता ने मुझे यह जानने में मदद की है कि व्यवसाय कैसे शुरू होता है, और व्यवसाय कैसे चलाया जा सकता है। उन्होने मुझे सभी समर्थन, सुविधाएं और सहायता प्रदान की है और वह हमेशा मेरी गलतियों को ठीक करते है तकि मे उन्हें सुधार सकू और इन गलतियों से सीख सकू।

अभिस्वीकृति[संपादित करें]

मैं मेरे परिवार को धन्यवाद देना चाहता हुँ जिन्होने मुझे प्यार, स्नेह, समर्थन, प्रोत्साहन, आत्मविश्वास और अपरिपक्वता  प्रदान किए हैं । ये वे लोग हैं जिन्होंने मुझे अपने आप को  पहचानने में मदद की हैं । जेसे कि  ' माइकल जे फॉक्स '  ने कहा "परिवार एक महत्वपूर्ण बात नहीं है ...... यह सबकुछ है। अंत में मैं अपने शिक्षकों और दोस्तों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ,जिन्होने मुझे हमेशा वही करने में मदद की हैं जो मैं करना चाहता था ।