संज्ञा और उसके भेद
किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे पशु (जाति), सुंदरता (गुण), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान), मारना (क्रिया)।
संज्ञा के तीन भेद हैं-
- जातिवाचक संज्ञा
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
अनुक्रम
जातिवाचक संज्ञा[संपादित करें]
जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति,वस्तु,स्थान की संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - मनुष्य, नदी,पर्वत, पशु, पक्षी, लड़का, कुत्ता, गाय, घोड़ा, भैंस, बकरी, नारी, गाँव आदि
व्यक्तिवाचक संज्ञा[संपादित करें]
केवल एक व्यक्ति, वस्तु या स्थान के लिये जिस नाम का प्रयोग होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।जैसे -अमेरिका, भारत, अनिल, आयुश
भाववाचक संज्ञा[संपादित करें]
जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि।
कुछ विद्वान अंग्रेज़ी व्याकरण के प्रभाव के कारण संज्ञा शब्द के दो भेद और बतलाते हैं-
- समुदायवाचक संज्ञा।
- द्रव्यवाचक संज्ञा।
जिन संज्ञा शब्दों से व्यक्तियों, वस्तुओं आदि के समूह का बोध हो उन्हें समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - सभा, कक्षा, सेना, भीड़, पुस्तकालय, दल, मानव, पुसतक आदि।
- द्रव्यवाचक संज्ञा
जिन संज्ञा-शब्दों से किसी धातु, द्रव्य आदि पदार्थों का बोध हो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - घी, तेल, सोना, चाँदी, पीतल, चावल, गेहूँ, कोयला, लोहा आदि।
भाववाचक संज्ञा बनाना[संपादित करें]
भाववाचक संज्ञाएँ चार प्रकार के शब्दों से बनती हैं। जैसे-
सर्वनाम से संज्ञा बनाना[संपादित करें]
- अपना = अपनापन, अपनत्व
- निज = निजत्व, निजता
- पराया = परायापन
- स्व = स्वत्व
- सर्व = सर्वस्व
विशेषण से संज्ञा बनाना[संपादित करें]
- मीठा = मिठास
- चतुर = चातुर्य, चतुराई
- मधुर = माधुर्य मधुरता
- सुंदर = सौंदर्य, सुंदरता
क्रिया से संज्ञा बनाना[संपादित करें]
- खेलना = खेल
- थकना = थकान
- लिखना = लेख
- हँसना = हँसी
- चलना = चाल
- उड़ना = उडान
- चढ़ना = चढ़ाई
- खोदना = खुदाई