शीना बोरा हत्याकांड

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शीना बोरा
जन्म 11 फ़रवरी 1989
गुवाहाटी, भारत
मौत अप्रैल 24, 2012(2012-04-24) (उम्र 23)
मुंबई
समाधि रायगढ़
आवास मुंबई
राष्ट्रीयता  India
गृह-नगर गुवाहाटी, भारत
साथी राहुल मुखर्जी
माता-पिता उपेंद्र कुमार बोरा(पिता)और दुर्गा रानी (माँ) [1]
संबंधी मिखाइल बोरा (भाई)

शीना बोरा मुंबई मेट्रो वन में काम करती थी और इंद्राणी मुखर्जी व सिद्धार्थ दास की बेटी थी।[उद्धरण चाहिए] यह चर्चा का विषय है कि सिद्धार्थ दास या कोई अन्य व्यक्ति शीना का पिता है। शीना 24 अप्रैल 2012 से लापता थी। पुलिस ने इस पर इंद्राणी मुखर्जी और संजीव खन्ना (शीना के दूसरे सौतेले पिता) को ड्राईवर के साथ गिरफ्तार कर लिया।

इतिहास[संपादित करें]

शीना बोरा का जन्म 1989 में कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था।[उद्धरण चाहिए] वर्ष 1992 में शीना की माँ अपने किसी पति के साथ गुवाहाटी चले जाती है।[उद्धरण चाहिए] वह अपने बच्चों को उपेंद्र कुमार बोरा और दुर्गा रानी के जिम्मे छोड़ देती है। इसके बाद वह दूसरी (या तीसरी) शादी संजीव खन्ना के साथ करती है। वह दोनों की बेटी विधि खन्ना 2002 की शादी से है। इंद्राणी और संजीव के मध्य विधि के पालन के अधिकार के लिए न्यायालय में एक प्रकरण चलता है।[उद्धरण चाहिए] इसके बाद इंद्राणी यह प्रकरण जीत जाती है और दोनों इंग्लैंड में चले जाते हैं। वर्ष 2002 में इंद्राणी और पीटर की शादी होने पर पीटर विधि को कानूनी तौर पर गोद ले लेता है।[2]

शीना बोरा 2006 में मुंबई आ जाती है और अपने आप को सभी के सामने (पीटर को मिलाकर) इंद्राणी की की छोटी बहन बताती है। इंद्राणी सभी से इस बात को छिपाती है है कि शीना और मिखाइल बोरा उसके बच्चे हैं। पीटर मुखर्जी शीना बोरा की महाविद्यालय में जाने के लिए सहायता करते हैं। जहाँ वह 2006 से 2009 तक पढ़ती है। इसके बाद 2009 में उसे रिलायंस में नौकरी मिल जाती है। जून 2011 में वह मुंबई मेट्रो वन में सहायक प्रबन्धक की नौकरी करती है।

मुंबई में रहने के दौरान उसकी मुलाक़ात राहुल मुखर्जी से होती है, (पीटर मुखर्जी का बेटा)[उद्धरण चाहिए] और दोनों 2009 से 2012 तक साथ रहते हैं। 24 अप्रैल 2012 को शीना एक लिखा हुआ इस्तीफा दे देती है। उसी दिन राहुल को शीना के मोबाइल से एक संदेश मिलता है। जिसमें वह उसके साथ रिश्ता तोड़ने की बात लिखी होती है। इंद्राणी यह कहती है कि वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गई है। इसके बाद लापता होने कि जानकारी नहीं दी गई और 24 अप्रैल 2012 के बाद से वह कभी नहीं दिखी।

राहुल की एफ़आईआर लिखाने की कोशिश[संपादित करें]

अप्रैल 2012 में राहुल मुखर्जी ने शीना के लापता होने के कारण वोरली पुलिस थाना में प्रकरण दर्ज कराने जाता है। लेकिन प्रकरण दर्ज नहीं होता है। क्योंकि वह और शीना अंधेरी के रहने वाले हैं और वह वोरली के क्षेत्र में नहीं आता है। इसके बाद वह अंधेरी में प्रकरण दर्ज कराने जाता है। लेकिन वहाँ भी प्रकरण दर्ज नहीं होता है। इसके बाद वह इंद्राणी से इसके बारे में पूछता है, तो वह बताती है कि वह अमेरिका चले गई है और वह उससे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती है। इसके बाद राहुल उससे पूछता है कि वह कैसे अमेरिका जा सकती है जबकि उसका पासपोर्ट तो कस्टडी में है।[उद्धरण चाहिए] इसके बाद वह बोलती है कि उसने नया पासपोर्ट बनाया है। इसके बाद राहुल देहारादून में अपनी जैविक माँ के पास रहने चले जाता है।

अप्रैल 2012 में शीना के लापता होने के बाद राहुल मुखर्जी और मिखाइल बोरा लापता होने की शिकायत दर्ज कराने जाते हैं। राहुल के कहने पर पुलिस इंद्राणी के वोरली में स्थित घर में जाती है। जहाँ उसके कर्मचारी बताते हैं कि वह भारत से बाहर गई है। उसके आने के बाद इंद्राणी पुलिस थाना में जाकर कहती है कि वह शीना को परेशान करता है इस कारण वह उसे बिना बताए अमेरिका चले गई।

मारना और जलाना[संपादित करें]

इंद्राणी के ड्राईवर श्यामवर पिंतुरम के द्वारा दिये गए कथन के अनुसार इंद्राणी ने इस हत्या के लिए पहले से विचार कर रखा था। उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और इंद्राणी ने मिल कर किया है।[उद्धरण चाहिए]

साहित्य[संपादित करें]

सचिन वाजे ने शीना बोरा हत्याकांड के बारे में शीना बोरा - द मर्डर दैट शुक इंडिया में लिखा।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

डार्क चॉकलेट (२०१६ फ़िल्म)

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 सितंबर 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]