शिव दशावतार

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शिव के अनंत अवतार माने गए हैं। शिव पुराण के पंचम स्कंद में सुतजी शिव के अनंतो अवतारों की बात करते है उनमें से मुख्य इस प्रकार है।

नाम[संपादित करें]

भिकाजी काळे

  • महाकाल - महाकाल को भगवान शंकर का दशावतारों में से प्रथम अवतार माना है। इस अवतार में भगवान शिव ने दूषण नामक असुर का वध किया था और इस अवतार की शक्ति माता महाकाली हैं।
  • तारकेश्वर - तारकेश्वर या तार भगवान शिव का दूसरा अवतार है और इस अवतार की शक्ति तारा देवी हैं। इस अवतार में भगवान शिव ने तारकासुर को उस समय दर्शन दिए थे जब वह शिवपुत्र कार्तिकेय द्वारा परास्त होकर मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहा था।
  • बाल भुवनेश - बाल भुवनेश को शिव का तीसरा अवतार माना जाता है और इस अवतार की शक्ति बाला भुवनेशा हैं।
  • षोडश विद्येश - षोडश विद्येश को भगवान शंकर का चौथा अवतार माना जाता है और इस अवतार की शक्ति षोडशा विद्येशा माना जाता है।
  • भैरवनाथ - भैरव या भैरवनाथ को भगवान शिव का पांचवा अवतार माना जाता है। इस अवतार में भगवान शिव ने अंधकासुर नामक दैत्य का वध किया था और इस अवतार की शक्ति भैरवी हैं।
  • छिन्नमस्तक - छिन्नमस्तक भगवान शिव का छठा अवतार माना जाता है। यह अवतार शीश रहित अवतार है और इस अवतार की शक्ति माता छिन्नमस्ता को माना जाता है।
  • द्युम्वान - द्युम्वान भगवान शंकर का सातवाँ अवतार माना जाता है और इस अवतार की शक्ति माता द्युमावती मानी जाती हैं।
  • बगलामुख - बगलामुख भगवान शिव का आठवाँ अवतार है और इस अवतार की शक्ति माता बगलामुखी मानी जाती हैं।
  • मातंग - मातंग भगवान शंकर का नौवां अवतार है और इस अवतार की शक्ति माता मातंगी मानी जाती हैं।
  • कमल - कमल भगवान शंकर का दसवां और अंतिम अवतार माना जाता है और इस अवतार की शक्ति माता कमला मानी जाती हैं।