संघ सूची

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संघ सूची भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची में वर्णित कुछ विषयों की सूची है जिसमें दिये गये विषयों पर केवल केन्द्र सरकार कानून बना सकती है। भारत के संविधान में सातवीं अनुसूची में दी गई 100 क्रमांकित वस्तुओं (101वें संविधान संशोधन अधिनियम 2016 के बाद, प्रविष्टि 92 और 92c हटा दी गई) (अंतिम वस्तु क्रमांक 100 है) की एक सूची है, जिस पर संसद को विशेष अधिकार प्राप्त हैं, कानून बनाना। विधायी अनुभाग को तीन सूचियों में विभाजित किया गया है: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड या ऑस्ट्रेलिया की संघीय सरकारों के विपरीत, कनाडा की संघीय सरकार की तरह, शेष शक्तियां केंद्र सरकार के पास रहती हैं।[1]

संघ सूची के कुछ विषय" : सेना, रक्षा , विदेशी मामले , रेल, डाक, बचत ,परमाणु ऊर्जा ,नागरिकता ,संचार ,मुद्रा (करेंसी) ,भारतीय रिजर्व बैंक ,बैंकिंग बीमा स्टॉक विनिमय (स्टॉक  एक्चंगे) , जनगणना, आयकर तथा निगम कर आदि৷भारतीय संविधान की अनुसूची में कुल 12 अनुसूचियां हैं, जो इस प्रकार हैं:

प्रथम अनुसूची: इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों (28 राज्य) एवं संघ शासित (8) (5Aug 2019) क्षेत्रों का उल्लेख है. नोट: संविधान के 69वें संशोधन के द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा दिया गया है. नोट: 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से पृथक तेलंगाना राज्‍य बनाया गया.2019 से जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा हटा दिया गया अब 28 राज्य है।

द्वितीय अनुसूची: इसमें भारत राज-व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति, विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक आदि) को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन का उल्लेख किया गया है.


तृतीय अनुसूची: इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (प्रधानमंत्री, मंत्री, उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों) द्वारा पद-ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है.

चौथी अनुसूची: इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्य सभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है.

पांचवीं अनुसूची: इसमें विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों की अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है.

छठी अनुसूची: इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है.

सांतवी अनुसूची: इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बंटवारे के बारे में बताया गया है, इसके अन्तगर्त तीन सूचियाँ है- संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची:

(1) संघ सूची: इस सूची में दिए गए विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है. संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 100 विषय हैं.

(2) राज्य सूची: इस सूची में दिए गए विषय पर राज्य सरकार कानून बनाती है. राष्ट्रीय हित से संबंधित होने पर केंद्र सरकार भी कानून बना सकती है. संविधान के लागू होने के समय इसके अन्‍तर्गत 66 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 61 विषय हैं.

(3) समवर्ती सूची: इसके अन्‍तर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं. परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है. राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून केंद्र सरकार के कानून बनाने के साथ ही समाप्त हो जाता है. संविधान के लागू होने के समय समवर्ती सूची में 47 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 52 विषय हैं. 5 नए विषय इस प्रकार है- अ. वन ब. वन्य जीव स. नापतोल इकाइयां द. न्यायिक प्रशासन क. शिक्षा।

आठवीं अनुसूची: इसमें भारत की 22 भाषाओँ का उल्लेख किया गया है. मूल रूप से आंठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं, 1967 ई० में सिंधी को और 1992 ई० में कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया. 2004 ई० में मैथिली, संथाली, डोगरी एवं बोडो को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया.

नौवीं अनुसूची: संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 के द्वारा जोड़ी गई. इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है. इन अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है. वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम हैं.

नोट: अब तक यह मान्यता थी कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कानूनों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती. 11 जनवरी, 2007 के संविधान पीठ के एक निर्णय द्वारा यह स्थापित किया गया कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित किसी भी कानून को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि वह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तथा उच्चतम न्यायालय इन कानूनों की समीक्षा कर सकता है.

दसवीं अनुसूची: यह संविधान में 52वें संशोधन, 1985 के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है.

ग्यारहवीं अनुसूची: यह अनुसूची संविधान में 73वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें पंचायतीराज संस्थाओं को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किए गए हैं.

बारहवीं अनुसूची: यह अनुसूची 74वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के लिय 18 विषय प्रदान किए गए हैं.

सरल भाषा मे संघ सूची के अंतर्गत वे कार्य आते है जिन पूर्ण नियंत्रण केंद्र सरकार का होता है, जैसे -मुद्रा, आयकर विभाग, डाक विभाग, भारतीय रेलवे इत्यादि ।

सन्दर्भ[संपादित करें]

सिंधी भाषा को 21वा संविधान संशोधन द्वारा 1967 में जोड़ा गया तथा 71वा संविधान संशोधन 1992 में नेपाली,मणिपुरी,तथा कोकणी,भाषा को जोड़ा गया 92वॉ संविधान संशोधन द्वारा 2003 में चार भाषा मैथिली, संथाली,बोडो,डोगरी को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया|

  1. Robert L. Hardgrave and Stanley A. Koachanek (2008). India: Modi Government and politics in a developing nation (Seventh संस्करण). Thomson Wadsworth. पृ॰ 146. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-495-00749-4.