शौर्य प्रक्षेपास्त्र
शौर्य | |
---|---|
![]() शौर्य प्रक्षेपास्त्र प्रथम प्रक्षेपण | |
प्रकार | संकर प्रणोदन[1] |
उत्पत्ति का मूल स्थान | भारत |
सेवा इतिहास | |
द्वारा प्रयोग किया | भारतीय सशस्त्र सेनाएं |
उत्पादन इतिहास | |
निर्माता | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन |
निर्दिष्टीकरण | |
वजन | ६.२ ton |
ऊंचाई | १० m |
व्यास | ०.७४ m |
शौर्य प्रक्षेपास्त्र एक कनस्तर से प्रक्षेपित सतह से सतह पर मार करने वाला सामरिक प्रक्षेपास्त्र है जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने भारतीय सशस्त्र बलों के उपयोग के लिए विकसित किया है। इसकी मारक सीमा ७५०-१९०० किमी है[2][4] तथा ये एक टन परंपरागत या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह किसी भी विरोधी के खिलाफ कम - मध्यवर्ती श्रेणी में प्रहार की क्षमता देता है।[5] शौर्य प्रक्षेपास्त्र भारत को द्वितिय प्रहार की महत्वपूर्ण क्षमता देता है।[6]
विवरण
[संपादित करें]शौर्य प्रक्षेपास्त्र को जल के निचे मार करने वालि सागारिका प्रक्षेपास्त्र का भूमि संस्करण माना जाता रहा है[7] परंतु डीआरडीओ अधिकारियों ने कथित तौर पर सागारिका कार्यक्रम के साथ इसके संबंध से इनकार किया है।[8][3] शौर्य एक समग्र कनस्तर में संग्रहित रहती है जो रखरखाव के बिना बहुत लंबी अवधि के लिए संग्रहित करने के लिए एवम संभालने और परिवहन. मे बेहतर है। इसमे गैस् जनित्र भी है जो कनस्तर से बेदखल करने के लिए इसे इच्छित लक्ष्य पर वेग से फेंक देती है। यह दुश्मन या निगरानी उपग्रहों से भूमिगत भंडारो मे तब तक छिपा रह सकता है जब तक वे विशेष भंडारण व लांच कनस्तरों से प्रक्षेपित किये जाए। शौर्य प्रणाली में कुछ और परीक्षणों की आवश्यकता से है फिर ये दो से तीन वर्षों में पूरी तरह चालू हो जायेगा। उच्च गतीय दो चरणो वाली शौर्य अत्यधिक चुस्त है मौजूदा मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली को इसके विरुद्ध कमजोर बनाता है।[9]
शौर्य कम ऊंचाई पर भी छह मैक के वेग तक पहुँच सकती हैं। सतह पर समान रूप से गर्मी प्रसार के लिए ये धुरी पर घूमती है। उड़ान समय 500 सेकंड और 700 सेकंड के बीच है। यह उच्च प्रदर्शन, नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली, कुशल प्रणोदन प्रणाली, उच्च तकनीक नियंत्रण तकनीकों और कनस्तर प्रक्षेपण की एक जटिल प्रणाली के रूप में वर्णित है। यह आसानी से सड़क मार्ग से ले जाया जा सकता है। शौर्य में शामिल प्रौद्योगिकियों मे त्वरण मीटर और गायरोस्कोप शामिल है।
परीक्षण
[संपादित करें]प्रक्षेपास्त्र का प्रथम परीक्षण १२ नवम्बर २००८ को किया गया। मिसाइल एक भूमिगत सुविधा से चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज मे निर्मित परिसर-3 से प्रेक्षित की गई।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]संबंधित विकास
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 27 मार्च 2012. Retrieved 23 जनवरी 2011.
- ↑ अ आ "संग्रहीत प्रति" (PDF). Archived (PDF) from the original on 21 सितंबर 2018. Retrieved 23 जनवरी 2011.
- ↑ अ आ "RIA Novosti: India successfully test-fires ballistic missile". Archived from the original on 11 अक्तूबर 2012. Retrieved 23 जनवरी 2011.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "Missile success - Frontlineonnet". Archived from the original on 26 अप्रैल 2020. Retrieved 23 जनवरी 2011.
- ↑ "India successfully test fires 'Shaurya' missile". expressindia.com. November 12, 2008. Archived from the original on 16 सितंबर 2012. Retrieved 23 जनवरी 2011.
- ↑ ""Shourya missile cannot be easily detected"". Archived from the original on 13 नवंबर 2013. Retrieved 23 जनवरी 2011.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "Shourya test-fired successfully". Archived from the original on 20 मार्च 2011. Retrieved 23 जनवरी 2011.
- ↑ "Shourya test-fired successfully". Archived from the original on 20 मार्च 2011. Retrieved 23 जनवरी 2011.
- ↑ Pandit, Rajat (November 13, 2008). "India successfully test fires Shaurya missile". Times of India. Archived from the original on 23 फ़रवरी 2009. Retrieved 23 जनवरी 2011.