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यू.ए. फन्थोरपे [संपादित करें]

परिचय[संपादित करें]

[1] उर्सुला आस्काम फन्थोरपे (२२ जुलाई १९२९-२८ अप्रैल २००९) एक अंग्रेजी कवि थी। वह यू.ए.फन्थोरपे नाम से तहत अपने काम प्रकाशित किया । २८ अप्रैल २००९ को वन्टन-अंडर-एज, ग्लूस्टरशायर में अपने घर के पास एक धर्मशाला में, 79 वर्ष की आयु में फन्थोरपे का निधन हो गया।

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

दक्षिण-पूर्व लंदनलंदन में एक बैरिस्टर की बेटी के रूप में एक मध्यम वर्ग परिवार में पैदा हुई थी । फन्थोरपे को सेंट कैथरीन स्कूल, ब्रैम्ली में सरे और बाद में सेंट ऐन के कॉलेज, ओक्सफोर्ड यूनिवर्सिटीऑक्सफ़ोर्ड में पढ़ाया जाता था। जहां उन्हें अंग्रेज़ी भाषाअंग्रेजी भाषा और साहित्य में प्रथम श्रेणी की डिग्री मिली और बाद में सोलह साल के लिए चेल्टेनहम देवियों कॉलेज में अंग्रेज़ी भाषाअंग्रेजी पढ़ाया |

उस समय उन्होने ए अल्वरेज, जेफरी हिल और जेनी जोसेफ जैसे प्रमुख कवियों से मुलाकात की । लेकिन उनकी पास अपनी खुद लिखित कोई कविता नहीं थी । इंग्लैण्डइंग्लैंड में टॉपर होने के कारण उन्हें एक चेल्टेनहम कॉलेज में मालकिन के रूप में पद पर ले जाया गया, जहां वह बाद में इंग्लिश डिपार्टमेंट के प्रमुख बने।

पेशेवर ज़िंदगी[संपादित करें]

[2] प्रारंभिक सत्तर के दशक में फन्थोरपे को एक जीवन संकट का सामना करना पड़ा । जब वह चेल्टेनहम महिला कॉलेज में अंग्रेजी का प्रमुख रहा था, तब उसने अचानक फैसला किया कि वह जिस तरह से जीवन जीति है, जिस तरह से काम करती है, उसके बारे में और चीजें ढूँढ़ना है, और बहुत देर हो चुकने के पहले वह कुछ करना चाहते थे । एक वर्ष तक काम छोडकर वह परामर्श के बारे में सीखा। फिर वह 'जनशक्ति' नामक एक संख में शामिल हो गई ।  जहां उन्को पता चला कि फोटोग्राफरफोटोग्राफी और कार्यालय जीवन के सामान के साथ उनकी अनुभवहीनता रोजगार के लिए एक गंभीर बाधा थी । 

उसने बटलर्स केमिकल्स और हूवर में टेलीफोन क्लर्क के रूप में काम किया और फिर एक अस्पतालअस्पताल में वास्तविक काम के लिए आवेदन दिया । यह उसके जीवन को बदल दिया । ब्रिस्टल में बोर्डेन नामक न्यूरोलॉजिकल अस्पताल में एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्य करने समय, फन्थोरपे ने निश्चित रूप से मानव की मुश्किल अनुभवों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त किया ।

कवयित्री के रूप में[संपादित करें]

[3]  १९७४ में एक न्यूरोलॉजिकल अस्पताल में एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करते हुए उसने कविता लेखन शुरू कर दिया था। विभिन्न निवासों (लैनकेस्टर,१९८३-५, उत्तरी कला सहयोगी, १९८७) के बाद उन्होंने १९८९ में अपनी कवितायें पुरा करने के लिए अस्पताल छोड़ दिया। 

फ़न्थोरपे का पहला कविता स्ंग्रह, 'साइड इफेक्ट्स', १९७८ में प्रकाशित हुआ था। वह सेंट मार्टिन कॉलेज, लैनकेस्टर (अब कुम्ब्रिआ विश्वविद्यालय) (१९८३-८५) में 'लेखक-इन-निवास' था। वह डरहम और न्यूकैसल विश्वविद्यालय में एक उत्तरी कला फेलो भी थीं। १९८० के दशक के मध्य से फन्थोरपे एक विपुल लेखक बन गए, और उसने खुद को पूरी तरह कविता में समर्पित किया गया था । उन्होने पत्रिकाओं और संस्मरणों में कविताओं प्रकाशित करते वक्त, खुद को "यू ए" नाम दिया । उसने कभी भी अपना पहला नाम इस्तेमाल नही किया । वह जानती थी कि टी एस एलियटटी एस एलियट और डब्ल्यू एच एच ऑडेन सिर्फ उनके आद्याक्षर के साथ अच्छी तरह से जीवित रहते थे ।

उपलब्धियों[संपादित करें]

१९८७ में फन्थोरपे ने फ्रीलान्स चलाया, देश भर में रीडिंग दिया और कभी-कभी विदेश में भी चल गए । १९९४ में उन्हें ऑक्सफोर्ड में प्रोफेसर के पद के लिए नामित किया गया था । उनके नौ संग्रह कविताओं 'पीटर्लू पोइट' द्वारा प्रकाशित किए गए थे । फन्थोरपे साहित्य के रॉयल सोसाइटी का एक साथी था और २००१ में कविता के सेवाओं के लिए सी.बी.ई. बनाया गया था । २००३ में उन्होंने कविता के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त किया । २००६ में उन्हें बाथटब विश्वविद्यालय से मानद डिग्री (डॉक्टर ऑफ लेटरस) से सम्मानित किया गया । १९९३ में एक कोल्मोंडेली पुरस्कार, २००१ में सी.बी.ई., कविताओं के लिये २००३ में क्वींस स्वर्ण पदक भी मिला । उसकी अर्ध-ऑटो-जीवनी संबंधी काम 'ग्रोइंग अप' उसकी तीसरी किताब 'आवाज़ें ऑफ' (१९८४) में विनोदी थी । उन्होंने 'साइड इफेक्ट्स' (१९७८), 'स्टैंडिंग टू' (१९८२), 'नेक-स्यू' (१९९२०), 'कॉन्सेक्सेसन्स' (२०००) और 'क्व्यूइंग फॉर द सन' (२००३) सहित १० कविता संग्रह प्रकाशित किए हैं और सभी पीटर्लू द्वारा प्रकाशित किया गया है । १९९५ में वह किंग पेंगुइन से प्रकाशित होने वाली पहली महिला थी । ३१५ सालों में वह ऑक्सफ़ोर्ड के कैथरीन प्रोफेसर के पद के लिए नामांकित होने वाली पहली महिला है।

विवाहित जीवन[संपादित करें]

[4] उनकी कलेक्टेड कविताएं २००५ में प्रकाशित हुईं । उनकी कई कवितायें दो आवाज में है । उसकी सारी लेख में दूसरी आवाज है ब्रिस्टल अकादमिक और शिक्षक आर वी रोजी बेली । ४४ साल से फंथोरपे की जीवन साथी । इस युगल ने कविताओं का एक संग्रह 'फ्रूम मी टू यू' ने एक साथ लिखा, जिसे एनिथर्मन ने २००७ में प्रकाशित किया था।

रोजमरारी बेली के साथ उनकी दीर्घकालिक, गहरा प्रेमपूर्ण रिश्ता थी । वर्शों के रचनात्मक गतिविधि में साजेगदार होकर मदद की और अनिश्चित नर्वस स्वास्थ्य की अवधि के दौरान उनकी देखभाल की । बेली अन्य बातों के अलावा, अमानुएंसिस, पकाना, ड्राइवर और पत्र-लेखक थे । फ़न्थोरपे ने हमेशा अक्षरों को जवाब देता है, लेकिन कभी अपने हाथ में नही । वे दोनों साहित्य में लोकप्रिय समलैंगिक चिह्न थे ।

मौत[संपादित करें]

२८ अप्रैल २००९ को, फोंथोरपे की मृत्यु, ७९ वर्ष की आयु में, अपने घर के पास वौटन अंडर एज, ग्लूस्टरशायर में एक धर्मशाला में हुई।

संदर्भ[संपादित करें]

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/U._A._Fanthorpe
  2. www.poetryarchive.org/poet/u-fanthorpe
  3. https://www.theguardian.com › Arts › Books › Poetry
  4. www.independent.co.uk › Culture › Books › Features