संधारणीय विकास

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संधारणीय विकास, पर्यावरण एवं विकास पर विश्व आयोग की रिपोर्ट के अनुसार धारणी अथवा स्थाई विकास वह विकास है जिसके अंतर्गत भावी पीढ़ियों के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति करने की क्षमताओं से समझौता किए बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति किया जाता है अतः पर्यावरण सुरक्षा के बिना विकास को सतत नहीं बनाया जा सकता अर्थात भावी पीढ़ी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक संसाधनों का वर्तमान समय में इस प्रकार प्रयोग करना जिससे आर्थिक विकास एवं पर्यावरण सुरक्षा के बीच एक वांछित संतुलन स्थापित हो सके

परिभाषा[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

धारणीय विकाश में हम मानव के विकाश लिए प्रकृति का उपयोग इस तरह होना चाहिए जिसे प्रकृति पर्यावण को हानि न पहुचे तथा प्रकृति और विकास में एक बैलेंस बना रहे ।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]