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श्रुति (संगीत)

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shruti hindustani music हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत वह छोटे से छोटा नाद जो कानो को स्पष्ट सुनाई दे , व समझा जा सके , श्रुति कहलाता है।

          प्राचीन ग्रंथो में श्रुति की परिभाषा ' श्रूयतेति श्रुति ' दी गई है । संस्कृत में श्रृ का अर्थ है सुनना। अर्थात जो कानो से सुनी जा सके वह श्रुति है । श्रुति की संख्या २२ है । इन्ही से 7  स्वरों की उत्पति होती है।

बाईस श्रुतिया -

तीव्रा

कुमुदती

मंदा

छंदोवती

दयावती

रंजनी

रक्तिका

रौद्री

क्रोधा

वार्जिका

प्रसारिणी

प्रीति

मार्जनी

क्षिति

रक्ता

संदीपनी

आलापिनी

मंदति

रोहिणी

रम्या

उग्रा

क्षोभीणी रणद्भिराघट्टनया नभस्वतः पृथग्विभिन्नश्रुतिमण्डलैः स्वरैः ।स्फुटीभवद् ग्रामविशेषमूर्छनामवेक्ष्यमानं महतीं मुहुर्मुहुः ः शिशुपालवधम् प्रथम सर्ग । श्रुतिमण्डल - ध्वनिसमूह जिनसे षड्ज ऋषभ गान्धार मध्यम पंचम धैवत और निषाद स रि ग म प ध नि ये सात स्वर उत्पन्न होते हैं।