शिवदीन राम जोशी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

शिवदीन राम जोशी (जन्म : १० जून १९२१, खंडेला, सीकर जिला) एक भारतीय कवि थे। उनके साहित्य में सवैया, मनहर, मतगयंद, कुंडली छंद ओर कवित्त का प्रयोग तथा धमाल, भजन ओर गजलों का समावेश है। पद्यात्मक रचनाओं का विषय ज्ञान, वैराग्य, प्रेम, प्रकृति चित्रण, प्रार्थना और उपदेश के साथ-साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों, पाखंड, भ्रष्टाचार एवं काल चिंतन उनके साहित्य का मुख्य केंद्र रहे हैं। उनके साहित्य की भाषा ब्रज मिश्रित हिंदी है। कहीं कहीं राजस्थानी, उर्दू और फारसी शब्दों के अलावा अंग्रेजी के शब्दों का भी प्रयोग हुआ है। जोशी का अधिकांश साहित्य अप्रकाशित है।

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

उनके पिता का नाम सूरजभान तथा माता का नाम लक्ष्मी था। दस वर्ष की उम्र में उन्होंने लेखन कार्य शुरू कर दिया था।

साहित्य यत्रा[संपादित करें]

छंद लहर, अनुभवलहर और कृष्ण सुदामा चरित्र उनकी प्रकाशित कृतियाँ है। आकाशवाणी जयपुर तथा अजमेर से उनकी रचनाओं का प्रसारण भी हुआ है। राजस्थानी भाषा के साहित्यकार गोरधन सिंह शेखावत द्वारा संपादित शेखावाटी के साहित्यकार व रघुनाथ प्रसाद तिवारी 'उमंग' के ग्रंथ खंडेला क्षेत्र का सांस्कृतिकवैभव में भी जोशी का वर्णन है। २७ जुलाई २००६ को उनकी मृत्यु हो गई। मरणोपरान्त डॉ. कैलाश पारीक खण्डेला द्वारा सन्त कवि की रचनाओं का संकलन एवं सम्पादन " छन्द प्रवाह" और "शिवनन्दिनी" दो पुस्तकों के रूप में किया गया ।

सन्दर्भ[संपादित करें]