संभ्रांतवाद
संभ्रांतवाद (अंग्रेज़ी: elitism, इलीटिज़्म) यह विश्वास या सोच होती है कि अपनी जाति, शिक्षा, धन-सम्पन्नता, बुद्धि, अनुभव या किसी अन्य गुण के कारण किसी संभ्रांत वर्ग (इलीट, या विशिष्ट वर्ग) की सदस्यता रखने वाले कुछ व्यक्तियों के मतों का महत्व अधिक है, या उनके करे कार्य समाज के लिए अधिक लाभदायक हैं, या वे शासन करने या निर्देश देने की विशेष क्षमता रखते हैं।[1] ऐसी विचारधारा में आस्था रखने वाले व्यक्ति को संभ्रांतवादी (elitist, इलीटिस्ट) कहा जाता है। संभ्रांतवाद के लिए यह विशवास आवश्यक नहीं है कि कुछ व्यक्तियों को अपनी जन्म-परिस्थितियों (परिवार, जाति, धर्म, मातृभाषा, देश, इत्यादि) के कारण विशिष्टता मिलनी चाहिए, हालांकि संभ्रांतवादी व्यवस्थाओं में कभी-कभी यह भी देखा जाता है।[2] संभ्रांतवादी विशवास के अनुसार किसी क्षेत्र में अधिक भलाई के लिए उसपर एक वर्ग का विशेष अधिकार होना चाहिए या उसका प्रशासन उनके अनुकूल होना चाहिए।[3] संभ्रांतवाद की विरोधी विचारधारा को बहुलवाद (pluralism, प्लूरलइज़्म) कहा जाता है और यह समाज के सभी गुटों और व्यक्तियों को सशक्त करने में विशवास रखती है। इसके अनुसार कौन किस क्षेत्र में कितना योगदान दे सकता है इसका निर्णय उसके पहले से प्रकट गुणों और परिस्थितियों को परखकर नहीं किया जाना चाहिए।[4]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Representation and misrepresentation: legislative reapportionment in theory and practiceRand McNally public affairs series, Charles Herman Pritchett, Public Affairs Conference Center, Rand McNally, 1968, ... Elitism is the idea that in respect to every quality there must or should be a distinction between those who have little and those who have much - whether wealth, power, prestige, well-being, education ...
- ↑ Developing the Multicultural Process in Classroom Instruction, H. Prentice Baptiste, Mira Lanier Baptiste, University Press of America, 1979, ISBN 978-0-8191-0855-5, ... Elitism is the idea that one group (usually an economic group) is better than another based on the value judgments of that group ... It may also be defined to include factors such as religion, language, folklore, and group activity ...
- ↑ The genealogy of demons: anti-Semitism, fascism, and the myths of Ezra Pound, Robert Casillo, Northwestern University Press, 1988, ISBN 978-0-8101-0710-6, ... Inseparable from such elitism is the idea that power, the better to be exercised, should not be shared or diffused ...
- ↑ Man, Economy, and Liberty, Ludwig von Mises Institute, 2007, ISBN 978-1-61016-009-4, ... Pluralism insists that power is widely diffused; elitism maintains that it is highly concentrated ...