शंकर कुमार सान्याल

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शंकर कुमार सान्याल

शंकर कुमार सान्याल
जन्म शंकर कुमार सान्याल
30 जुलाई 1948 (1948-07-30) (आयु 75)
मुरुड जंजीरा, पश्चिम बंगाल, भारत
आवास हावड़ा, पश्चिम बंगाल, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा अधिवक्ता, कलकत्ता उच्च न्यायालय
जीवनसाथी शिखा सान्याल
बच्चे स्मिता सान्याल शुक्ला, स्वागत सान्याल लहरी, सप्तर्शि सान्याल
माता-पिता ज्योतिपर्व सान्याल
आचार्य डॉ शैलेन्द्र नाथ सान्याल
पुरस्कार राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1990)
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}
वेबसाइट
http://www.sankarsanyal.com


शंकर कुमार सान्याल (जन्म: 30 जुलाई 1948 - प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक हैं। वे इस समय हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना 1932 में गांधीजी ने की थी।[1] हुए| वे गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के सदस्य भी हैं। [2]

शैक्षणिक उपलब्धियाँ[संपादित करें]

बी.ए., एल.एल बी.कोलकाता विश्वविद्यालय, डी. लिट, एफ.आर.एस.ए (लंदन), एम.एस.आर.डी (बर्मिंघम), फेलो आफ रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट्स (FRSA), लंदन. वर्ष 1975 में कला, निर्माण और वाणिज्य के प्रोत्साहन के लिए मैनेजिंग सस्टनेबिल रुरल डेवलेपमेंट ('सतत ग्रामीण विकास प्रबंधन), बर्मिंघम यूनिवर्सिटी, यूके. भारत सरकार की छात्रवृत्ति पर एक शीर्ष स्तरीय प्रबंधन पाठ्यक्रम.वर्ष 1995. मानद उपाधि, डी. लिट ( डॉक्टर ऑफ लेटर्स) उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री राम नाईक के शुभ हाथों से प्राप्त हुई जो गांधीवादी सिद्धांतों और मूल्यों की दिशा में लोगों, विशेष तौर से नवयुवकों को, बहुआयामी कार्यक्रमों के माध्यम से गतिशील एवं प्रेरित करने के काम को मान्यता प्रदान करने हेतु शोभित विश्वविद्यालय द्वारा दी गयी.

उन्मुखीकरण[संपादित करें]

1964 में छात्र परिषद में शामिल हुए और इसके जिला सचिव बने, कलकत्ता विश्वविद्यालय लॉ कॉलेज छात्र परिषद के महासचिव और फिर राज्य संगठन के उपाध्यक्ष बने। प्रफुल्ल चंद्र सेन, अतुल्य घोष, डॉ प्रताप चंद्र चंदर, पन्नालाल दासगुप्ता, राखल च. डे, डॉ. फुलरेनु गुहा, बिजयानंद चटर्जी, अशोक गुप्ता और अन्य समकालीन राष्ट्रवादी नेताओं से अपनी गांधीवादी रचनात्मक गतिविधियों के दौरान निकटता से जुड़े रहे।

व्यवसाय[संपादित करें]

  • अधिवक्ता, कलकत्ता उच्च न्यायालय, प्रबंधन और औद्योगिक सलाहकार
  • अध्यक्ष, अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ, दिल्ली ( एचएसएस ) महात्मा गांधी द्वारा 1932 में स्थापित एक राष्ट्रीय स्तर का स्वैच्छिक संगठन, जो दलितों के सामाजिक-आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक उत्थान के लिए स्थापित किया गया और जिसने शोषित वंचित वर्ग के लिए देश भर में विभिन्न शैक्षिक ,कल्याणकारी और ग्रामीण विकास परियोजनाओं के माध्यम से उल्लेखनीय सफल कार्य किया है. सार्वभौमिक रूप से प्रशंसित ये पद कभी श्री जी डी बिड़ला, माता रामेश्वरी नेहरू, श्री वियोगी हरि जी, पद्मविभूषण निर्मला देशपांडे और देश के अन्य गांधीवादी राष्ट्रीय नेताओं द्वारा सुशोभित रहा। संयोग से यह पहली बार है जब कोई (बंगाल )उत्तर पूर्वी भारत से इस उच्च पद पर चुना गया है।
  • अध्यक्ष, अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद (एबीपीसीपी) की स्थापना 1956 में हुई.अनेक प्राकृतिक चिकित्सा संस्थानों और हजारों डॉक्टरों का ये राष्ट्रीय परिसंघ है जो 300 से अधिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों के अपने विशाल नेटवर्क द्वारा पूरे देश में आम लोगों को प्राकृतिक उपचार की सेवा प्रदान करने का काम कर रहा है।
  • सदस्य, गांधी स्मृति और दर्शन समिति, राजघाट (जी एस डी एस) –भारत के प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय।
  • अध्यक्ष, गांधी स्मारक निधि, बंगाल गांधी स्मारक निधि, राजघाट, दिल्ली की बंगाल राज्य शाखा, जो गांधीवादी मॉडल पर एक ग्रामीण विकास संस्थान है.
  • अध्यक्ष, कस्तूरबा बालिका विद्यालय, ईश्वरनगर, नई दिल्ली,1944 में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित, दिल्ली सरकार द्वारा मान्यता एवं सहायता प्राप्त (सीबीएसई से संबद्ध माध्यमिक विद्यालय) जो बालिकाओं को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दे रहा है.
  • अध्यक्ष, ठक्कर बापा विद्यालय समिति, टी नगर, चेन्नई –यह 1933 में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित चैरिटेबल ट्रस्ट है जो औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), कामकाजी महिला छात्रावास और अन्य सामाजिक कल्याण की गतिविधियों को संचालित कर रहा है।
  • अध्यक्ष, स्मार्ट अकादमी फॉर हेल्थकेयर गांधी आश्रम दिल्ली के परिसर में संचालित टेक महिंद्रा फाउंडेशन और हरिजन सेवक संघ का एक संयुक्त उद्यम जो अपने वंचित युवाओं के लिए स्मार्ट (स्किल्स-फॉर-मार्केट ट्रेनिंग ) द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य प्रशिक्षण द्ववारा कुशल प्रोफेशनल तैयार करता है।
  • अध्यक्ष, पुरबा कोलकाता गांधी स्मारक समिति, यह संगठन बेलियाघाट गांधी भवन, कोलकाता की उल्लेखनीय विरासत की देखभाल करता है, वो स्थान जहाँ गांधीजी 194 7 में प्राप्त स्वतंत्रता के दिनों में सांप्रदायिक सद्भाव बहाल करने के लिए रुके थे।
  • अध्यक्ष, लोक कल्याण परिषद, स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों के साथ सहयोगात्मक पहल के लिए एक राज्य स्तरीय संसाधन केंद्र ।
  • अध्यक्ष, मलीपंचघोरा पुलिस स्टेशन समन्वय समिति ,समस्त राजनैतिक दलों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों की एक शांति समिति ।
  • वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अखिल भारत रचनात्मक समाज, नई दिल्ली (एबीआरएस), पद्मविभूषण, सांसद, देश की प्रसिद्ध सर्वोदय नेत्री स्वर्गीय सुश्री निर्मला देशपांडे द्वारा स्थापित गांधीवादी रचनात्मक कार्यकर्ताओं और संगठनों का एक अखिल भारतीय परिसंघ
  • उपाध्यक्ष, स्वयं सहायता समूह प्रोमोशनल फोरम, पश्चिम बंगाल केयर-इंडिया द्वारा प्रोत्साहित, एक संघीय नेटवर्किंग संगठन है जिसमें 22,000 स्वयं सहायता समूहों के 2,50,000 सदस्य शामिल हैं।
  • उपाध्यक्ष, विद्याश्रम –78 से अधिक वर्षो का इतिहास समेटे उत्तर बंगाल का एक अग्रणी गांधीवादी संगठन।
  • उपाध्यक्ष, श्री अग्रसेन कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय के अंतर्गत पहला स्व-वित्त पोषित कॉलेज जो 150 वर्षों के गौरव शाली इतिहास की धरोहर है.
  • उपाध्यक्ष, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), हावड़ा शाखा।
  • महासचिव, ग्रामीण विकास संघ (आरडीसी), - महान क्रांतिकारी नेता और बाद में गांधीवादी सुधारक स्वर्गीय पन्नालाल दासगुप्ता द्वारा स्थापित यह संगठन पूर्वी भारत का एक सहायता, सेवा और प्रशिक्षण का अग्रणी नेटवर्किंग संस्थान है।
  • महासचिव, श्री चैतन्य महाप्रभु -जन मंच, सार्वभौमिक प्रेम, भाईचारे, शांति को बढ़ावा देने और जाति, पंथ, आर्थिक पदानुक्रम और धार्मिक झुकाव से प्रभावित लोगों को एकजुट करके सामाजिक उन्नयन हेतु बना एक राष्ट्रीय नेटवर्क।
  • सदस्य, कार्यकारी समिति, संयुक्त राष्ट्र संघ का पश्चिम बंगाल संघ, संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व संघ- जिनेवा एवं इसके भारतीय संघ- नई दिल्ली से संबद्ध,इसकी सदस्यता संयुक्त राष्ट्र संघ के सलाहकार की श्रेणी की है. ये विशेष रूप से सूचना और ज्ञान के प्रसार के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और उद्देश्यों के बारे में इसके चार्टर में उल्लेख किया गया है।
  • सदस्य, मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति (डीआरयूसीसी), पूर्वी रेलवे, भारत सरकार।

अनुभव और सामाजिक जिम्मेदारियां[संपादित करें]

  • पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा वर्ष 1972 में जस्टिस ऑफ द पीस (जे.पी.) पर नियुक्ति की गयी ।
  • पूर्व व्याख्याता वाणिज्यिक कानून, लाल बाबा कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय
  • पूर्व निदेशक, भारतीय स्टेट बैंक, बंगाल सर्किल, नियुक्ति द्वारा वित्त मंत्रालय, भारत सरकार
  • पूर्व अध्यक्ष, हावड़ा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एचसीसीआई) - हावड़ा के सूक्ष्म, लघु उद्योगों को बढ़ावा देने वाला एक अग्रणी संघीय निकाय.जो व्यापार, उद्योग और वाणिज्य के क्षेत्र में कार्यरत संघ है. पिछले 16 वर्ष तक (2002 - 2018) 5 बार सर्वसम्मति से इसके अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहने का अवसर ।
  • पूर्व अध्यक्ष, नागरिक सूचना मंच, कलकत्ता पूर्व सदस्य, ऑल इंडिया रेडियो, आईडब्ल्यू कार्यक्रम समिति, कलकत्ता, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार।
  • पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी),अहमदाबाद. पूर्वी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए बनी क्षेत्रीय निगरानी समिति जो उत्पादों के गुणवत्ता उन्नयन के लिए भारत सरकार के मंत्रालय एम्एसएमई के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में डिजाइन सोच, दर्शन और अनुप्रयोग के प्रसार के लिए निर्मित व कार्यरत
  • पूर्व अवैतनिक सचिव, हरिजन सेवक संघ, बंगाल, (1978-2013) अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ, दिल्ली (HSS) की राज्य शाखा, पूर्व उपाध्यक्ष, (1997 से 2008) हरिजन सेवक संघ- दिल्ली .ये 1932 में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है जो देश भर में विभिन्न कल्याणकारी, ग्रामीण विकास परियोजनाओं के माध्यम से दलितों के सामाजिक-आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक उत्थान के लिए काम कर रहा है. दिवंगत पद्मविभूषण सुश्री निर्मला देशपांडे, सांसद पूर्व अध्यक्ष के नेतृत्व में काम करने का अवसर मिला। उनके निधन के उपरांत अध्यक्ष बने I
  • पूर्व महासचिव, अखिल भारत रचनात्मक समाज, नई दिल्ली (एबीआरएस) (गांधीवादी रचनात्मक कार्यकर्ताओं और संगठनों का एक अखिल भारतीय परिसंघ)। संस्थापक अध्यक्ष, देश की प्रसिद्ध सर्वोदय नेता,सांसद, पद्मविभूषण स्वर्गीय सुश्री निर्मला देशपांडे, इन के कार्यकाल के महा सचिव के कार्य का अनुभव .
  • पूर्व महासचिव (एवार्ड). ग्रामीण विकास के लिए स्वैच्छिक सेवा हेतु समर्पित संस्थाओं का संगठन , पश्चिम बंगाल शाखा पश्चिम बंगाल राज्य पीपुल्स कमेटी, पश्चिम बंगाल लघु निर्माण कर्ता संघ ,रामकृष्ण मिशन जनशिक्षा मंदिर, युवा आंदोलन, बेलूर मठ, लाल बाबा कॉलेज छात्र संघ।
  • पूर्व अध्यक्ष, उपभोक्ता मार्गदर्शन केंन्द्रों हेतु परिषद, पश्चिम बंगाल, अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ उपभोक्ता की जागरूकता को बढ़ावा देना।
  • पूर्व अध्यक्ष, बिजोयानान्दा प्रौद्योगिकी संस्थान – जेआरएन राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड) विश्वविद्यालय के अंतर्गत कंप्यूटर एप्लीकेशन और प्रबंधन में स्नातक अध्ययन हेतु समर्पित संस्था।
  • पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, सर्वास इंटरनेशनल - इंडिया चैप्टर,एक गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी शांति निर्माताओं का संघ ,जो समझ और सद्भावना की दिशा में काम करने वाले अन्तेर्देशीय नस्लों, जातियों ,क्षेत्रों के मेजबानों और यात्रियों को व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से मैत्रीपूर्ण यात्राओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य करता है। इसे संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में एक गैर-सरकारी संगठन के सलाहकार का दर्जा प्राप्त है।
  • प्रबंध निदेशक, बंगाल एचसीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, और पश्चिम बंगाल लघु उद्योग विकास निगम (डब्ल्यूबीएसआईडीसी), पश्चिम बंगाल सरकार का एक संयुक्त उद्यम।
  • पूर्व सदस्य, प्रबंधन बोर्ड कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट, पश्चिम बंगाल शाखा. इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल गांधी स्मारक समिति, गांधी विचार परिषद, जो रचनात्मक और ग्रामीण विकास कार्यों में संलग्न राष्ट्रीय और राज्य स्तर के गांधीवादी गैर-सरकारी संगठन हैं, में सम्बद्धता.

पूर्व मूल्यांकनकर्ता (कपार्ट की स्वीकृत और संचालित परियोजनायें का) कपार्ट (काउन्सिल आफ एडवांसमेंट पीपुल्स एक्शन एंड रूरल टेक्नोलॉजी) ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार का उपक्रम है.

  • पूर्व सदस्य, श्री लक्ष्मी दास, अध्यक्ष, केवीआईसी उद्योग मंत्रालय,भारत सरकार के कार्यकाल के समय केवीआईसी के पूर्वी क्षेत्र हेतु गठित पश्चिम बंगाल राज्य स्तरीय प्रमाणन समिति और क्षेत्रीय खादी और ग्रामोद्योग सलाहकार समिति .
  • पूर्व सदस्य, पश्चिम बंगाल खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड और सूक्ष्म और लघु उद्यम विभाग, कपड़ा विभाग, बंगाल सरकार ।
  • पूर्व सदस्य, रेलवे स्टेशन सलाहकार समिति, हावड़ा।
  • पूर्व सदस्य, गवर्निंग बाडी, सोसाइटी फॉर मॉडर्न मिनी टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर, पश्चिमी बंगाल सरकार।
  • पूर्व सदस्य संयोजक, राज्य स्तरीय परियोजना संचालन और निगरानी समिति ,सूक्ष्म, लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी)
  • पूर्व सदस्य, राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड (SLAB), सम्बद्ध सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, पश्चिम बंगाल सरकार।
  • पूर्व सदस्य, पश्चिम बंगाल राज्य सूक्ष्म और लघु उद्यम सुविधा परिषद, पश्चिम बंगाल सरकार.

प्रमुख उपलब्धियां[संपादित करें]

मदर टेरेसा और गांधीवादी विचारक सुब्बाराव जी के साथ श्री शंकर कुमार सान्याल अध्यक्ष हरिजन सेवक संघ
  • 1984 में ईस्टर्न ज़ोन के रचनात्मक कार्यकर्ताओं का क्षेत्रीय उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम आरम्भ किया, जिसमें शांति के लिए नोबल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा, की भव्य उपस्थिति रही ।
  • अखिल भारतीय रचनात्मक समाज के तत्वावधान में दक्षिण एशिया शांति सम्मेलन एवं अखिल भारत रचनात्मक कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन 18 से 20 जनवरी, 2000 तक साल्ट लेक स्टेडियम, कलकत्ता में किया जिसमें देश और विदेश से 12 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कलकत्ता में यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था.
  • कई युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविरों और उन्मुखीकरण पाठ्यक्रमों का आयोजन किया।ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत अनेक ग्रामीण युवा उद्यमियों के लिए सफलतापूर्वक प्रशिक्षण का आयोजन किया .बाद में उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), भारत सरकार द्वारा प्रायोजित प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 2005-2006 से 2012-2013 तक 1,784 उद्यमियों को प्रशिक्षित किया गया.ये 50,42,90,407.00 रूपये की धन राशि द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा वित्तपोषित हुए. प्रशिक्षित युवाओं ने ने अपनी-अपनी इकाइयां स्थापित की हैं जिनमें जरी कढ़ाई, रेडीमेड वस्त्र, बढ़ईगिरी, सिलाई, ग्रिल द्वारा गेट निर्माण , ब्यूटी पार्लर, धान से चावल बनाना , चांदी के आभूषण निर्माण, बिजली के बल्ब, खाद्य सामग्रियों से विभिन्न खाद्य उत्पाद बनाना जैसे लघु उद्योग शामिल हैं।
  • पश्चिम बंगाल के बीरभूम, मेदिनीपुर, मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में 5,31,018 बेहतर धुंआ रहित चूल्हों की स्थापना, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), भारत सरकार के गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत मंत्रालय के अंतर्गत की गयी
  • गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए 595 कम लागत वाले शौचालयों और 95 कम लागत वाले ग्रामीण घरों के निर्माण की व्यवस्था कपार्ट के सहयोग से की गयी ।
  • अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों और सम्मेलनों में पश्चिम बंगाल के विभिन्न समूहों का नेतृत्व किया। इसमें पंजाब के अलगाववादी आंदोलन के शमन हेतु , जुलाई 1983 में पंजाब में राष्ट्रीय एकता शांति मार्च अभियान में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना भी शामिल है
  • हावड़ा के सुदूर क्षेत्र में एक बड़े औद्योगिक एस्टेट की स्थापना।परियोजना की विशिष्टता यह थी कि 320 सूक्ष्म और लघु उद्यमियों ने बिना कोई समस्या या तनाव पैदा किए सीधे किसानों से जमीन खरीदी. यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल थी क्योंकि पूरे क्षेत्र को सौर ऊर्जा से रोशन करना था। इस औद्योगिक क्लस्टर को देश में 400 में से 25 क्लस्टरों में से एक माना गया जो प्रधान मंत्री द्वारा स्थापित राष्ट्रीय अभिनव परिषद में शामिल किया गया है।
  • पश्चिम बंगाल में एक क्षेत्रीय डिजाइन क्लिनिक की स्थापना में अग्रणी,राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी), अहमदाबाद, पूर्वी भारत में अपनी तरह का पहला क्षेत्रीय केंद्र है जो जागरूकता पैदा करने कार्यक्रमों को लागू करने के लिए विशेषज्ञ सलाह, समाधान, आर्थिक सहायता,अन्य सहायता प्रदान करता है.सभी स्तरों पर डिजाइन सुविधाओं का प्रयोग मौजूदा उत्पाद / सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण व मूल्यवान बनाता है।
  • श्रीनगर कश्मीर के लिए एक गांधीवादी सद्भावना मिशन का नेतृत्व16 से 19 जुलाई 2017 तक किया । मिशन की विशेषता थी सभी प्रमुख राजनीतिक दलों, शांति कार्यकर्ताओं, युवाओं और छात्रों के वरिष्ठ नेताओं के साथ उपयोगी बातचीत करना जिससे गांधीवादी माध्यमों द्वारा तनावपूर्ण स्थिति को दूर किया जा सके और लोगों से लोगों के बीच भाईचारा प्रेम, करुणा का वातावरण स्थापित हो।

ऊना (गुजरात), मुजफ्फरनगर, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) और संघर्ष की स्थितियों में अन्य विवादित अशांत क्षेत्रों में गांधीवादी शांति मिशन टीम को भेजा जिन्होंने स्थानीय नेताओं को लेकर दोनों समूहों की स्थानीय आबादी के साथ बातचीत करके शांति और सद्भाव बहाल करने की कोशिश की। ।

  • गांधी आश्रम, दिल्ली में अखिल भारतीय गांधीवादी रचनात्मक कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन 25 और 26 नवंबर 2018 को किया गया जो 2019 में महात्मा गांधी और कस्तूरबा की 150 वीं जयंती की तैयारी के एक भाग के रूप में 12 साल के लंबे अंतराल के बाद अपनी तरह का पहला सम्मेलनथा. इसका उद्घाटन भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने किया इस सम्मेलन में देश और विदेश के विभिन्न दूरस्थ क्षेत्रों से 5000 गांधीवादी रचनात्मक कार्यकर्ताओं, युवाओं और विभिन्न क्षेत्रों के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।इसके समापन सत्र को भारत के माननीय राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में संबोधित किया जिसमे पूरे देश के प्रमुख गांधीयन कार्यकर्त्ता ,नेतृत्व कर्ता उपस्थित रहे.
  • दिल्ली में माता कस्तूरबा पर संग्रहालय (बा के जीवन और गतिविधियों पर एक संग्रहालय), "कस्तूरबा कुटीर" को महात्मा गांधी द्वारा उद्योगशाला में परिवर्तित कर दिया गया था और योग केंद्र भी जो कालांतर में बहुत समय पहले निष्क्रिय हो चुका था। पुनर्निर्मित कस्तूरबा कुटीर का उद्घाटन 7 जुलाई 2017 को भारत के तत्कालीन माननीय उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने महात्मा गांधी जी की प्रपौत्री सुश्री तारा गांधी भट्टाचार्य और अन्य की भव्य उपस्थिति में किया। पुनर्निर्मित उद्योगशाला को संघ के सहयोग से टेक महिंद्रा स्मार्ट एकेडमी फॉर हेल्थकेयर द्वारा एक कौशल विकास प्रशिक्षण संस्थान के रूप में पुनर्जीवित किया गया. यहाँ युवाओं से न्यूनतम शुल्क लेकर उनका कौशल प्रशिक्षण निरंतर संचालित है जो युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में रोजगार दिलाने(प्लेसमेंट ) का कार्य भी कुशलता से करता है.गांधी आश्रम, किंग्सवे कैंप में महात्मा गांधी योग केंद्र के नवीनीकरण की भी पहल की गयी । इस योग केंद्र की स्थापना युवाओं को योग प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए की गई जिसका उद्घाटन 25 नवंबर 2018 को भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने किया ।
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित व प्रशंसित कथाकार, पूज्य मोरारी बापू द्वारा 9-दिवसीय 'मानस-हरिजन' गांधी कथा का आयोजन 24 सितंबर - 'सद्भावना दिवस' (ऐतिहासिक पूना पैक्ट दिवस) से 2 अक्टूबर 2019 तक - गांधीजी की 150 वीं जयंती पर आयोजित किया गया । गांधी आश्रम का पवित्र स्थान,पर आयोजित कथा में लगभग 8,000 लोग शामिल हुए. इसका उद्घाटन भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने किया। कथा में परम पावन दलाई लामाजी, पूज्य योग ऋषि स्वामी रामदेवजी, पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वतीजी, अध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, संस्थापक / अध्यक्ष, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और अन्य देश विदेश के अंतर-धार्मिक नेताओं, विद्वानों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों आदि ने भाग लिया। इसका समापन सत्र भारत के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न, प्रणब मुखर्जी जी द्वारा कस्तूरबा कुटीर में संबोधित हुआ ।

साहित्यिक गतिविधियाँ[संपादित करें]

  • संपादक, जातीय समचिंतन -1986 से कला, संस्कृति और साहित्य पर अग्रणी साहित्यिक बंगाली पत्रिका. इसके अतिरिक्त प्रमुख अन्य पत्र, पत्रिकाओं, जर्नल्स में विकास और राष्ट्रीय समस्याओं सहित विभिन्न मुद्दों पर लेखन।
  • स्वैच्छिक संगठनों के विकास पर कई पुस्तकों, पत्रों और रिपोर्टों को संपादित और प्रकाशित किया।

पुरस्कार[संपादित करें]

महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द जी को अंगवस्त्र भेंट करते शंकर कुमार सान्याल अध्यक्ष हरिजन सेवक संघ
  • 'गैर-पारंपरिक ऊर्जा पुरस्कार' श्री सुरेंद्र मोहन, अध्यक्ष, केवीआईसी गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत मंत्रालय से गैर-पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में अतुलनीय उपलब्धि के लिए जो विशेष रूप से बेहतर चूल्हा कार्यक्रम लिए था, प्राप्त किया. ये प्राप्ति 5 जुलाई 1997 को एनसीई कार्यक्रम (एमएनईएस) अंतर्गत केवीआईसी और आरईआरडीए-भारत, के 35 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हुई ।
  • 'मूनिस रजा मेमोरियल अवार्ड' पुरस्कार एनआरआई (अनिवासी भारतीयों) के ग्लोबल एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय विकास, अंतर्राष्ट्रीय समझ, शांति, जीवन के संवर्धन में अनुकरणीय योगदान और इंजीनियरों की संस्था में विशेषज्ञता के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 3 अप्रैल 1998 को नई दिल्ली भारत में दिया गया
  • 'इंटरनेशनल मैन ऑफ द ईयर - IBC एक गैर-राजनीतिक, धर्म निरपेक्ष संगठन है, जो कई अन्य कार्यों के साथ कई अत्यधिक सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय ’ हूज़ हू ’ शीर्षक जीवनियाँ प्रकाशित करता है ।इस इंटरनेशनल बायोग्राफिकल सेंटर (IBC), कैम्ब्रिज, इंग्लैंड के संपादकीय बोर्ड द्वारा 28 अप्रैल 1998 को वर्ष 1997-98' के प्राप्तकर्ता के रूप में सम्मानित किया गया
  • "एमएसपीआई उत्कृष्ट व्यक्तित्व - 1998" प्रबंधन अध्ययन संवर्धन संस्थान, नई दिल्ली को,, उनके जीवनी प्रकाशन में योगदान के लिए 30 अक्टूबर 1998 को ‘ सर्टिफिकेट आफ मेरिट ‘ सम्मान प्राप्तकर्ता.
  • ' राष्ट्रीय एकता और सामाजिक कार्य के लिए पुरस्कार ' प्रो. आशीष बंदोपाध्याय, कुलपति, कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा ’ कलकत्ता विश्वविद्यालय राष्ट्रीय एकता परिषद ‘ के अंतर्गत, सामाजिक कार्य और राष्ट्रीय एकता के क्षेत्र में योगदान के लिए , 26 जनवरी 2005 को दिया गया।
  • "बंगबंधु मुजीबर रहमान अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार" जनाब रेज़ौल करीम हीरा, माननीय भूमि और भूमि सुधार मंत्री,बांग्लादेश सरकार ने बनबबंधु जातीय स्वाधीनता परिषद द्वारा, बांग्लादेश नेशनल प्रेस क्लब, ढाका, में 7 अगस्त 2010 को प्रदान किया
  • "कॉर्पोरेट एनर्जी मैनेजमेंट अवार्ड " इन्डियन इन्स्टीटयूटआफ सोशल वेल्फेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट कलकत्ता जो पहला बी स्कूल है ने, ऊर्जा संरक्षण दिवस 14 दिसंबर 2010 को ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया
  • "गंगा पुरस्कार" उत्तराखंड के राज्यपाल, महामहिम डॉ कृष्ण कांता पॉल द्वारा ग्लोबल इंटर फेथ वाश एलायंस (जीआईडब्ल्यूए) और यूनिसेफ की ओर से ऋषिकेश में 3 और 4 मई, 2017 को आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी "यू आर द सॉल्यूशन: समिट ऑफ लीडर्स" में प्रदान किया गया. ये पुरस्कार महात्मा गांधी द्वारा परिकल्पित स्वच्छ भारत और अन्य रचनात्मक कार्यों की दिशा में गांधीवादी कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करने के लिए प्रदान किया गया
  • रणबीर सिंह राष्ट्रीय शांति और सद्भाव पुरस्कार “राष्ट्रीय स्तर पर शांति, एकता और सद्भाव विकास के उत्कृष्ट स्वैच्छिक कार्य के सम्मान के लिए 25 नवंबर 2018 को श्री दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद और स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, अध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और संस्थापक अध्यक्ष ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस (जीआईडब्ल्यूए) द्वारा प्रदान किया गया
  • प्रफुल्ल चंद्र सेन मेमोरियल अवार्ड 2018 के प्राप्तकर्ता, स्वर्गीय प्रफुल्ल चंद्र सेन , देश के प्रसिद्ध गांधीवादी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री की स्मृति में, उनके छात्र दिनों के दौरान और वर्तमान में श्री सेन के साथ उनके घनिष्ठ संबंध की मान्यता स्वरूप ,राज्य और देश के गांधीवादी सोच के अग्रणी नायक के रूप में 10 अप्रैल 2018 को प्रदान किया गया

विदेशी प्रतिनिधिमंडल[संपादित करें]

  • "कानूनी सहायता पर दक्षिण एशियाई संगोष्ठी" जो काठमांडू, नेपाल में मार्च 1986 में आयोजित हुई, में प्रतिनिधि के तौर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
  • "अंतर्राष्ट्रीय शांति वर्ष" के जून-जुलाई 1986 में 'गांधी-इन-एक्शन ग्रुप फॉर पीपुल्स मार्च फॉर नॉन वायलेंट सोसायटी के सदस्य के रूप में इटली, फ्रांस, स्विट्जरलैंडऔर यूनाइटेड किंगडम (यूके) देशों में में भारत का प्रतिनिधित्व किया
  • यूनाइटेड किंगडम में भारत के सात वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के समूह में अकेले एनजीओ रूप में नामित प्रतिनिधि के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया, ये ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं ब्रिटिश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से मार्च से जून 1995 तक संचालित कार्यक्रम था ।
  • ढाका, बांग्लादेश में आयोजित सरवास इंटरनेशनल के दक्षिण पश्चिम एशिया के क्षेत्रीय सम्मेलन में, सर्वास इण्डिया के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में, 10 और 11 दिसंबर 1999 को भाग लिया
  • चीन के संगठनों द्वारा वैश्विक शांति, दोस्ती,भाईचारे मजबूती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वहाँ के आमन्त्रण पर वर्ष 2003 में , 28 अक्तूबर से 3 नवम्बर के बीच , दीदी निर्मला देश पाण्डेय के नेतृत्व में ” एसोशिएष्ण आफ पीपल ऑफ़ एशिया के प्रतिनिधि मंडल में ” भारत का प्रतिनिधित्व किया. बीजिंग और शंघाई भ्रमण के दौरान चायनीज एसोसिएशन आफ इंटरनेशनल अंडरस्टेंडिंग, गरीबी उन्मूलन और विकास की स्टेट काउन्सिल के मुख्य नेतृत्व कर्ताओं,चायना के सभी वीमेन फेडरेशन्स ,तिब्बतीय रिसर्च सेंटर से विचार विनिमय हुआ .इसके अतिरिक्त शंघाई के विदेशी मामलों का विभाग जो एशिया में परस्पर समझ दोस्ती को बढ़ाने, इसे शांति पूर्ण अहिंसक क्षेत्र बनाने के लिए देशों के बीच परस्पर सांस्कृतिक, शैक्षिक,स्वैच्छिक सम्भावनाओं और देखभाल को बढ़ावा देता है , से भी मिलना हुआ
  • ”एसोशिएष्ण आफ पीपल ऑफ़ एशिया के प्रतिनिधि मंडल की और से ही लाहौर करांची में सभी धर्म के धर्म गुरुओं के अतिरिक्त देश के सभी विशिष्ट क्षेत्रों के व्यक्तियों - सामाजिक, साहित्यक, राजनैतिक ,पेशेवर कुशलता - के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया. सूफी संत बाबा बुल्ले शाह , जो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लोगों द्वारा समान रूप से बहुत प्रिय व सम्मानित हैं, की जयंती के अवसर पर भारतीय उपमहाद्वीप में सार्वभौमिक महत्व के सद्भावना,शांति सद्भाव को बढ़ावा देने के संदेश से 30 अगस्त से 1 सितंबर 2004 तक ये भ्रमण कार्यक्रम हुआ .
  • ढाका विश्वविद्यालय, बांग्लादेश में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के एक विशिष्ट वक्ता के रूप में गांधीवादी मूल्यों और उनकी समकालीन प्रासंगिकता और गांधीजी के विचारों और आदर्शों पर बोलने के लिए 11 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2004 तक भारत का प्रतिनिधित्व किया। बांग्लादेश भारत संप्रति परिषद, गांधी आश्रम ट्रस्ट - नोआखली और फेनी जिले, रामकृष्ण मिशन - ढाका, बांग्लादेश इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ एंड इंटरनेशनल अफेयर्स आदि का भी भ्रमण.
  • विभिन्न देशों के बीच शांति, दोस्ती, भाईचारे और सद्भावना को मजबूत करने के उद्देश्य से कराची, पाकिस्तान में आयोजित वर्ल्ड सोशल फोरम में एसोसिएशन ऑफ पीपल ऑफ एशिया के प्रतिनिधि के रूप में 24 से 29 मार्च 2006 तक भारत का प्रतिनिधित्व किया और परमाणु मुक्त दक्षिण एशिया ( भारत और पाकिस्तान में परमाणु भंडार के ढेर को समाप्त करने और परमाणु ऊर्जा को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करने ) सम्बन्धी विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी की अध्यक्षता की.
  • दक्षिण अफ्रीका के डरबन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित सत्याग्रह शताब्दी समारोह में 10 से 13 सितम्बर 2006 तक आयोजित सम्मेलन में १५-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में भाग लिया। ये कार्यक्रम क्वा -ज़ुलु नेटाल सरकार के सहयोग से गांधी विकास ट्रस्ट द्वारा आयोजित हुआ
  • लंका जतिका सर्वोदय श्रमदान संगमाया की 50 वीं वर्षगांठ समारोह में 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में भारत का प्रतिनिधित्व किया.इसके अतिरक्त श्रीलंका, कोलम्बो के मारतुआ के विश्व निकेतन अंतर्राष्ट्रीय शांति और ध्यान केंद्र में आयोजित " पृथ्वी पर सतत जीवन के लिए समेकित सामुदायिक पहल ; सभी के लिए पृथ्वी मेला " सम्मेलन में भारत का 4- 7 दिसंबर 2008 तक प्रतिनिधित्व किया।
  • साल्ट लेक सिटी, यूटा, यूएसए में आयोजित विश्व धर्म संसद में भारत के एक गांधीवादी प्रतिनिधिमंडल का 15 से 19 अक्टूबर 2015 में नेतृत्व किया, जिसमें 80 देशों के 10000 से अधिक प्रतिनिधियों और विभिन्न धर्मों के 50 प्रमुखों ने भाग लिया। यह उल्लेखनीय है कि पहली बार इस भव्य संसद में भाग लेने के लिए गांधीवादी प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया था। यह समस्त गांधीवादी बिरादरी के लिए गर्व का क्षण था। ये वही विश्व विख्यात शिकागो, यूएसए की संसद है जिसमे 1893 में पूज्य स्वामी विवेकानंद जी ने भाग लिया था।
  • महान दक्षिण अफ्रीकी गणराज्य में भारतीय राष्ट्र की और से सद्भावना और कृतज्ञता को आगे बढ़ाने के लिए 8 से 15 फरवरी 2016 तक दक्षिण अफ्रीका में गांधी शांति मिशन का प्रतिनिधित्व किया. वो उल्लेखनीय सौ साल पूरे होने के अवसर जब युवा बैरिस्टर मोहनदास करमचंद गांधी को एक महात्मा में ढाला। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के दुखों को कम करने के बाद दक्षिण अफ्रीका से गांधी भारत लौट आए थे और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को रोशन किया था जिसकी सफल परिणति भारत को स्वतंत्रता प्राप्ति के रूप में हुई थी । गांधी शांति मिशन ने आग्रह किया मानवता के बीच संघर्ष और हिंसा को संवाद, सुलह, से हल करना चाहिए जिससे विकास और शांति की ओर तेजी से बढा जा सकें ।
  • टोरंटो, कनाडा में आयोजित विश्व धर्म संसद में 1 से 7 नवंबर 2018 तक गांधीवादी बिरादरी का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 80 देशों के 10,000 से अधिक प्रतिनिधियों और विभिन्न धर्मों के 50 प्रमुखों ने भाग लिया। धर्मों और आध्यात्मिक समुदायों के बीच सद्भाव पैदा करने और एक न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और टिकाऊ दुनिया के प्रति जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए गांधीवादी सिद्धांतों, विचारों और आदर्शों पर प्रकाश डाला।

विदेश यात्रायें[संपादित करें]

इटली, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, चीन, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान

सन्दर्भ[संपादित करें]

  • 97/3, नस्कर पारा रोड, घुसुरी, हावड़ा - 711 107, पश्चिम बंगाल
  • फोन: 91-33-2655-6161 / 2655-6621,
  • मोबाइल: 098312 24445
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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अप्रैल 2017.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मई 2017.