सदस्य:संदीप रावल

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क्या है रेज्ड-बैड पद्धति

रेज्ड बेड पद्धति से बोवनी करने के लिए रेज्ड बेड प्लांटर की आवश्यकता होती है। इसमें खाद और बीज के लिए दो अलग-अलग पेटी होती हैं। इस पद्धति से बोवनी करने पर खाद बीज के नीचे डाला जाता है। इससे पौधा खाद का उपयोग जल्दी कर लेता है। इस प्लांटर से बोवनी करने पर खेत में दो बेड बनती हैं। इसमें एक बेड पर फसल की दो कतार होती हैं और दो बेड के बीच एक नाली बनाई जाती है। इससे पद्धति से अधिक बारिश होने पर खेतों में भरा पानी बहकर बाहर निकल जाता है। रेज्ड बेड प्लांटर से बोवनी रिज-फरो पद्धति का और उन्नत रूप है।

वहीं रेज्ड-बैड प्लांटिंग में मेड़ और नाली फसल कटाई तक बनी रहती है। इस पद्धति में कम बारिश की स्थिति में जल का संरक्षण नालियों में होता है। साथ ही अधिक बारिश की हालत में जल निकासी आसानी से हो जाती है। खेत में अधिक समय तक नमी का संरक्षण बीज दर में कमी और उत्पादन में 20 से लेकर 25 प्रतिशत तक वृद्धि होती है। किसानों द्वारा रेज्ड-बेड प्लांटर पद्धति से सोयाबीन, गेहूं और चने की फसल की बोवनी भी की जा सकती है।