शिवालिक बैंक

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शिवालिक बैंक (पूरा नाम शिवालिक मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक लि.) (अंग्रेज़ी में - Shivalik Mercantile Cooperative Bank Ltd.) उत्तर प्रदेश का प्रथम व अभी तक एकाकी बहुराज्यीय सहकारी बैंक है जिसकी स्थापना 5 सितंबर 1998 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जिला स्तरीय सहकारी बैंक के रूप में एक शाखा से हुई थी। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक, शिवालिक बैंक की शाखाएं उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुज़फ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, लखनऊ, गाज़ियाबादगौतम बुद्ध नगर जनपदों में, तथा मध्य प्रदेश में इन्दौर, धार, उज्जैन, खारगौनदेवास जनपदों में कार्य कर रही हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक की संतोषजनक कार्यप्रणाली को देखते हुए दिल्ली राज्य के अलावा उत्तराखंड के देहरादूनहरिद्वार जनपदों में भी शाखा विस्तार की अनुमति दे दी गयी है। वर्ष 2017 के अन्त तक बैंक की ग्राहक संख्या 1,50,000 से अधिक हो चुकी है।

नैतिक बैंकिंग पर विशेष बल[संपादित करें]

शिवालिक बैंक ने आरंभ से ही इस बात पर विशेष बल दिया है कि अपने ग्राहकों के विश्वास की रक्षा की जाए और उनसे प्राप्त होने वाली जमाराशियों को अनावश्यक रूप से खतरे में न डाला जाये। इसके लिये बैंक ने पहले दिन से ही यह तय किया कि बैंक के निदेशकों को कोई भी ऋण स्वीकृत न किया जाये (उनकी सावधि जमा के विरुद्ध दिये गये अग्रिम को छोड़ कर) । साथ ही, यह भी तय किया गया कि बैंक शेयर बाज़ार में न तो किसी भी प्रकार का निवेश करेगा और न ही शेयर प्रमाणपत्रों को प्रतिभूति के रूप में स्वीकार करेगा। बैंक अपने अंशधारकों को दिये गये शेयर प्रमाणपत्रों के विरुद्ध भी ऋण नहीं देता है।

बैंकिंग व अन्य सेवाएं[संपादित करें]

सी.बी.एस. प्रणाली से सम्बद्ध यह बैंक रिटेल बैंकिंग के अलावा स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा और सामान्य बीमा सेवाएं भी प्रदान कर रहा है। वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में शिवालिक बैंक ने उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में 2011 से 2018 तक 7 वर्षों में, लगभग 9000 स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups - SHG) का निर्माण किया है जिनमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाएं को सदस्य बना कर वित्तीय सहायता दी गयी है।

शिवालिक बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली मुख्य सेवाएं निम्नवत्‌ हैं:

  • समाज के विभिन्न वर्गों हेतु बचत खाते, चालू खाते व एफ.डी. खातों की अनेकानेक योजनाएं
  • समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर छोटे व गरीब ग्राहकों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ऋण योजनाएं
  • एन ई एफ टी, आर टी जी एस, आई एम पी एस आदि इलेक्ट्रोनिक माध्यमों से धन प्रेषण (NEFT, RTGS and IMPS)
  • एटीएम-सह-डेबिट कार्ड (रूपे से संबद्ध) Rupay powered ATM-cum-Debit Card
  • ए टी एम, नकदी जमा मशीनें व रि-साइक्लर
  • माइक्रो ए टी एम मशीन द्वारा खाता खोलना, खाते से धन निकालना, जमा करना व विवरण पत्र प्राप्त करना
  • एस. एम. एस. बैंकिंग (SMS Banking)
  • मोबाइल बैंकिंग (Mobile Banking)
  • किसी भी शाखा में बैंकिंग (Any Branch Banking)
  • वित्तीय समावेशन हेतु सूक्ष्म वित्तपोषण (Financial Inclusion through Micro Finance)
  • इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग (ECH)
  • आधार आधारित भुगतान प्रणाली (Aadhar Enabled Payment System)
  • अपने व्यापारी ग्राहकों के लिये पी.ओ.एस. मशीन सुविधा
  • जीवन बीमा / स्वास्थ्य बीमा व सामान्य बीमा सेवाएं

शिवालिक बैंक का इतिहास[संपादित करें]

शिवालिक बैंक की स्थापना 5 सितंबर 1998 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जिला स्तरीय सहकारी बैंक के रूप में पूर्णतः कंप्यूटरीकृत एक शाखा से हुई थी। सहारनपुर जनपद में अपनी शाखाओं का विस्तार करते करते, वर्ष 2010 में रु. 100 करोड़ जमाराशि पूर्ण कर लेने पर, शिवालिक बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा टियर - II श्रेणी में श्रेणीबद्ध किया गया जिसके परिणाम स्वरूप शिवालिक बैंक को संपूर्ण उत्तर प्रदेश में बैंकिंग व्यापार करने की अनुमति मिल गयी। इसके साथ ही बैंक ने नोएडा, गाज़ियाबाद, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, खतौली के अलावा जिला सहारनपुर में अपनी शाखाओं का तेजी से विस्तार करना आरंभ किया।

शिवालिक मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक का पंजीकरण मूलतः उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम के अन्तर्गत हुआ था। किन्तु वर्ष 2010 में बैंक ने मध्य प्रदेश के एक कमज़ोर, हानि में चल रहे सहकारी बैंक (भोज नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित) का भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति प्राप्त करते हुए अधिग्रहण कर लिया जिसके लिये बैंक ने उत्तर प्रदेश के अधिनियम से पंजीकरण रद्द करा कर बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम, 2002 (Multi State Cooperative Societies Act, 2002) के अन्तर्गत पंजीकरण करा लिया। इसके साथ ही, शिवालिक बैंक उत्तर प्रदेश का प्रथम बहुराज्यीय सहकारी बैंक बन गया। इस प्रकार शिवालिक बैंक ने अपनी शाखा मध्य प्रदेश के धार जनपद में स्थापित कर ली और एक वर्ष में ही हानि में चल रहे बैंक को लाभप्रद शाखा में परिवर्तित कर लिया।

इस सफल अधिग्रहण से उत्साहित होकर शिवालिक बैंक ने वर्ष 2012 में इन्दौर के एक अन्य सहकारी बैंक - मालवा कॉमर्शियल कोआपरेटिव बैंक लि. का भी सफलतापूर्वक अधिग्रहण किया। इस के बाद बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक से उज्जैन, देवास, खारगौन जनपदों में भी शाखाएं खोलने की अनुमति मिल गयी।

अपनी स्थापना के वर्ष से ही शिवालिक बैंक निरन्तर लाभ में चल रहा है और अपने अंशधारकों को लाभांश देता चला आ रहा है।

सी.बी.एस. बैंकिंग प्रणाली से जुड़ाव[संपादित करें]

यद्यपि शिवालिक बैंक अपनी संतोषजनक ग्राहक सेवा के चलते सफलता अर्जित करता चला आ रहा था किन्तु ग्राहकों की सभी बैंकिंग आवश्यकताओं की सफलतापूर्वक पूर्ति के लिये आवश्यक था कि बैंक स्वयं को किसी विश्वसनीय कोर बैंकिंग प्रणाली - जिसे सी.बी.एस. कहा जाता है, से जोड़े। वर्ष 2013 में शिवालिक बैंक ने पहले से भी बेहतर सी.बी.एस. प्रणाली से जुड़ने का निश्चय किया और सफलतापूर्वक जुड़ जाने के बाद ग्राहकों को एन.ई.एफ.टी., आर.टी.जी.एस., डेबिट कार्ड, इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग, ए.टी.एम. आदि सेवाएं भी देनी आरंभ कर दीं।

वित्तीय समावेशन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य[संपादित करें]

अपनी स्थापना के समय से ही शिवालिक बैंक का प्रयास रहा है कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में भी बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाते हुए गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये सार्थक प्रयास किये जायें। इसके लिये बैंक ने ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाएं खोलने का विशेष प्रयास किया था। वर्ष 2010-11 में शिवालिक बैंक को जनहित फाउंडेशन नामक स्वयंसेवी संस्था का साथ मिल गया और दोनों ने मिल कर इस दिशा में पूरे उत्साह के साथ कार्य करना तय किया। इसके लिये स्वयं सहायता समूहों के निर्माण का मॉडल अपनाया गया।

स्वयं सहायता समूह का सफल मॉडल[संपादित करें]

गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के पास अक्सर बैंक को देने लायक कोई प्रतिभूति नहीं होती है। हर परिवार को अलग - अलग ऋण सुविधा प्रदान करना व नियमित वसूली सुनिश्चित करना बैंक के लिये भी दुष्कर हो जाता है। ऐसे में शिवालिक बैंक और जनहित फाउंडेशन ने मिल कर स्वयं सहायता समूह का निर्माण करते हुए समूह को ऋण देने का निश्चय किया। एक जिले में एक जिला समन्वयक करते हुए जिले में जितने भी विकास खंड हैं, उतने विकास खंड समन्वयक बनाये गये। एक खंड समन्वयक के कार्यक्षेत्र में भी 20-25 ग्राम आते हुए देख कर तीन से पांच गांवों को एक क्लस्टर के आधीन कर दिया गया और एक क्लस्टर समन्वयक की नियुक्ति की गयी जो आम तौर पर उन्हीं गांवों में रहने वाली पढ़ी-लिखी, सम्मानित महिला हो। इन क्लस्टर समन्वयक का काम अपने कार्यक्षेत्र में विभिन्न परिवारों में जा कर स्वयं सहायता समूह की अवधारणा समझाना, उसके लाभ बताना और उनको जुड़ने के लिये प्रेरित करना, उनको प्रशिक्षण देना, स्वयं सहायता समूहों का गठन कराना, उनकी बैठकें आयोजित कराना, लेन-देन का हिसाब रखना सिखाना आदि तय किया गया। एक समूह में 10 से लेकर 18 तक महिलाएं सदस्य बनाई जाती हैं जिनमें एक अध्यक्ष और एक कोषाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होती है।

इन सभी सदस्यों के अपना अपना बचत खाता शिवालिक बैंक की निकटतम शाखा में खुलवाया जाता है। साथ ही एक खाता स्वयं सहायता समूह के नाम से खुलवाया जाता है। सभी सदस्य महिलाएं मासिक बैठक आयोजित करती हैं और अपनी अपनी बचत कोषाध्यक्ष के पास जमा करती हैं जो बैंक खाते में जमा होती रहती है। इस बचत राशि में से यदि किसी सदस्य को ऋण की जरूरत हो तो वह समूह की बैठक में ऋण मांग सकती है। चार महीने तक ग्रुप सफलतापूर्वक चलता रहे और बचत जमा होती रहे तो बैंक उस स्वयं सहायता समूह को रु. 5 लाख रुपये की ऋण सीमा स्वीकृत कर देता है। इस प्रकार समूह के पास इतनी पूंजी आ जाती है कि विभिन्न सदस्यों की ऋण जरूरतों को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके। बैंक स्वयं सहायता समूह की बचत को देखते हुए आहरण सीमा बढ़ाता चला जाता है।

इस प्रकार बैंक समूह को ऋण देता है और समूह अपने सदस्यों को ऋण देता है। ये सदस्य अपना ऋण समूह को चुकाते हैं और समूह अपना ऋण बैंक को चुकाता रहता है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद की नकुड़ तहसील के अन्तर्गत यह योजना प्रायोगिक तौर पर 2011 में आरंभ की गयी थी जो बढ़ते बढ़ते सहारनपुर के अलावा मेरठ, नोएडा और इन्दौर तक सफलता पूर्वक संचालित की जा रही है। शिवालिक बैंक अब तक 9000 के लगभग स्वयं सहायता समूहों का गठन करा चुका है और इस प्रकार 1,00,000 से भी अधिक ग्रामीण परिवारों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ चुका है।

निरक्षर महिलाओं को हस्ताक्षर करना व लिखना पढ़ना सिखाना, ए टी एम कार्ड के सहारे मशीन से धन निकालना, सी.डी.एम. मशीन के सहारे अपने खाते में धन जमा करना, मासिक बैठकों को सफलतापूर्वक संचालित करना, माइक्रो एटीएम मशीन का उपयोग करना सीखना आदि चुनौतियों को इन ग्रामीण महिलाओं ने सफलतापूर्वक पार किया है।

सामाजिक सरोकार[संपादित करें]

शिवालिक बैंक पर्यावरण संरक्षण के प्रति विशेष रूप से सजगता का परिचय देता चला आ रहा है। बैंक द्वारा संचालित सभी ए टी एम केबिन व मशीनें सौर ऊर्जा से संचालित की जा रही हैं। कागज़ का उपयोग कम से कम करने के लिये बैंक का प्रधान कार्यालय अपने सभी परिपत्र व पत्र सभी शाखाओं को डिजिटल फार्मेट में तथा ई-मेल के माध्यम से ही भेजता है। सभी कर्मचारियों व ग्राहकों से भी अपेक्षा की जाती है कि वह कागज़ का उपयोग न्यूनतम करें।

बीमा सेवाएं[संपादित करें]

भारतीय परिवेश में, बीमा योग्य जनसंख्या की तुलना में बीमा सुविधा पाने वाली जनसंख्या बहुत कम है। बीमा सुविधाओं का दायरा विस्तृत करने के लिये भारत सरकार ने बैंकों को अनुमति दी है कि वह एकाधिक बीमा कंपनियों के अभिकर्त्ता के नाते अपने ग्राहकों को बीमा सेवाएं भी प्रदान कर सकते हैं। अपनी ब्याज-इतर आय को बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी गहरी पहुंच का लाभ उठाने के लिये शिवालिक बैंक ने बीमा सुविधाएं अपने ग्राहकों तक पहुंचाने का निश्चय किया है और सरकारी व निजी क्षेत्र की अनेक बीमा कंपनियों के साथ करार करते हुए ये व्यवस्था की है कि जिस ग्राहक को जिस कंपनी का बीमा प्लान बेहतर लगे, उसे वह बीमा कवर प्रदान किया जा सके। बैंक द्वारा जिन कंपनियों के साथ करार किया गया है, वे निम्नवत्‌ हैं :

शिवालिक बैंक ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिये बीमा कंपनियों के सहयोग से विशेष प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की है।

माइक्रो ए टी एम[संपादित करें]

डिजिटल क्रांति का लाभ जन - जन तक पहुंचाने के लिये ऐसे सुदूर ग्रामीण अंचलों में, जहां शिवालिक बैंक की शाखा उपलब्ध नहीं है, बैंक ने माइक्रो एटीएम उपकरण का उपयोग करना आरंभ किया है। माइक्रो ए टी एम उपकरण इंटरनेट से जोड़ा जा सकने वाला मोबाइल / टैबलेट जैसा उपकरण है जिसमें उंगलियों व अंगूठे के चिह्न के माध्यम से व्यक्ति की पहचान (bio metric sensor) के अलावा एक प्रिंटर भी मौजूद है। बैटरी से चालित इस उपकरण को बैंक के प्रतिनिधि गांव - गांव, गली - गली में लिये घूमते हैं और जनता को बैंक खाता खोलने में सहायता करते हैं। इस उपकरण को इंटरनेट के माध्यम से बैंक की सी.बी.एस. से जोड़ दिया जाता है ताकि इसके माध्यम से होने वाले सभी व्यवहार व नकद लेन-देन बैंक में तात्कालिक रूप से दर्ज़ होते रहें। अपने खाते में नकद जमा करने वाले / नकदी आहरण करने वाले ग्राहकों को ये माइक्रो एटीएम कंप्यूटर मुद्रित रसीद भी प्रदान करता है।

अतिरिक्त जानकारी[संपादित करें]

शिवालिक बैंक की आधिकारिक वेबसाइट