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शिलांग

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शिलांग
मेघालय की राजधानी
ऊपर बाएं से दाएं: शिलांग का एक दृश्य, एलीफ़ेण्ट फ़ॉल्स, मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिश्चियन कैथिड्रल, वार्ड्स झील।
उपनाम: पूर्व का स्कॉटलैंड
शिलांग is located in मेघालय
शिलांग
शिलांग
मेघालय के मानचित्र में स्थिति
शिलांग is located in भारत
शिलांग
शिलांग
शिलांग (भारत)
निर्देशांक: 25°34′00″N 91°53′00″E / 25.5667°N 91.8833°E / 25.5667; 91.8833निर्देशांक: 25°34′00″N 91°53′00″E / 25.5667°N 91.8833°E / 25.5667; 91.8833
देश भारत
राज्यमेघालय
जिलापूर्वी खासी हिल्स
नाम स्रोतदेवता
क्षेत्रफल
 • मेघालय की राजधानी64.36 किमी2 (24.85 वर्गमील)
ऊँचाई1495-1965 मी (4908-6449 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • मेघालय की राजधानी143,229
 • घनत्व234 किमी2 (610 वर्गमील)
 • महानगर354,759
वासीनामनोंगसोर
भाषा
 • आधिकारिकखासी (द्वितीयक अंग्रेज़ी)
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिन793 001 – 793 100
दूरभाष कोड0364
वाहन पंजीकरणML-05
जलवायुउपोष्णकटिबंधीय
वेबसाइटeastkhasihills.gov.in

शिलांग पूर्वोत्तर भारत के राज्य मेघालय में स्थित एक पर्वतीय स्थल एवं मेघालय की राजधानी है। यह ईस्ट खासी हिल्स जिले का मुख्यालय भी है। जनसंख्या की दृष्टि से २०११ की भारतीय जनगणना के अनुसार १,४३,२२९ के आंकड़े के साथ शिलांग का भारत में ३३०वां स्थान है।[1] शहर के बारे में कहा जाता है कि नगर को घेरे हुए घूमती पहाड़ियां इसे ब्रिटिश लोगों को स्कॉटलैण्ड की याद दिलाती थीं। इसी लिये वे इसे स्कॉटलैण्ड ऑफ़ द ईस्ट कहा करते थे। [2]

शिलांग आकार में बढ़ता चला गया, क्योंकि १८६४ में इसे खासी एवं जयन्तिया हिल्स क्षेत्र का सिविल स्टेशन बनाया या था। १८७४ में असम के मुख्या आयुक्त प्रान्त (चीफ़ कमिश्नर्स प्रोविन्स) गठन किये जाने पर इसे नये प्रशासन का मुख्यालय घोषित किया गया। ऐसा इस स्थान की ब्रह्मपुत्र एवं सूरमा नदियों के बीच उपयुक्त स्थिति को देखते हुए तथा भारत के गर्म उष्णकटिबन्धीय जलवायु से अपेक्षाकृत शिलांग के ठण्डे मौसम को देखते हुए किया गया था।[3] शिलांग २१ जनवरी १९७२ को नवीन मेघालय राज्य के गठन होने तक अविभाजित असम की राजधानी बना रहा और इसके बाद असम की राजधानी को गुवाहाटी में दिसपुर स्थानांतरित कर दिया गया।


ब्रिटिश राज्य के समय शिलांग संयुक्त असम की राजधानी था, और उसके बाद भी मेघालय के पृथक राज्य बन जाने तक बना रहा। ईस्ट इण्डिया कम्पनी के ब्रिटिश सिविल सर्वेण्ट डैविड स्कॉट्ट नॉर्थ ईस्ट फ़्रंटियर के गवर्नर जनरल के एजेण्ट थे। प्रथम एंग्लो-बर्मीज़ युद्ध के समय ब्रिटिश अधिकारियों को सिल्हट को असम से जोड़ने हेतु मार्ग की आवश्यकता हुई। यह मार्ग खासी एवं जयन्तिया पर्वतमाला से निकलना था। डैविड स्कॉट्ट ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा खासी सियामों - अर्थात उनके प्रधान अध्यक्षों तथा अन्य लोगों से होने वाली समस्याओं का सामना किया। खासी पर्वत के सुहावने मौसम से प्रभावित हुए स्कॉट्ट ने सोहरा (चेरापुन्जी) के सियाम से १८२९ में ब्रिटिश लोगों के लिये एक आरोग्य निवास के प्रबन्ध हेतु समझौता भी किया। इस प्रकार खासी-जयन्तिया पर्वत क्षेत्र में ब्रिटिश आगमन आरम्भ हुआ।

इसके परिणामस्वरूप खासी लोगों द्वारा भरपूर विरोध आरम्भ हुआ जो १८२९ के आरम्भ से जनवरी १८३३ तक चला। खासी संघ प्रमुखों का अंग्रेजों की सैन्य शक्ति के सामने कोई मुकाबला नहीं था। अन्ततः डेविड स्कॉट ने खासी प्रतिरोध के प्रमुख नेता, टिरोट सिंग के आत्मसमर्पण के लिए बातचीत की, जिसे कालान्तर में हिरासत में लेकर ढाका ले जाया गया और नज़रबन्द कर दिया गया। खासी प्रतिरोध के बाद इन पहाड़ियों में एक राजनीतिक एजेंट तैनात किया गया था, जिसका मुख्यालय सोहरा जिसे चेरापंजी भी कहा जाता था, वहां था। किन्तु सोहरा की जलवायु स्थिति और सुविधाओं ने अंग्रेजों को विशेष पसन्द नहीं आयी और इसके बाद वे शिलांग चले गए, जिसे तब येड्डो या "इवडु" के नाम से जाना जाता था जैसा कि स्थानीय लोग इसे कहते थे। "शिलांग" नाम को बाद में अपनाया गया था, क्योंकि नए शहर का स्थान शिलांग पीक से नीचे था।

१८७४ में प्रशासन की सीट के रूप में शिलांग के साथ एक अलग मुख्य आयुक्त का गठन किया गया था एवं इसे चीफ़ कमिश्नरशिप बनाया गया। नए प्रशासन में सिल्हट शामिल था, जो अब बांग्लादेश का हिस्सा है। मुख्य आयुक्त में शामिल नागा हिल्स (वर्तमान नागालैंड), लुशाई हिल्स (वर्तमान मिज़ोरम) के साथ-साथ खासी, जयंतिया और गारो हिल्स भी शामिल थे। १९६९ तक मेघालय के स्वायत्त राज्य के गठन के बाद शिलांग समग्र असम की राजधानी थी। जनवरी १९७२ में मेघालय को पूर्ण राज्य बना दिया गया।

शिलांग म्युनिसिपल बोर्ड का १८७८ के समय से पुराना इतिहास है, जब १८७६ के बंगाल म्युनिसिपल एक्ट के तहत एक स्टेशन के रूप में मावखर और लाबान के गाँवों सहित शिलांग और उसके उपनगरों को मिलाकर एक घोषणा जारी की गई थी। शिलांग की नगरपालिका के भीतर (एसई मावखार, जाइयाव, झालुपाड़ा और मावप्रेम का भाग) और लाबान (लुम्परिंग, मडन लाबान, केंच का ट्रेस और रिलॉन्ग) १५ नवंबर १८७८ के समझौते के तहत माइलिम के हैन माणिक सियाम द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी। ब्रिटिश युग के इतिहास में १८७८ से १९०० तक शिलांग का कोई निशान नहीं मिलता है।

१२ जून १८९७ को आए महान भूकंप में शिलांग भी प्रभावित हुआ। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की अनुमानित तीव्रता ८.१ थी। अकेले शिलांग शहर से सत्ताईस लोगों की मृत्यु हो गई थी और शहर का एक बड़ा भाग नष्ट हो गया था।

शिलांग[मृत कड़ियाँ] का विहंगम दृश्य

शिलांग की भौगोलिक स्थिति 25°34′N 91°53′E / 25.57°N 91.88°E / 25.57; 91.88 पर शिलांग पठार पर स्थित है जो उत्तरी भारतीय ढाल में एकमात्र प्रमुख उत्थान संरचना है[4]। शहर पठार के केंद्र में स्थित है और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जिनमें से तीन खासी परंपरा में पूजनीय हैं: लुम सोहपेटबिनेंग, लुम डेंगी, और लुम शिलांग।

मेघालय की राजधानी शिलांग, गुवाहाटी से मात्र १०० कि.मी (६२ मील) की दूरी पर है, जहां रा.रा.-४० सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। यह हरी-भरी पहाड़ियों वाली लगभग २ घंटे ३० मिनट की यात्रा है जिसमें बीच में ही पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी उमियम झील के विहंगम दृश्य भी देखने को मिलते हैं।

स्मार्ट सिटी मिशन

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शिलांग को केंद्र सरकार के "स्मार्ट सिटीज मिशन" अटल मिशन फॉर रेजुविनेशन एण्औड अर्रबन ट्रान्स्फ़ॉर्मेशन (AMRUT) के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए १००वें शहर के रूप में चुना गया है। जनवरी २०१६ में, स्मार्ट सिटीज़ मिशन के तहत २० शहरों की घोषणा की गई, इसके बाद मई २०१६ में १३ शहर, सितंबर २०१६ में २७ शहर, जून २०१७ में ३० शहर और २०२० में जनवरी में ९ शहर इसमें सम्मिलित किये गए हैं। स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत अंतिम रूप से चयनित १०० शहरों में कुल प्रस्तावित निवेश २,०५,०१८ करोड़ रुपये होगा। योजना के तहत, प्रत्येक शहर को विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने के लिए केंद्र से ५०० करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा।


शिलांग
जलवायु सारणी (व्याख्या)
माजूजुसिदि
 
 
13.7
 
15
4
 
 
22.7
 
17
6
 
 
53.7
 
21
11
 
 
130.1
 
23
14
 
 
273.7
 
24
15
 
 
468.8
 
24
17
 
 
394.5
 
24
18
 
 
317.5
 
24
18
 
 
293.8
 
23
17
 
 
192.4
 
22
13
 
 
37.3
 
19
9
 
 
9.3
 
16
5
औसत अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान (°से.)
कुल वर्षा (मि.मी)
स्रोत: विश्व मौसम सूचना सेवा (वर्ल्ड वैदर इन्फ़ॉर्मेशन सर्विस)

शिलांग का मौसम प्रायः सुखद एवं प्रदूषण मुक्त रहता है। गर्मियों में तापमान २३°(७३° फ़ै) तथा सर्दियों में ४°(३९° फ़ै) के लगभग रहता है।

कोपेन जलवायु वर्गीकरण के तहत यह शहर उपोष्णकटिबंधीय उच्चभूमि जलवायु (Cwb) है। इसकी ग्रीष्म ऋतु ठंडी और अत्यधिक वर्षा वाली होती है, जबकि इसकी सर्दियाँ ठंडी और शुष्क होती हैं। शिलांग मानसून की अनियमितता रहती है, मानसून जून में आता है और अगस्त के अंत तक लगभग बारिश होती है, किन्तु इसका आगमन और प्रस्थान अनिश्चित ही रहता है।

शिलांग (सी.एस.ओ) १९८१-२०१०, चरम सीमाएं १९०२-वर्तमान के जलवायु आँकड़ें
माह जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवम्बर दिसम्बर वर्ष
उच्चतम अंकित तापमान °C (°F) 24.9
(76.8)
26.1
(79)
28.1
(82.6)
30.2
(86.4)
29.5
(85.1)
29.5
(85.1)
28.2
(82.8)
28.4
(83.1)
28.8
(83.8)
27.8
(82)
24.5
(76.1)
22.5
(72.5)
30.2
(86.4)
औसत उच्च तापमान °C (°F) 14.9
(58.8)
17.0
(62.6)
21.0
(69.8)
23.2
(73.8)
23.4
(74.1)
24.0
(75.2)
23.9
(75)
24.1
(75.4)
23.3
(73.9)
21.6
(70.9)
19.1
(66.4)
16.0
(60.8)
21.0
(69.8)
औसत निम्न तापमान °C (°F) 5.9
(42.6)
7.5
(45.5)
11.1
(52)
13.8
(56.8)
15.5
(59.9)
17.4
(63.3)
17.9
(64.2)
17.7
(63.9)
16.7
(62.1)
14.3
(57.7)
10.5
(50.9)
7.2
(45)
13.0
(55.4)
निम्नतम अंकित तापमान °C (°F) −0.9
(30.4)
−2.4
(27.7)
2.7
(36.9)
6.6
(43.9)
8.5
(47.3)
10.0
(50)
12.3
(54.1)
10.0
(50)
10.7
(51.3)
6.7
(44.1)
−0.5
(31.1)
−3.3
(26.1)
−3.3
(26.1)
औसत वर्षा मिमी (इंच) 13.6
(0.535)
19.3
(0.76)
46.0
(1.811)
129.0
(5.079)
266.6
(10.496)
428.7
(16.878)
496.5
(19.547)
310.5
(12.224)
276.6
(10.89)
211.8
(8.339)
38.8
(1.528)
12.8
(0.504)
2,250.4
(88.598)
औसत वर्षाकाल 1.6 2.3 4.1 9.7 15.8 18.1 17.9 16.7 15.7 8.4 2.1 1.1 113.5
औसत सापेक्ष आर्द्रता (%) (at 17:30 IST) 87 76 68 72 81 86 87 88 90 90 88 89 84
माध्य मासिक धूप के घण्टे 223.2 223.2 232.5 219.0 170.5 108.0 99.2 108.5 102.0 176.7 216.0 235.6 2,114.4
माध्य दैनिक धूप के घण्टे 7.2 7.9 7.5 7.3 5.5 3.6 3.2 3.5 3.4 5.7 7.2 7.6 5.8
स्रोत: भारतीय मौसम विभाग (sun 1971–2000)[5][6][7][8]

यातायात

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हालांकि सड़क मार्ग द्वारा सुगम है, किन्तु शिलांग में रेल मार्ग अभी तक उपलब्ध नहीं है।

सड़क मार्ग

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शिलांग[मृत कड़ियाँ] बाईपास मार्ग का एक दृश्य

पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश राज्यों से शिलांग सड़क मार्ग द्वारा भली-भांति जुड़ा हुआ है। दो प्रधान राष्ट्रीय राजमार्ग यहां से निकलते हैं:

अन्य राज्यों की राज्य परिवहन बसें तथा निजी बस संचालकों की बसें शिलांग दैनिक रूप से आती जाती रहती हैं। यहां से पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न नगरों जैसे गुवाहाटी, अगरतला, आइज़ोल को टैक्सी सेवा भी सदा उपलब्ध रहती है।

चित्रित शिलांग बाईपास मार्ग ४७.०६ कि.मी (२९.२ मील) का एक दो लेन का सड़क मार्ग है जो उमियम (रा.रा-४०) से जोराबाद(रा.रा-४४) को जोड़ता है, और वहां से अन्य पूर्वोत्तर राज्यों जैसे त्रिपुरा एवं मिज़ोरम जाया जा सकता है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 220 करोड़ (US$32.12 मिलियन) में यह दो वर्ष की अवधि (२०११-२०१३) में बनकर तैयार हुआ था।[9][10]

वायु मार्ग

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उमरोई विमानक्षेत्र शिलांग शहर से ३० कि.मी (१९ मील) में स्थित है। वर्ष २०१७ से यहां जोरहाट एवं कोलकाता को सीधी उड़ान चालू हुई थीं।.[11][12] वर्तमान में इंडिगो एयरवेज़ की कोलकाता को सीधी उड़ान दैनिक रूप से नियमित उपलब्ध है। यहां से दिल्ली को सीधी उड़ान चालू करने के प्रयास निरन्तर जारी हैं।

जनसांख्यिकी

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भारतीय जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार शिलांग की कुल जनसंख्या १,४३,२२९ है, जिसमें ७०,१३५ पुरुष एवं ७३,०९४ स्त्रियां हैं।[13] ०-६ वर्ष तक के आयु वर्ग की संख्या १४,३१७ है। शहर में कुल साक्षर वर्ग १,१९,६४२ है, जिसमें पुरुषों का ८३.५% तथा स्त्रियों का ८२.३% भाग है। शिलांग की ७+ वर्ष की प्रभावी साक्षरता दर ९२.८% है, जिसमें पुरुष दर ९४.८% तथा स्त्री दर ९०.९% है। यहां की अनुसूचित जाति/जनजाति जनसंख्या क्रमशः १,५५१ एवं ७३,३०७ है। शिलांग में कुल ३१,०२५ परिवार हैं।[14]

शिलांग शहर कुल पुरुष स्त्रियां
नगर जनसंख्या 143,229 70,135 73,094
साक्षर 119,642 59,479 60,163
बालक (०-६) 14,317 7,394 6,923
औसत साक्षरता (%) 92.81 % 94.80 % 90.92 %
लिंगानुपात 1042
्बाल लिंगानुपात 936

धार्मिक विश्लेषण

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नगर का मुख्य धर्म ईसाई धर्म है जो यहां की ४६.५% जनता द्वारा अगीकृत है,जिसके बाद दूसरा जनसंख्या भाग ४२.१% हिन्दुओं का है, फ़िर ४.५% इस्लाम के अनुयायी हैं। इसके बाद ६.९% लोग सिख, बौद्ध एवं जैन धर्म का पालन करते हैं। शिलांग महानगरीय क्षेत्र में लाईमुख्रा, लावसोतुन, मैडनार्टिंग, मावपत, नोंगक्सेह, नोंगथिम्मई, पिन्थोरउमख्रा, शिलांग छावनी, उमलिंगका तथा उम्प्लिंग आते हैं, जिनकी जनसंख्या ३,५४,७५९ है। इसमें से १२% १२ वर्ष से छोटे हैं। महानगर (मेट्रो) क्षेत्र की साक्षरता दर ९१% है।[15]

भारत में धार्मिक समूह (२०११ की जनगणना)[16]
धार्मिक समूह प्रतिशत
ईसाई
  
46.49%
हिन्दू
  
41.95%
मुस्लिम
  
4.89%
अन्य
  
4.50%
सिख
  
1.14%
बौद्ध
  
0.74%
निधर्मी
  
0.16%
जैन
  
0.13%
धर्म कुल प्रतिशत
ईसाई 66,588 46.49 %
हिन्दू 60,086 41.95 %
मुस्लिम 7,006 4.89 %
अन्य 6,451 4.50 %
सिख 1,631 1.14 %
्बौद्ध 1,055 0.74 %
ज्ञात नहीं 223 0.16 %
जैन 189 0.13 %

शिलांग के अधिकांश लोग खासी नामक जनजाति के हैं। इस जनजाति‍ के अधिकतर लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। ये मूलतः खासी जनजातीय धर्म के पालक थे, किन्तु १९वीं से ईसाई मिअनरियों के आगमन एवं धर्मान्तरण के कारण अब अधिकतर खासी लोग ईसाई हैं। खासी जनजाति के बारे में विशेष बात यह है कि इस जनजाति में मातृ सत्तात्मक परिवार होते हैं अर्थात महिला को घर का मुखिया माना जाता है। जबकि भारत के अधिकांश परिवारों में पुरुष को प्रमुख माना जाता है। इस जनजाति में परिवार की सबसे बड़ी पुत्री को जमीन-जायदाद की अधिकारिणी बनाया जाता है। यहाँ माँ का उपनाम ही बच्चे अपने नाम के आगे लगाते हैं। हालांकि वर्तमान में बिहार, बंगाल व असम के कई परिवार यहाँ पर जीविका की दृष्टि से आकर बस गए हैं।

स्थापना

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शिलांग 1864 ई. तक एक छोटा-सा गांव था। जो कि खासी और जेन्तिया पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह बंगाल और असम की गर्मी के दिनों में राजधानी हुआ करती थी। आगे चलकर शिलांग को जनवरी 1972 में नवनिर्मित राज्य मेघालय की राजधानी बनाया गया।

शिलांग के ्पर्यटन स्थल
एलिफ़ेन्ट फ़ॉल्स
इको पार्क चेरापूंजी
शिलांग पीक पर दर्शनार्थी
एलिफेण्ट प्रपात


दर्शनीय स्थल

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शिलांग एक छोटा-सा शहर है जिसे पैदल घूमकर देखा जा सकता है। अपनी सुविधा के अनुसार सिटी बस या दिनभर के लिए ऑटो या टैक्सी किराए पर लेकर भी घूमा जा सकता है। शिलांग और उसके आसपास अनेक दर्शनीय स्थल है जैसे-

शिलांग पीक: यह शिलांग का सबसे ऊंचा प्वाइंट है। इसकी ऊंचाई 1965 मीटर है। यहां से पूरे शहर का विहंगम नजारा देखा जा सकता है। रात के समय यहां से पूरे शहर की लाईट असंख्य तारों जैसी चमकती है।

लेडी हैदरी पार्क: यह लगभग हर प्रकार के फूलों से सुसज्‍जित खूबसूरत पार्क है। इसमें एक छोटा चिड़ियाघर और अनेक प्रजातियों की तितलियों का संग्रहालय है।

कैलांग रॉक: मेरंग-नोखलॉ रोड पर ग्रेनाइट की एक ऊंची और विशाल चट्टान है जिसे कैलांग रॉक के नाम से जाना जाता है। यह एक गोलाकार गुम्बदनुमा चट्टान है जिसका व्यास लगभग 1000 फुट है।वार्डस झील: यह कृत्रिम झील है जो घने जंगलों से घिरी है।

मीठा झरना: हैप्पी वैली में स्थित यह झरना बहुत ऊंचा और बिलकुल सीधा है। मॉनसून में इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।

निकटवर्ती स्थल

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चेरापूंजी

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यह शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान दुनिया भर में मशहूर है। हाल ही में इसका नाम चेरापूंजी से बदलकर सोहरा रख दिया गया है। वास्तव में स्थानीय लोग इसे सोहरा नाम से ही जानते हैं। यह स्थान दुनियाभर में सर्वाधिक बारिश के लिए जाना जाता है, हालांकि अब यह ख्याति इसके समीप स्थित मौसिनराम ने अर्जित कर ली है। इसके नजदीक ही नोहकालीकाई झरना है, जिसे पर्यटक जरूर देखने जाते हैं। यहां कई गुफा भी हैं, जिनमें से कुछ कई किलोमीटर लम्बी हैं। चेरापूंजी बांगलादेश सीमा से काफी करीब है, इसलिए यहां से बांग्लादेश को भी देखा जा सकता है।

शिलांग से 20 किलोमीटर दूर स्थित यह एक जलक्रीड़ा परिसर है, जो उमियाम जल विद्युत परियोजना की वजह से बनी झील पर स्थित है। यहां कई प्रकार की जलक्रीड़ाओं (वाटर स्पोर्ट्स) का आनन्द लिया जा सकता है।

एलिफेण्ट प्रपात

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एलिफण्ट फॉल्स बहुत ही बडा झरना है जिसकी आवाज बहुत दूर से सुनी जा सकती है। पहाड़ी से बहुत नीचे उतरकर यह मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। दृश्यांकन (फोटोग्राफी) के लिये इसे सर्वश्रेष्ठ झरना कहा जा सकता है क्योंकि इसमे झरने के पास जाया जा सकता है।

मौसिनराम

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यह मनोरम पहाडियों के बीच में एक प्राकृतिक गुफा है। गुफा के मध्य बिल्कुल गौ थन के आकार की शिला से लगातार नीचे बने प्राकृतिक शिवलिंग पर बूंद बूंद गिरता पानी लगता है जैसे भगवान शिव का जलाभिषेक हो रहा हो। कुल मिलाकर हिंदु धर्म के अनुसार यह स्थल एक शक्ति पीठ बनने का सामर्थ्य रखता है।

जैकरम, हाट सप्रिंग

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प्रकृति की अद्भुत देन यह स्थान बहुत ही सुंदर है। गंधक-युक्त गर्म पानी जो कि झरने से निकलता है चर्मरोंगो के लिये एक औषधि का कार्य करता है। झरने के पानी को पाईप लाईन द्वारा स्नान घर में पहुंचाया गया है जहां पर महिला व पुरूष आराम पूर्वक स्नान कर सकते हैं। स्नान करने के बाद पूरी थकान दूर हो जाती है।

शिलांग पीक

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शिलांग पीक शिलांग शहर से लगभग 1500 फुट की उंचाई पर है इसलिए यहां का तपमान कम होता है। यहां पर भारतीय वायु सेना का पूर्वी कमांड का कार्यलय है। बहुत ऊँची चोटियों पर बड़े-बड़े रडार लगाए गये हैं। यह देश की सुरक्षा के लिये अत्यंत संवेदनशील है। शिलांग पीक पर खड़े होकर पूरे शहर को देखा जा सकता है।

महादेवखोला मंदिर

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सुरंगमय पहाडियों के बीच में गोरखा रेजीमेंट द्वारा निर्मित एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर से भगवान शंकर की अनेक दंत कथाएं जुड़ी हुई है। शिलांग के मारवाड़ी समाज के लिये यह श्रद्धा का केन्द्र है। शिवरात्रि के दिन यहां बड़ा मेला लगता है।

क्रीड़ा

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पोलो[मृत कड़ियाँ] बास्केटबॉल कोर्ट

शिलांग पूर्वोत्तर भारत का एकमात्र राजधानी शहर है जहाँ से आई-लीग में भाग लेने वाले दो फुटबॉल क्लब हैं- रॉयल वाहिंगदोह एफसी और शिलांग लाजोंग एफसी। दोनों यहां के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेलते हैं। रॉयल वाहिंगदोह एफसी को आई-लीग के २०१४-१५ के सत्र में दूसरा उपविजेता घोषित किया गया था।[17]

शिलांग गोल्फ कोर्स देश के सबसे पुराने गोल्फ कोर्स में से एक है और यह देवदार और रोडोडेंड्रॉन पेड़ों से घिरा हुआ है।

मेघालय की खासी जनजाति के लोगों में, तीरंदाजी एक खेल भी है तथा कई शताब्दियों से चला आ रहा रक्षा का एक रूप भी है और साथ ही जुआ (टेअर) का माध्यम भी है। जहाँ आधुनिक रीति-रिवाजों ने यहां की संस्कृति के कई पारंपरिक पहलुओं को बदल दिया है, तीरंदाजी स्थानीय लोगों के लिए एक व्यापक आकर्षण अभी भी बना हुआ है।[18]

बिनिंगस्टार लिंग्खोई शिलांग से एक राष्ट्रीय मैराथन धावक हैं और पिछले २०१० राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ये २:१८ घंटे के समय के साथ भारत में सबसे तेज मैराथन धावक खिलाड़ी हैं।


क्लब ्क्रीड़ा लीग स्टेडियम
शिलांग लाजोंग फ़ुटबॉल क्लब फ़ुटबॉल आई लीग जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
रॉयल वाहिंगदोह फ़ुटबॉल क्लब फ़ुटबॉल आई लीग जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
रांगदाईजेद यूनाईटेड फ़ुटबॉल क्लब फ़ुटबॉल आई लीग जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
शिलांग के शैक्षणिक संस्थान
भारतीय प्रबन्धन संस्थान, शिलांग परिसर
आई.आई.एम, शिलांग मुख्य द्वार
नेहू परिसर, शिलांग
सेंट एड्मण्ड्स स्कूल परिसर

स्वायत्त संस्थान

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महाविद्यालय

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  • लेडी कीन कॉलेज
  • रेड लाबान कॉलेज
  • सेंट एन्थोनी’ज़ कॉलेज
  • सेंट एड्मण्ड्ज़ कॉलेज
  • *एड लबान कालेज, शिलांग
  • लेडी कियाने कालेज, शिलांग
  • सेंट एन्थोनी कालेज, शिलांग
  • सेंट एड्मंड कालेज, शिलांग
  • सेंट मैरी कालेज, शिलांग
  • शंकरदेव कालेज, शिलांग
  • सेंग खासी कालेज, शिलांग
  • शिलांग कालेज
  • शिलांग कामर्स कालेज
  • चेरापुंजीड कालेज, शिलांग
  • वूमेन्स कालेज, शिलांग

विधि महाविद्यालय

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चिकित्सा महाविद्यालय

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विश्वविद्यालय

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केन्द्रीय विश्वविद्यालय

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निजी विश्वविद्यालय

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शिलांग में स्थानीय मीडिया मजबूत स्थिति में है। यहाँ बहुत से थिएटर, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, स्थानीय रेडियो और टेलीविजन स्टेशन हैं। शिलांग को प्रायः भारत की रॉक कैपिटल भी कहा जाता है, क्योंकि इसके निवासियों के संगीत (विशेषकर पाश्चात्य रॉक संगीत) अति महत्त्वपूर्ण है तथा ये भी संगीत के लिये समर्पित हैं और कई पाश्चात्य कलाकारों की विशेषता वाले संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी करते हैं।

शिलांग के सिनेमाघरों में बिजोउ सिनेमा हॉल, गोल्ड सिनेमा और अंजलि सिनेमा हॉल (जिसे गैलेरिया अंजेली सिनेमा भी कहा जाता है) शामिल हैं।

प्रिंट मीडिया

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शिलांग से खासी और अंग्रेजी दोनों में ही समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। यहां प्रकाशित प्रमुख अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्रों में शिलांग टाइम्स, मेघालय गार्डियन, हाईलैंड पोस्ट, मेघालय टाइम्स और द सेंटिनल शामिल हैं। ऊ मावफोर (U Mawphor), यू नोङ्गसेन हिमा (U Nongsaiñ Hima) जैसे खासी दैनिक यहां से प्रकाशित होते हैं। साप्ताहिक समाचार पत्र "सैलोनसर" और "डोंगमुसा" हैं। "यिंग ख्रीस्तान" (प्रकाशन के १०० वर्ष), खासी में "पाटेंग मिन्ता" और अंग्रेजी में "यूथ टुडे" और "ईस्टर्न पैनोरमा" जैसी पत्रिकाएं हैं।

इलेकट्रोनिक मीडिया

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रेडियो उद्योग का विस्तार कई निजी और सरकारी स्वामित्व वाले एफएम चैनलों के साथ हुआ है। राज्य के स्वामित्व वाला दूरदर्शन, स्थलीय टेलीविजन चैनलों को प्रसारित करता है। पीसीएन, री-खासी चैनल, बेटसी और टी-7 जैसे इन कुछ साप्ताहिक समाचार चैनलों के अलावा स्थानीय केबल नेटवर्क पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता है।

संचार सेवाएं

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निश्चित दूरभाष लाइनें उपलब्ध हैं। इंटरनेट सेवाएं वायर्ड और वायरलेस ब्रॉडबैंड दोनों उपलब्ध हैं। यह सभी प्रमुख सेलुलर प्रदाताओं जैसे कि एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, बीएसएनएल, रिलायंस जियो के साथ मोबाइल नेटवर्क में अच्छी तरह से कवर किया गया है।

मुख्यालय पूर्वी वायु कमान, वायु सेना

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दिनांक १० जून, १९६३ को, भारतीय वायु सेना के पूर्वी वायु कमान (मुख्यालय, ईएसी) को कोलकाता से शिलांग में स्थानांतरित किया गया था। यह ऊपरी शिलांग में नोंगलीर गांव में स्थित पुरानी इमारतों में रखा गया था, जो मुख्य शिलांग से लगभग १० किमी दूर है एवं सागर सतह से लगभग ६,००० फ़ीट की ऊँचाई पर है। प्रारंभ में एक ब्रिटिश सैन्य अड्डा था, जिसे १९४७ में स्वतंत्रता उपरान्त भारतीय सेना के नंबर-५८ गोरखा रेजिमेंट ने अपने अधिकार में ले लिया था। १९६२ के भारत-चीन युद्ध के बाद रेजिमेंट को पुनः तैयार किया गया था। तब इससे भारतीय वायुसेना के पूर्वी वायु कमान से १२.७ हेक्टेयर (३१.३ एकड़) के हेलीपैड का उपयोग करके केवल हेलिकॉप्टर का रास्ता तय किया जा सकता था। [19]

वायु कमान, भारत के समस्त पूर्वी क्षेत्र में वायु संचालन को नियंत्रित करता है जिसमें पश्चिम बंगाल, असम, मिजोरम और बांग्लादेश, बर्मा और तिब्बत के सीमावर्त्तीअन्य पूर्वी राज्य भी शामिल हैं। इस वायु कमान में मुख्यतः चाबुआ, गुवाहाटी, बागडोगरा, बैरकपुर, हाशिमारा, जोरहाट, कालिकुंडा और तेजपुर के साथ-साथ अगरतला, कलकत्ता, पनागर और शिलांग स्थित वायर्ड एयरबेस शामिल हैं।[20]


पुलिस बाजार का विहंगम दृश्य, जो शिलांग का एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र और प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र है।

शिलॉन्ग के ऐतिहासिक इलाकों में मावखार, जाइयाव, रीयामसथैया, उमसोहसन, वाहिंगदोह, ख्यालादाद (पुलिस बाजार), मवलाई, लाईतुमख्राह, लाबान, माल्की, नोंगथाइम्मई और पोलो शामिल हैं।

शिलांग में खरीददारी करने के लिए प्रमुख स्थान पुलिस बाजार, बारा बाजार और लैटूमुखराह है। ईदुह में सप्ताह के प्रथम दिन पूर्वी मेघालय से लोग यहां अपना सामान बेचने आते हैं। पुलिस बाजार के मध्य में कचेरी रोड़ के किनारे बहुत-सी दुकानें हैं जहां हाथ की बुनी हुई विभिन्न आकारों की सुन्दर टोकरियां मिलती हैं। हाथ से बुनी हुई शॉल, हस्तशिल्प, संतरी शहद और केन वर्क की खरीददारी के लिए मेघालय हस्तशिल्प, खादी ग्रामोद्योग और पुरबाश्री जाया जा सकता है।

खासी जनजाति के लोग माँसाहार के शौकीन होते हैं। ये लोग अक्सर सुअर तथा मछली खाना पसन्द करते हैं। यहाँ बनाया जाने वाला खास मछली का अचार माँसाहारी पर्यटकों में मशहूर है।

यहां मार्च से जून तक मौसम सुहावना रहता है, लेकिन बरसात के दिनों यहां घूमने का अपना ही मजा है। मॉनसून में यहां पर्यटक कम ही आते हैं। इस मौसम में यहां होटल के किरायों में छूट भी मिल सकती है।

वायुयात्रा

यहां जाने के लिए हवाई जहाज उत्तम माध्यम है। शिलांग से 40 किलोमीटर की दूरी पर उमरोई में शिलांग हवाई अड्डा है। कोलकाता और गुवाहाटी से यहां के लिए सीधी उड़ानें है। दिल्ली से कोलकाता और गुवाहाटी के लिए सीधी उड़ानें है।

रेल

मेघालय में रेल लाइनें नहीं है। गुवाहाटी यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है जो शिलांग से 104 किलोमीटर दूर है। यहां से शिलांग पहुंचने में लगभग साढ़े तीन घन्टे लगते हैं। गुवाहाटी तक रेल के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से गुवाहाटी पहुंचने के लिए राजधानी समेत कई रेलगाड़ियां हैं। गुवाहाटी से असम परिवहन निगम और मेघालय परिवहन निगम की बसें शिलांग से हर आधे घन्टे में चलती हैं। आप चाहें तो टैक्सी भी कर सकते हैं।

सन्दर्भ

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  1. "List of Most populated cities of India". www.census2011.co.in. Archived from the original on 21 मार्च 2019. Retrieved 25 December 2019.
  2. Rao, Sachin. "Travel: Shillong, India – 'Scotland of the east'". The Scotsman (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 20 फ़रवरी 2017. Retrieved 19 February 2017.
  3. "Shillong | India". Encyclopedia Britannica (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 14 अप्रैल 2019. Retrieved 16 July 2019.
  4. Bilham, R. and P. England, Plateau pop-up during the great 1897 Assam earthquake. Nature(Lond),410, 806–809, 2001
  5. "Station: Shillong (C.S.O) Climatological Table 1981–2010" (PDF). Climatological Normals 1981–2010. भारतीय मौसम विभाग. जनवरी २०१५. pp. ७०१–७०२. Archived from the original (PDF) on ५ फ़रवरी २०२०. Retrieved 5 February 2020. {{cite web}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  6. "Extremes of Temperature & Rainfall for Indian Stations (Up to 2012)" (PDF). India Meteorological Department. December 2016. p. M157. Archived from the original (PDF) on 5 February 2020. Retrieved 5 February 2020.
  7. "Table 3 Monthly mean duration of Sun Shine (hours) at different locations in India" (PDF). Daily Normals of Global & Diffuse Radiation (1971–2000). India Meteorological Department. December 2016. p. M-3. Archived from the original (PDF) on 5 फ़रवरी 2020. Retrieved 5 February 2020.
  8. "Shillong Climatological Table 1971–2000". India Meteorological Department. Archived from the original on 5 फ़रवरी 2020. Retrieved 5 February 2020.
  9. "Gadkari to inaugurate Shillong Bypass". The Economic Times. The Times Group. 30 April 2015. Retrieved 1 May 2015.
  10. ANI (1 May 2015). "Gadkari to inaugurate Shillong bypass today". Yahoo! News. Archived from the original on 27 सितंबर 2015. Retrieved 1 May 2015.
  11. "Zoom Air, India's newest private airline, begins operations: All you must know". Zee News. 16 February 2017. Archived from the original on 17 फ़रवरी 2017. Retrieved 27 March 2017.
  12. Sandeep Singh (26 March 2017). "Zoom Air – India's Newest Airline – To Fly To New Cities Soon". NDTV. Archived from the original on 26 मार्च 2017. Retrieved 27 March 2017.
  13. "शिलांग जनसंक्या, जाति आंकड़े, ईस्ट खासी हिल्स, मेघालय - सेन्सस इण्डिया". www.censusindia.co.in (in अमेरिकी अंग्रेज़ी). Retrieved 2020-03-05. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameter: |dead-url= (help)
  14. "Census of India: Shillong". www.censusindia.gov.in. Retrieved 30 December 2019.
  15. "Shillong Metropolitan Urban Region Population 2011 Census". www.census2011.co.in. Archived from the original on 6 अगस्त 2019. Retrieved 5 मार्च 2020.
  16. "Shillong Religion - 2011 India". www.census2011.co.in. Archived from the original on 6 मार्च 2019. Retrieved 1 मार्च 2019.
  17. "Points Table | Hero I-League". Archived from the original on 8 सितंबर 2019. Retrieved 25 December 2019.
  18. Ramadurai, Charukesi. "In India, gambling with bows and arrows". Archived from the original on 10 मार्च 2019. Retrieved 25 मार्च 2020.
  19. "EASTERN AIR COMMAND". Archived from the original on 29 मार्च 2017. Retrieved 25 December 2019.
  20. Meghalaya, Shillong. "Eastern Air Command (EAC) – Bharat Rakshak: Indian Air Force". Archived from the original on 13 सितंबर 2019. Retrieved 3 अप्रैल 2020.