शंकर गोम्पा
शंकर गोम्पा | |
---|---|
मठ सूचना | |
स्थान | ![]() |
प्रकार | तिब्बती बौद्ध |
सम्प्रदाय | गेलुगपा |
शंकर गोम्पा भारत के उत्तरी भाग में लद्दाख़ की राजधानी लेह में स्थित एक बौद्ध मठ है। यह मठ तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुगपा संप्रदाय से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 14वीं शताब्दी में त्सोंगखापा ने की थी।
वर्णन
[संपादित करें]मठ प्रार्थना पहियों, स्तूपों और रंगीले भित्तिचित्रों के साथ पारंपरिक तिब्बती बौद्ध वास्तुशिल्प तत्वों को प्रदर्शित करता है। शंकर मठ में धर्मग्रंथों, थंगका (चित्रित या कढ़ाई वाले बौद्ध बैनर) और मूर्तियों का एक मूल्यवान संग्रह है, जो इसके सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व में योगदान देता है।
शंकर गोम्पा स्थानीय बौद्ध समुदाय के लिए पूजा, ध्यान और धार्मिक शिक्षा के स्थान के रूप में कार्य करता है। मठ में रहने वाले भिक्षु गेलुगपा भी संप्रदाय की शिक्षाओं का पालन करते हुए धार्मिक प्रथाओं, समारोहों और अनुष्ठानों में संलग्न होते हैं। मठ लद्दाख़ की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
लेह में अपने केंद्रीय स्थान और सांस्कृतिक महत्व के कारण, शंकर मठ लद्दाख़ आने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। पर्यटक मठ, उसके प्रांगणों का भ्रमण कर सकते हैं और आसपास के परिदृश्यों के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
मठ सामुदायिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है, और भिक्षु अक्सर स्थानीय कार्यक्रमों और समारोहों में भाग लेते हैं।[1]