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शापूर प्रथम

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शापूर प्रथम
𐭱𐭧𐭯𐭥𐭧𐭥𐭩
ईरानियों एवं अनीरानियों के शहंशाह
सासानी शहंशाह
शासनावधि12 अप्रैल 240 – मई 270
पूर्ववर्तीअर्दशीर प्रथम
उत्तरवर्तीहोरमज़्द प्रथम
निधनमई 270
बेशापूर
संतानबहराम प्रथम
शापूर मे शानशाह
हुरमुज़ प्रथम
नरसे
शापूरदुख़तक (?)
Adur-Anahid
घरानासासान राजवंश
पिताअर्दशीर प्रथम
मातामुर्रोद या देनग
धर्मपारसी धर्म

शापूर प्रथम (मध्य फ़ारसी: 𐭱𐭧𐭯𐭥𐭧𐭥𐭩) सासानी साम्राज्य का दूसरा शासक था, जो अपने राज्य के विस्तार और धार्मिक सहिष्णुता के लिए प्रसिद्ध है। वह साम्राज्य का संस्थापक, अर्दशीर प्रथम का पुत्र था, जिसके साथ वह सह-शासक होकर राज किया। शापूर का सबसे ख्यात विरोध रोमन साम्राज्य के साथ था। उसने रोम के निसिबिस, कारहै और अन्य और शहरों को क़ब्ज़ा किया था तथा सम्राट वलेरियन को युद्ध में हरा कर उसे क़ैद कर लिया था।

शापूर पहला ईरानी सम्राट था, जिसने "ईरानियों एवं अनीरानियों के शहंशाह" की उपाधि का उपयोग किया था। इससे पहले शाही उपाधि "ईरानियों के शहंशाह" था। शापूर के शासनकाल के दौरान, नए पारसी अग्नि मंदिर का निर्माण किया गया था, यूनानी और भारतीय स्रोतों से विश्वास में नए तत्वों को शामिल किया गया था और शहरों के पुनर्निर्माण और पुनर्स्थापना का एक व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

शब्दव्युत्पत्ति

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"शापूर" का मूल प्रचीन फ़ारसी शब्द 𐏋𐎱𐎢𐏂 (अर्थात: राजा का पुत्र) है, जो "राजपूत" के समान है।