श्रैयाँश जैन
श्रैयाँश जैन | |
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जन्म |
21 जून 1997 मूँदी, मध्य प्रदेश, भारत |
आवास | मूँदी, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | व्यापार, लेखक, निवेशक, |
सक्रिय वर्ष | 2018 - वर्त्तमान |
ऊंचाई | </ref> |
माता-पिता |
उपेन्द्र जैन (पिता) सुनीता जैन(माता) |
श्रैयाँश जैन और "श्रैयाँश कर्णावट" भारत के मध्यप्रदेश के मूँदीशहर मे जन्मे एक व्यापारी, लेखक व निवेशक है|
श्रैयाँश जैन (जन्म 21जुन 1997 को मूँदी|मध्यप्रदेश|भारत में) एक भारतीय व्यवसायी हैं। वे एस.के कॉम.pvt.ltd. के मालिक है। जो की शुरुआती दिनो मे छोटे व्यापारीयों को फायनेस किया करती थी।
शुरूआती जीवन[संपादित करें]
जैन मूँदीशहर के एक व्यापारीक परिवार मे जन्मे है ।उनके पिता का नाम उपेन्द्र जैन व माता का नाम सुनीता जैन है वे इनके बंझले पुत्र है। उनके दादा नंदलाल जैन व दादी प्रेमलता जैन लॉयस क्लब से जुड़ कर कई सामाजिक कार्य किए है। जैन ने मूँदी स्थित सेंट मेरिज कॉन्वेट हाई स्कूल व खंडवा स्थित एम. जी.एम हायर सेकेन्दिय स्कूल के माध्यम से अपनी स्कूली शिक्षा समाप्त की। और बाद मे इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के श्री अटल बिहारी वाजपेयी कला व वाणिज्य महाविधालय से बी.कॉम की शिक्षा प्राप्त की।
करियर[संपादित करें]
जैन ने 2018 मे एस.के फिडकेप नाम से एक फायनेस कंपनी स्थापित की है।जो छोटे व्यापारियों को फायनेस किया करती है।
परिवार[संपादित करें]
श्रैयाँश जैन का परिवार जैन धर्म का अनुयायी है व उनका कुल कर्णावटहै।पहले यह राजस्थान मे निवास करते थे जो कि बाद मे मध्यप्रदेशराज्य मे आ कर बस गये यहॉ पर वे 8वी पीढ़ी से निवास कर रहे हैं।जैन मूँदीशहर के एक मध्यमवर्गीय परिवार मे जन्मे है जो की शहर मे ही व्यापार करती हैं।उनके दादा नंदलाल जैन सन् 1970 मे मूँदी मे बस गये थे व उन्होने व्यापार की शुरूआत की थी व इनके पिता उपेन्द्र जैन ने भी वही व्यापार संभाला था।इसके अलावा उनके दो काका विरेन्द्र जैन और सिध्दार्थ जैन भी व्यापार किया करते हैं।जिनके शुरूआती दिनो मे श्रैयाँश जैन ने कुछ समय इन दोनों व्यापार को संभाला भी था और यही से उन्होने व्यापार मे अपनी रूची दिखाई थी।उनकी दादी प्रेमलता जैन दादा नंदलाल जैन व काका सिध्दार्थ जैन लॉयस क्लब से जुड़ कर शहर मे कई सामाजिक कार्य किए थे।मूँदी मे लॉयस क्लब जो की एक संस्था है जिसकी मूँदी ईकाई की शुरूआत इनके दादा ने सहभागीयों के संग की थी व महिला मंडल ईकाई को इनकी दादी ने ही स्थापित करवाया था।