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पं० मदन शर्मा ‘सुधाकर’ कविरत्न का जन्‍म राजस्‍थान प्रान्‍त की वीरप्रसविनी और सारस्‍वत्‍याराधकों की पुण्‍य भूमि शेखावाटी अञ्चल के सीकर नगर में विक्रम सम्‍वत् १९८३ में भाद्रपद कृष्‍ण पक्ष-तृतीया बुधवार को डोकवाल कुल में पं० कजोडमल शर्माजी के ज्‍येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था। आपकी माता का नाम श्रीमती भागीरथी देवी तथा पत्नी का नाम श्रीमती मायावती शर्मा था। पं० मदन शर्मा ‘सुधाकर’ जी का देहावसान 44 वर्ष की वय में 12 जुलाई, सन् 1970 ईस्‍वी में तथा पत्नी का परलोकगमन दिनांक 07 नवम्‍बर, सन् 2006 ईस्‍वी को हो गया था।

पं० मदन शर्मा ‘सुधाकर’ जी संस्‍कृत-हिन्‍दी के उद्भट विद्वान् तथा अन्‍य अनेक भाषाओं के आधिकारिक ज्ञाता और वेद-वेदान्‍तों, पुराणेतिहास, न्‍याय, दर्शन, वैशेषिक, पिङ्गल-शास्त्र, ज्‍योतिष, निरुक्तादि के प्रकाण्‍ड पण्डित थे। आप द्वारा संस्‍कृत-हिन्‍दी भाषा में अगणित ग्रन्‍थों – यथा: महाकाव्‍यों, खण्‍ड काव्‍यों, नाटकों, शतक काव्‍यों, शब्‍दकोष, स्‍तुति-काव्‍यों, मुक्तकों, लेखों, कविताओं, सूक्तियों आदि की रचना की गई। आपने “राजस्‍थान प्राच्‍य विद्या संस्‍थान, जोधपुर” और “लालबहादुर संस्‍कृत विद्यापीठ, दिल्‍ली” में कार्यरत रहते हुए संस्‍कृत भाषा के उत्‍थान का अप्रतिम योगदान दिया था।

आप द्वारा अनेक प्राचीन ग्रन्‍थों, पाण्‍डुलिपियों का सम्‍पादन, अनेक विस्‍मृत लेखकों के जीवनवृत्त का लेखन एवम् अन्‍य गहन अन्‍वेषणात्‍मक कार्य किये गए थे। मुनि श्री देशभूषणजी महाराज, मुनि श्री विद्यानन्‍दजी महाराज, मुनि श्री चन्‍दनमलजी महाराज, आचार्य श्री तुलसीगणीजी महाराज, मुनि श्री फूलचन्‍दजी महाराज, मुनि श्री शान्तिस्‍वरूपजी महाराज के साथ रहते हुए जैन धर्म पर अनेक ग्रन्‍थों का प्रणयन, भजनों-गीतों की रचना आदि आप द्वारा की गयी थी।

पं० मदन शर्मा 'सुधाकर' कविरत्न जी द्वारा विरचित संस्‍कृत भाषा और हिन्‍दी भाषात्‍मक साहित्यिक रचनाओं का वर्गीकरण अग्रलिखितानुसार किया जा सकता है–

संस्‍कृत भाषात्‍मक रचनाएँ:–

(अ) महाकाव्‍य: १. रत्नोदयं महाकाव्‍यम् २. उत्तरनैषधं महाकाव्‍यम् ३. श्रीतुलसीयशस्तिलकं महाकाव्‍यम् ४. श्रीरामभक्तिकल्लोलिनी महाकाव्‍यम् ५. श्रीशिवराजविजय महाकाव्‍यम् ६. द्रौपदी महाकाव्‍यम् ७. कविकुलसंवर्द्धनं महाकाव्‍यम् (सभी अप्रकाशित)

(आ) नाटक:

१. दूतमाधवम् (वर्ष १९९५ में राजस्‍थान संस्‍कृत अकादमी, जयपुर द्वारा प्रकाशित) २. पिनाकभञ्जनम् ३. आचार्य पर्शुराम: ४. सुदाम्नश्चरित्रम् ५. जानकी परिणय: ६. कर्णप्राभृतम्

(इ) शतक काव्‍य:

१. श्रीरमावैकुण्‍ठस्‍तुतिशतकम् २. श्रीअम्‍बाशतकम् ३. श्रीचण्‍डीशतकम् (वर्ष २०१६ में राजस्‍थान संस्‍कृत अकादमी, जयपुर द्वारा प्रकाशित) ४. श्रीशम्‍भुशतकम् (वर्ष २०१६ में राजस्‍थान संस्‍कृत अकादमी, जयपुर द्वारा प्रकाशित) ५. श्रीसरस्‍वतीशतकम् ६. ऋतुप्रबन्‍धशतकम् ७. सूक्तिशतकम्

(ई) स्‍तोत्र:

१. श्री वाणीपुष्‍पाञ्जलि: २. श्रीसरस्‍वतीस्‍तोत्रम् ३. श्रीवागीश्वरी महास्‍तोत्रम् ४. श्रीवाग्विभूतिपञ्चाशिका (वर्ष २०१६ में राजस्‍थान संस्‍कृत अकादमी, जयपुर द्वारा प्रकाशित) ५. श्रीजिनेश्वरस्‍तोत्रम् ६. अहिंसा पञ्चदशी

(उ) प्रकीर्ण ग्रन्‍थ:

१. सती किरण कौतुकम् (खण्‍ड काव्‍य) २. अथ प्रकीर्णश्लोकावलि: ३. अनुष्टुप् प्रस्‍तारोदाहरणानि ४. कोयं विधि:? (समस्‍यापूर्तय:) ५. राजस्‍थानस्‍य कतिचन तीर्था: मन्दिराणि च ६. अमरपदसूक्तिसुधाकर: (अमरकोषस्‍थपदावलिमाश्रित्‍य प्रणीत: सूक्तिसन्‍दर्भमहाकोष:) रचना वर्ष १९६६ (सभी अप्रकाशित)

(ऊ) दूतकाव्‍य:

१. श्रीहनुमद्दूतम् (अप्रकाशित)

(ऋ) सुभाषित काव्‍य: १. सुभाषितानि २. सुधासूक्तिसन्‍दोह: ३. सुभाषितसुधासप्तशती ४. सूक्ति सुधाकर: (सभी अप्रकाशित)

(ऋृ) व्‍याकरण शास्त्र: १. महाभाष्‍य शब्‍दावलि:। (अप्रकाशित)

हिन्‍दी भाषात्‍मक रचनाएँ:–

(अ) महाकाव्‍य:

१. देवव्रत-गांगेय-भीष्‍म महाकाव्‍य २. जानकीहरण महाकाव्‍य (वैदेही महाकाव्‍य) ३. वैदर्भी महाकाव्‍य। (सभी अप्रकाशित)

(आ) खण्‍ड काव्‍य:

१. आचार्य चाणक्‍य २. लौटे जसवन्‍त विजय खोकर ३. प्रभावती का मान ४. आम्‍भीक की दुरभिसन्धि। (सभी अप्रकाशित)

(इ) गद्य (हिन्‍दी निबन्‍ध इत्‍यादि):

१. सुधाकर निबन्‍ध सागर (विभिन्न विषयों पर लिखे गए निबन्‍धों का संग्रह) प्रकाशित। ISBN 978-93-905484-48-4

(ई) पद्य (हिन्‍दी कविता, भजन, गीत इत्‍यादि):

१. . युगान्‍त अमर कवीश्वर है।

(उ) शब्‍दकोष:

१. शब्‍द सागर।

हिन्‍दी भाषात्‍मक रचनाएँ (प्रकाशित)

१. शान्ति की शपथ (भारत गणराज्‍य के प्रथम प्रधानमन्त्री श्री जवाहरलाल नेहरू जी को उनके ६७वें जन्‍मदिवस पर भेंट किया गया कविता-संग्रह)

२. आचार्य देशभूषणजी महाराज स्‍तुति-पदावलि

३. ‘अध्‍यात्‍मपदावलि’ (तेरापंथी जैन मुनि श्रीचन्‍दनमलजी महाराज द्वारा विरचित रचना का सम्‍पादन एवं भूमिका लेखन, जयपुर में सम्‍पन्न)

४. विवाह का उत्तरदायित्‍व (लघु पुस्तिका)

५. इन्‍द्रधनुष (बाल कविताएँ, सन् १९६९ में भारत भारती प्रकाशन, मेरठ द्वारा प्रकाशित तथा श्रीमती शकुन्‍तला सिरोठिया पुरस्‍कार, इलाहाबाद द्वारा पुरस्‍कृत – मरणोपरान्‍त)।

उपर्युल्लिखित ज्ञात कृतित्‍व के अतिरिक्त आप द्वारा विभिन्न विधाओं पर असंख्‍य सारगर्भित लेख, गीत, कविताएँ, शताधिक संस्‍कृत-हिन्‍दी ग्रन्‍थों की भूमिकाएँ, लोक-विश्रुत और लोक-विस्‍मृत (ज्ञाताज्ञात) अनेक साहित्‍यकारों का जीवन-परिचय और उनका कृतित्‍व इत्‍यादि लिखे गए हैं, जिनमें से अनेक रचनाएँ आपके जीवनकाल में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं यथा: ‘संस्‍कृत रत्नाकर’ (कुछ कालावधि तक इसका सम्‍पादन-कार्य भी किया), ‘प्रजा बन्‍धु’ (सीकर से प्रकाशित साप्‍ताहिक पत्रिका का सम्‍पादन कार्य भी किया), ‘सरस्‍वती’, ‘भारती’, ‘कादम्बिनी’, ‘सरिता’, ‘नवनीत’, ‘धर्मयुग’, ‘साप्ताहिक हिन्‍दुस्‍तान’, ‘दैनिक हिन्‍दुस्‍तान’, ‘नवभारत टाइम्‍स’ आदि में प्रकाशित होती रही हैं। आपके अनेक संस्‍कृत गीत आपकी ही वाणी में आकाशवाणी, जयपुर से भी प्रसारित हुए हैं।