संस्कृत २००३
संस्कृत २००३ देवनागरी विशेषकर संस्कृत हेतु एक यूनिकोड फॉण्ट है। यह देवनागरी को संयुक्ताक्षरों सहित शुद्ध पारम्परिक रूप में दर्शाता है जिस कारण यह हिन्दी/संस्कृत टैक्स्ट के मुद्रण हेतु विशेष उपयोगी है। यह ओंकारानन्द आश्रम के स्वामी सत्चिदानन्द द्वारा विकसित किया गया है।
इस फॉण्ट में देवनागरी के अतिरिक्त रोमन लिपि के glyphs भी सम्मिलित हैं जिस कारण यह द्विभाषी पाठ (हिन्दी-अंग्रेजी) के मुद्रण हेतु भी उपयोगी है। देवनागरी के पारम्परिक रूप में शुद्ध प्रदर्शन हेतु इसमें अतिरिक्त ग्लिफ्स जोड़े गये हैं। यह पहला देवनागरी फॉण्ट माना जाता है जिसमें वैदिक तथा क्लासिक संस्कृत के सभी संयुक्ताक्षर जोड़े गये हैं। इसके अतिरिक्त इसमें हिन्दी तथा मराठी में प्रयुक्त होने वाले संयुक्ताक्षर भी जोड़े गये हैं। इसके प्रयोग हेतु विंडोज़ २००० या विंडोज़ ऍक्सपी की आवश्यकता है, साथ ही इनमें इण्डिक समर्थन सक्षम किया होना चाहिये।
यह फॉण्ट मूल रूप से आइट्राँसलेटर २००३ नामक प्रोग्राम के लिये बनाया गया था परन्तु इसको स्वतन्त्र रूप से भी प्रयोग किया जा सकता है। इसका नवीनतम संस्करण १.१ है जो कि १८ सितम्बर २००५ को जारी किया गया।
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