शेखर गुरेरा
शेखर गुरेरा | |
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जन्म |
30 अगस्त 1965 मोगा, पंजाब, भारत |
राष्ट्रीयता | भारत |
पेशा | कार्टूनिस्ट, चित्रक |
कार्यकाल | 1984–वर्तमान |
जीवनसाथी | रेखा गुरेरा |
बच्चे | देव गुरेरा एवं योगेश गुरेरा |
माता-पिता | मनीराम गुरेरा एवं पार्वती गुरेरा |
हस्ताक्षर | |
वेबसाइट shekhargurera |
सम्पादकीय कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा (पूरा नाम : चंद्रशेखर गुरेरा) एक भारतीय कार्टूनिस्ट [1] हैं। इन्हें दैनिक पाकेट कार्टून के माध्यम से भारत के राजनीतिक एवं सामाजिक परिवेश पर चंद शब्दों में गुदगुदाती हुई सटीक टिप्पणियों के लिए जाना जाता है। इनके दैनिक कार्टून अंग्रेजी, हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा के दैनिक समाचार पत्रों: द पायनियर, पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, हिंदसमाचार एवं जगबानी में प्रकाशित होते हैं। इन्होंने अपने कार्टून जीवन की शुरुआत १९८४ में बतौर स्नातक कर रहे विज्ञान के एक छात्र, फ्रीलांसर के रूप में की थी।
जीवनी
[संपादित करें]शेखर गुरेरा का जनम ३० अगस्त १९६५ को मोगा, पंजाब, भारत में हुआ। १९८६ में मुलतानी मल मोदी कालेज, पटियाला, पंजाब से विज्ञान में स्नातक डिग्री प्राप्त की। गुड़गाँव (हरियाणा) स्थानांतरित होने के बाद १९९० में ललितकला महाविद्यालय, नई दिल्ली से एप्लाइड आर्ट्स में एक डिग्री प्राप्त की।[2] गुरेरा का पहला कार्टून १९७३ में एक पुरस्कार के संबंधित खबर के दौरान वीर प्रताप समाचारपत्र में प्रकाशित हुआ था। स्कूली शिक्षा के दौरान चित्रकला बतौर रुचि जारी रखी, जबकि विज्ञानं में स्नातक विद्यार्थी रहते पहला कार्टून (बतौर फ्रीलांसर पेशेवर कार्टूनिस्ट) अक्टूबर १९८४ के दौरान पंजाब केसरी में प्रकाशित हुआ।[3]
पुरस्कार एवं सम्मान
[संपादित करें]- १९८९ : भारत के प्रधानमंत्री, राजीव गांधी द्वारा सम्मानित [4]
- १९९० : भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति, ज्ञानी जैल सिंह द्वारा बेहतरीन कार्टून के लिए सम्मानित [5]
- १९९२ : प्रथम बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी में भारत के प्रधानमंत्री, पीवी नरसिंह राव द्वारा सर्वश्रेष्ठ कार्टूनिस्ट अवार्ड[6]
- १९९६ : २०वें मातृश्री मीडिया अवार्ड में बतौर सर्वश्रेष्ठ कार्टूनिस्ट, दिल्ली के मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा से सम्मानित[7]
- १९९७ : टोक्यो, जापान में जापान फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीसरी एशियाई कार्टून और कला प्रदर्शनी, में भारत का प्रतिनिधित्व[8]
- २००२ : सैतामा, जापान की हास्य फोटो प्रतियोगिता में सम्मानित
- २०११ : पत्रकारिता के लिए महामना मदन मोहन मालवीय मेमोरियल ७वीं वार्षिक पुरस्कार (कार्टूनिस्ट) से सम्मानित
- २०१९ - हरियाणा गरिमा अवॉर्ड्स 2019 के दौरान "आइकॉन ऑफ़ हरियाणा" सम्मान से नवाज़ा गया.[9][10]
स्वच्छ सर्वेक्षण २०१८ के लिए ब्रांड एम्बेसडर
[संपादित करें]- २०१८ : बतौर गुरूग्राम के एक प्रतिष्ठित नागरिक एवं प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट, नगर निगम गुरूग्राम ने शेखर गुरेरा को स्वच्छ सर्वेक्षण २०१८ के लिए अधिकारिक तौर पर कार्टूनों के लिए ब्रांड एम्बेस्डर घोषित किया गया। बतौर स्वैच्छिक सहायता, बनाए गए कार्टूनों में गुरेरा ने स्वच्छता और स्वच्छ भारत अभियान सहित कचरा अलग-अलग करने, खुले में शौच नहीं जाने, विभिन्न स्वच्छता पहलुओं जैसे प्लास्टिक का उपयोग ना करने और अपने आसपास सफाई का ध्यान रखने का संदेश देते विषयों पर कार्टून बनाये। इन कार्टूनों को मीडिया एवं होर्डिंग इत्यादि सहित प्रचार के अन्य माध्यमों द्वारा प्रसारित किया गया। [11][12]
परियोजनाएँ
[संपादित करें]- १९९९ : कारगिल कार्टून्स (कार्टूनों के एक संग्रह और कार्टून प्रदर्शनी की शृंखला) अभियान में भारतीय सेना के साथ उनके सामूहिक एकता की निशानी के रूप में विभिन्न प्रमुख समाचार पत्रों के कार्टूनिस्टों ने, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से सीमा की ओर जा रहे सेना के जवानों का मनोबल बढ़ाने के एक सार्थक पर्यास हेतु मौके पर ही कैरीकेचर बना, उन्हें भेंट किये। तत्पश्चात समाचार पत्रों में प्रकाशित कारगिल युद्ध सम्बन्धी कार्टूनों की एक प्रदर्शनी जो नई दिल्ली सहित जयपुर, चंडीगढ़, पटना और इंदौर में आयोजित की गयी[13]
- २००१ : डेढ़ दशक तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में बतौर साप्ताहिक कॉलम (Future Lens / भविष्य की तस्वीर) जो कि नेट के द्वारा देश ही नहीं विदेश में भी बेहद लोकप्रिय रहा। इस कृति में खेल, फिल्म, राजनीती एवं अन्य जगत से जुडी लोकप्रिय सेलेब्रिटी को लेकर दिखाया जाता रहा कि आज से ३० वर्ष बाद वो कैसे दिखेंगी। कंप्यूटर की डिजिटल तकनीक के माध्यम से पेंट की गई ये कृतियाँ हूबहू तस्वीर का आभास देती है। [14][15]
- २००५ एवं २०१६ : राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद(NPC) के कैलेंडर के लिए कार्टूनों की एक शृंखला
- २०१७ : इंडियन कार्टून गैलरी, बेंगलुरु में ७ से २८ जनवरी, २०१७ तक एकल कार्टून प्रदर्शनी जो भारतीय कार्टून संस्थान (Indian Institute of Cartoonists) द्धारा आयोजित की गई थी! [16][17]
- २०१८ : मध्यप्रदेश राज्य सरकार एवं भारत सरकार के सहयोग से इंदौर में संयुक्त राष्ट्र संघ क्षेत्रीय विकास केंद्र (UNCRD) के तत्वाधान में 8वां 3R (Reduce, Recycle, Reuse) फोरम के आयोजन के दौरान शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी पुस्तक जीवन शैली में सरंक्षण : भारतीय विरासत जिसमें विभिन आयामों को रेखाचित्रों की एक श्रंखला के माध्यम से दर्शाया गया! (अप्रैल९-१२, २०१८) [18]
किताबें एवं लेख
[संपादित करें]- १९९७ : सूर्योदय की धरती (जापान) से, जापान दौरे से लौटने के बाद पंजाब केसरी, जागबानी एवं हिंद्समाचार में प्रकाशित १० कड़ियों की साप्ताहिक शृंखला[19]
- १९९९ : कारगिल कार्टून्स, कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय रक्षा बलों को समर्पित कार्टूनों के एक संग्रह का संकलन[20]
- २००० : Laugh as you Travel : काक और शेखर गुरेरा द्वारा भारतीय रेल के 150 गौरवशाली साल पूरा करने के अवसर पर बनाये कार्टूनों का एक संकलन[21]
टिप्पणियां एवं साक्षात्कार
[संपादित करें]- १९८२ : बतौर ११वीं कक्षा के एक छात्र थे (उम्र: १७), जब कॉलेज के वार्षिकोत्सव समारोह के एक मौके पर ८वी लोकसभा के अध्यक्ष बलराम जाखड़ (मुख्य अतिथि), का मौके पर ही रेखा चित्र बनाने पर मंच पर ही आपको समानित करते हुए श्री जाखड़ ने आपको कल का शोभा सिंह की टिपण्णी कर गौरविंत किया [22]
- १९९४ : साप्ताहिक सन्डे मेल के एक अंक में डॉ॰ रोहनीत सिंह फोर, जोकि एक लम्बे समय से व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से आपको जानते भी हैं, ने कार्टून करियर के शुरुआत के दिनों से लेकर, आपकी कार्टून शैली आदि के बारे विस्तार से चर्चा की है[23]
- १९९७ : द हिन्दू के एक अंक में सुचित्रा बहल ने आपसे एक साक्षात्कार में हिज ओन मैन की सम्पादकीय टिपण्णी की है[24]
- १९९८ : द स्टेटसमैन के एक अंक में कार्टून नेटवर्क नामक आवरण लेख में आपने उत्कृष्ट कार्टून कला के लिए तीन प्रमुख विद्याओं की अनिवार्यता पर फोकस किया है : एक कलाकार की संवेदनशीलता, एक पत्रकार का तेज दिमाग और एक व्यंग्यकार की गहरी निगरानी[25]
- २०२१ : कार्टूनिस्ट काक द्वारा अपने संस्मरण में की गई एक टिपण्णी : कार्टूनिस्ट ही बनने के लिए बेशक मुझे स्वयं के लिए तय करने में बीस साल लगे थे परन्तु जब मैंने शेखर गुरेरा की रेखाएं देखी, रेखाओं में दम देखा, उसी वक़्त मैंने उनके पिताजी को जो स्वयं भी एक बड़े प्रतिष्ठान के साथ इंजीनियर थे एवं अपने पुत्र के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई ही करवा रहे थे को शेखर को कार्टूनिस्ट ही बनाने के लिए राय दी, जिसे मैं अपने जीवन की एक उपलब्धि ही मानता हूँ कि मैंने अपने सुझाव से कार्टून जगत को एक अच्छा कार्टूनिस्ट दिया! [26]
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- ↑ मीडिया प्रत्यायन सूचकांक. प्रेस सूचना ब्यूरो, भारत सरकार. 1 अप्रैल 2010. 22 जुलाई 2010 को लिया गया। मान्यता प्राप्त पत्रकार की सूची, 2010 (नाम से सूची में no300) Archived 2013-07-30 at the वेबैक मशीन
- ↑ Another Feather in the cap of Cartoonist Gurera The Times of India, New Delhi : Jan20, 1999 Archived 2013-09-28 at the वेबैक मशीन
- ↑ Career in Satire, Cartoonist' Interview (Page24-29) POOL 83 : July 2017 Archived 2018-03-10 at the वेबैक मशीन
- ↑ प्रधानमंत्री, राजीव गांधी द्वारा सम्मानित Evening News, New Delhi : १९ फरवरी १९९० Archived 2018-07-04 at the वेबैक मशीन
- ↑ भूतपूर्व राष्ट्रपति, ज्ञानी जैल सिंह द्वारा सम्मानित पंजाब केसरी, नई दिल्ली : ३१ जनवरी १९९० Archived 2018-07-04 at the वेबैक मशीन
- ↑ प्रधानमंत्री, पीवी नरसिंह राव द्वारा सम्मानित नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली : ३० नवम्बर १९९२ Archived 2013-09-21 at the वेबैक मशीन
- ↑ 20th Matri Shree Award Announced Indian Express, New Delhi : May6,1996 Archived 2013-09-21 at the वेबैक मशीन
- ↑ जुलाई १९९७ मैं जापान फाउंडेशन, टोक्यो द्वारा आयोजित, जापान में तीसरी एशियाई कार्टून और कला प्रदर्शनी, में दस एशियाई देशों ने भाग लिया भारत के प्रतिनिधि शेखर गुरेरा द्वारा बनाये कार्टून Archived 2013-09-21 at the वेबैक मशीन
- ↑ कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा के काम को मिली नई पहचान; समाचार4मीडिया, Oct.28, 2019 Archived 2019-12-08 at the वेबैक मशीन
- ↑ कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा के खाते में एक और उपलब्धि Archived 2019-12-29 at the वेबैक मशीन; पंजाब केसरी, Dec.25, 2019.
- ↑ कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा को ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया Archived 2018-02-02 at the वेबैक मशीन पंजाब केसरी, 31 January 2018.
- ↑ कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा बने MCG के लिए ब्रांड एम्बेसडर Archived 2018-02-02 at the वेबैक मशीन पब्लिक वर्ल्ड, 31 January 2018.
- ↑ १४ जुलाई १९९९ को IE मैं प्रकाशित समाचर : Humour for warriors up front Archived 2013-09-28 at the वेबैक मशीन
- ↑ Crystal Ball Gazing : Hrithik Roshan in 2035 The Times of India, New Delhi: July 27, 2000 Archived 2013-09-28 at the वेबैक मशीन
- ↑ आज की लोकप्रिय सेलेब्रिटी ३० वर्ष बाद Future Lens / भविष्य की तस्वीर Archived 2016-03-06 at the वेबैक मशीन
- ↑ Art review by Gurudatta NS Sanketh Archived 2017-02-01 at the वेबैक मशीन Kannada Prabha, Bangalore, 7 January 2017.
- ↑ WORLD OF SHEKHAR GURERA' - NEWS9 Archived 2017-02-02 at the वेबैक मशीन News9, 11 January 2017.
- ↑ जीवन शैली में सरंक्षण: भारतीय विरासत Archived 2018-04-07 at the वेबैक मशीन 8वें क्षेत्रीय 3R फोरम : 9-12 April,2018
- ↑ २३ दिसम्बर १९९७ से पंजाब केसरी, जागबानी एवं हिंद्समाचार मैं प्रकाशित १० कड़ियों की साप्ताहिक श्रंखला : सूर्योदय की धरती (जापान) से
- ↑ कारगिल कार्टून्स कार्टूनों का एक संग्रह
- ↑ २६ अगस्त २००० को स्वतंत्र भारत, लखनऊ मैं प्रकाशित राम किशोर पारचा का लेख : रेलवे यात्रा पर कार्टूनों की एक उम्दा बानगी Archived 2013-10-17 at the वेबैक मशीन
- ↑ लोकसभा के अध्यक्ष बलराम जाखड़ द्वारा सम्मानित पंजाब केसरी, जालंधर : २२ मार्च १९८२ Archived 2018-07-04 at the वेबैक मशीन
- ↑ २३-२९ अक्टूबर १९९४ को साप्ताहिक सन्डे मेल में : वह बस स्टॉप पर भी कार्टून बना लेता था" Archived 2016-03-04 at the वेबैक मशीन
- ↑ १ जून १९९७ को द हिन्दू, नई दिल्ली में : Encounters By Suchitra Behal" Archived 2016-03-04 at the वेबैक मशीन
- ↑ २८ फ़रवरी १९९८ को द स्टेटसमैन, कोलकाता में : Cartoon Network By Sharad K Soni" Archived 2018-09-18 at the वेबैक मशीन
- ↑ कार्टूनिस्ट काक : जीवन यात्रा : वेबिनार : मई १६, २०२१]