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देश संघ के कद्दावर नेता रहे हैं भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद

बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर एनडीए की तरफ से बिहार के वर्तमान राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर फैसला के लिए दिल्ली स्थित बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक में करीब एक घंटे तक मंथन चलता रहा। इसके बाद रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है।

आइए आपको बताते हैं कौन हैं रामनाथ कोविंद-

कानपुर देहात में हुआ जन्म रामनाथ कोविंद का जन्म यूपी के कानपुर देहात जिले में हुआ है। कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में 1945 में जन्मे रामनाथ कोविद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई। कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने डीएवी कॉलेज से बीकॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। रामनाथ कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय में वकालत से कॅरियर की शुरुआत की। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

पढ़ें- दलित उत्पीड़न के दाग धोने के लिए भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव में खेला दलित कार्ड?

मकान को बना दिया बारातघर रामनाथ कोविद अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। कहा जाता है कि परौख गांव में कोविद अपना पैतृक मकान बारातघर के रूप में दान कर चुके हैं। उनके बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं। आईएएस परीक्षा में तीसरे प्रयास में मिली थी सफलता रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में रहकर IAS की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की। लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। जून 1975 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनने पर वे वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने। जनता पार्टी की सरकार में ही सुप्रीम कोर्ट के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया। इसके बाद वे भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए।

वे भाजपा का दलित चेहरा हैं। वह कोली जाति से आते हैं। यूपी में कोली जाति जाटव और पासी के बाद सबसे ज्यादा संख्या वाली तीसरी दलित जाति है। कोविंद संघ के कद्दावर नेता रहे हैं। वे स्वयंसेवक रह चुके हैं। भाजपा के पुराने नेता हैं और संघ तथा भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। वह भाजपा की तरफ से 1994 से 2006 के बीच दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने 2002 में सयुंक्त राष्ट्र की महासभा में भारत का नेतृत्व किया। मोदी सरकार ने तीन साल पहले उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया है। इसके अलावा रामनाथ कोविंद दो बार भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा उत्तर प्रदेश के महामंत्री रह चुके हैं। वह हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था ‘दिव्य प्रेम सेवा मिशन’ के आजीवन संरक्षक हैं। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यपाल बनने वाले तीसरे व्यक्ति थे। देश संघ के कद्दावर नेता रहे हैं भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद

नई दिल्ली। बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर एनडीए की तरफ से बिहार के वर्तमान राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर फैसला के लिए दिल्ली स्थित बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक में करीब एक घंटे तक मंथन चलता रहा। इसके बाद रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है।

आइए आपको बताते हैं कौन हैं रामनाथ कोविंद-

कानपुर देहात में हुआ जन्म रामनाथ कोविंद का जन्म यूपी के कानपुर देहात जिले में हुआ है। कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में 1945 में जन्मे रामनाथ कोविद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई। कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने डीएवी कॉलेज से बीकॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। रामनाथ कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय में वकालत से कॅरियर की शुरुआत की। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

पढ़ें- दलित उत्पीड़न के दाग धोने के लिए भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव में खेला दलित कार्ड?

मकान को बना दिया बारातघर रामनाथ कोविद अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। कहा जाता है कि परौख गांव में कोविद अपना पैतृक मकान बारातघर के रूप में दान कर चुके हैं। उनके बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं।


आईएएस परीक्षा में तीसरे प्रयास में मिली थी सफलता रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में रहकर IAS की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की। लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। जून 1975 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनने पर वे वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने। जनता पार्टी की सरकार में ही सुप्रीम कोर्ट के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया। इसके बाद वे भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए।

पढ़ें-दलित समुदाय पर हो रहे अत्याचार के विरोध में भाजपा सरकार के खिलाफ हल्ला बोल

वे भाजपा का दलित चेहरा हैं। वह कोली जाति से आते हैं। यूपी में कोली जाति जाटव और पासी के बाद सबसे ज्यादा संख्या वाली तीसरी दलित जाति है। कोविंद संघ के कद्दावर नेता रहे हैं। वे स्वयंसेवक रह चुके हैं। भाजपा के पुराने नेता हैं और संघ तथा भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। वह भाजपा की तरफ से 1994 से 2006 के बीच दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने 2002 में सयुंक्त राष्ट्र की महासभा में भारत का नेतृत्व किया। मोदी सरकार ने तीन साल पहले उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया है।


इसके अलावा रामनाथ कोविंद दो बार भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा उत्तर प्रदेश के महामंत्री रह चुके हैं। वह हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था ‘दिव्य प्रेम सेवा मिशन’ के आजीवन संरक्षक हैं। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यपाल बनने वाले तीसरे व्यक्ति थे।


वे संसद की एससी/एसटी वेलफेयर कमेटी के सदस्य, गृह मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, सोशल जस्टिस, चेयरमैन राज्यसभा हाउसिंग कमेटी आदि भी रह चुके हैं। वे लखनऊ स्थित डॉ. बी आर अंबेडकर युनिवर्सिटी के मैनेजमेंट बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं। वे कोलकाता IIM के बोर्ड ऑफ गवर्नर के मेंबर भी रह चुके हैं।