शपी लैम
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शपी लैम | |
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कृन्तकों की देवी | |
Member of देवी | |
देवी शपी लैम | |
अन्य नाम |
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संबंध | मैतै लोग की मैतै पौराणिक कथाओं और प्राचीन मैतै धर्म (सनामही धर्म) |
पशु | कृन्तकों |
प्रतीक | कृन्तकों |
माता-पिता |
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भाई-बहन | ङानु लैम और खुनु लैम |
क्षेत्र | मणिपुर, पूर्वोत्तर भारत |
समुदाय | मैतै लोग |
त्यौहार | लाइ हराओबा |
शपी लैम (/sha-pee lei-ma/) या शबीरैम (/sha-bee-rei-ma/) मैतै लोग की मैतै पौराणिक कथाओं और प्राचीन मैतै धर्म (सनामही धर्म) में कृन्तकों की देवी है। वह देवी ङानु लैम और खुनु लैम की बहन हैं। किंवदंती है कि तीनों बहनों ने एक ही नश्वर व्यक्ति से विवाह किया था।[1][2][3][4][5][6]
विवरण
[संपादित करें]देवी शपी लैम को दुनिया के सभी कृन्तकों की मालकिन के रूप में वर्णित किया गया है। वह किसी भी समय सभी कृन्तकों को अपनी इच्छानुसार किसी भी स्थान पर बुला सकती थी। वह भगवान सलाइलेन (छद्म नाम सोरारेन) की सबसे छोटी बेटी है।[2][3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Tal Taret. archive.org (मणिपुरी में). 2006. पृ॰ 39.
- ↑ अ आ Tal Taret. archive.org (मणिपुरी में). 2006. पृ॰ 48.
- ↑ अ आ Manipuri Phungawari. archive.org (मणिपुरी में). 2014. पृ॰ 203.
- ↑ Regunathan, Sudhamahi (2005). Folk Tales of the North-East (अंग्रेज़ी में). Children's Book Trust. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7011-967-8.
- ↑ Singh, Moirangthem Kirti (1993). Folk Culture of Manipur (अंग्रेज़ी में). Manas Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7049-063-0.
- ↑ Eben Mayogee Leipareng. archive.org (मणिपुरी में). 1995. पृ॰ 107.
ग्रन्थसूची
[संपादित करें]- Glimpses of Manipuri Culture - Dr. Yumlembam Gopi Devi
- The History of Manipur: An early period - Wahengbam Ibohal Singh · 1986
अन्य वेबसाइट
[संपादित करें]- "The Widow's Son :: Lukhrabi Macha Fungawari Singbul by B. Jayantakumar Sharma". e-pao.net (अंग्रेज़ी में).