सतत वर्णक्रम

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ड्यूटीरियम बल्ब से उत्पन्न प्रकाश का उत्सर्जन वर्णक्रम। इसका एक भाग असतत है (तीखी ऊँची चोटियाँ) और कुछ सतत है (चोटियों के बीच का हलका ढलानी भाग)। छोटी चोटियाँ व घाटियाँ मापन में हुई ग़लतियों के कारण हैं

भौतिकी में सतत वर्णक्रम (continuous spectrum) ऊर्जा या तरंगदैर्घ्य जैसी किसी भौतिक राशि के सम्भव मूल्यों का ऐसा समुच्चय होता है जो वास्तविक संख्याओं का एक अंतराल हो। इसके विपरीत असतत वर्णक्रम (discrete spectrum) होता है जिसमें राशि का मूल्य किसी असतत समुच्चय का ही हो सकता है, यानि मूल्यों के बीच कुछ रिक्त स्थान होता है। सतत वर्णक्रम का एक बड़ा उदाहरण उत्सर्जन वर्णक्रम है, जिसमें उत्तेजित हाइड्रोजन परमाणुओं द्वारा उत्पन्न प्रकाश का तरंगदैर्घ्य (वेवलेन्थ) होता है।[1]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Quantum Mechanics: An Introduction," Walter Greiner, Springer Science & Business Media, 2012, ISBN 9783642579745