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शीत वाताग्र

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उत्तर अमेरिका के ऊपर एक शीत वाताग्र का उपग्रह चित्र।
उत्तरी ओहायो में आगे बढ़ता हुआ एक शीत वाताग्र (2016)
मौसम मानचित्रों पर शीत वाताग्र को दिखाने का प्रतीक : एक नीली रेखा जिसपे नीले त्रिभुज बने होते हैं और त्रिभुजों का शीर्ष वाताग्र के आगे बढ़ने की दिशा को दिखाता है।

शीत वाताग्र (अंग्रेज़ी: cold front), मौसम विज्ञान में वाताग्रों का एक प्रकार है जो ठंडी वायुराशि के उस किनारे पर निर्मित होता है जहाँ यह आक्रामक रूप से गर्म वायुराशि की ओर बढ़ रही हो[1] और उसे नीचे से प्रवेश करके ऊपर उठा रही हो। आमतौर पर यह शीतोष्णकटिबंधीय चक्रवातों के पिछले हिस्से में आम पाया जाता है; हालाँकि, अन्यत्र भी बन सकता है। इसके साथ स्क्वॉल लाइन की घटना भी जुडी हुई है।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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स्रोत ग्रंथ

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  • Garg, Dr H. S. (3 Dec 2021). जलवायु विज्ञान और समुद्र विज्ञान Climatology And Oceanography - SBPD Publications (HIndi). SBPD Publications. Retrieved 8 Apr 2025.
  • Laju, I. Kadek; Prasetyo, Anugrah Nur. Meteorology. PIP Semarang. ISBN 978-623-8141-21-0. Retrieved 8 Apr 2025.
  • Markowski, Paul; Richardson, Yvette (20 Sep 2011). Mesoscale Meteorology in Midlatitudes. John Wiley & Sons. ISBN 978-1-119-96667-8. Retrieved 10 Apr 2025.
  • Singh, Dr Abha (20 Apr 2022). भौतिक भूगोल (Bhautik Bhugol - Physical Geography) according to Minimum Uniform Syllabus Prescribed by National Education Policy [NEP 2020] for B. A. Semester - I. SBPD Publications. Retrieved 8 Apr 2025.