शाहजीरा
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शाहजीरा (श्याह जीरा?) जीरे की एक किस्म है। नाम से ही स्पष्ट है कि जीरा की इस किस्म का प्रयोग शाही भोजन को स्वादिष्ट बनाने में होता रहा है। यह सामान्य से कुछ ज्यादा पतला, सुतवां और विशिष्ट सुगंध लिए होता है। अपने मूल रूप में इसका नाम सियाह जीरा है जो इसके काले रंग का परिचायक है। इसे चलती हिन्दी में कालाजीरा भी कहा जाता है।
जीरा (जीरक)[संपादित करें]
जीरा श्वेत, श्याम और अरण्य (जंगली) तीन प्रकार का होता है। श्वेत या सफ़ेद जीरे से सब परिचित हैं क्योंकि इसका प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है। औषधियों के रूप में भी जीरे का बहुत उपयोग किया जाता है। सफ़ेद जीरा दाल-सब्जी छौंकने के काम आता है तथा शाह जीरे का उपयोग विशेष रूप से दवा के रूप में किया जाता है। जीरे की खेती समस्त भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में की जाती है।