सामग्री पर जाएँ

व्यासतीर्थ

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
श्री व्यासतीर्थ
धर्म हिन्दू धर्म
पाठशाला वेदान्त
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ
जन्म यतिराज
22 अप्रैल 1447
बन्नूर, कर्नाटक
निधन हम्पी
शांतचित्त स्थान नव बृन्दावन
पद तैनाती
पूर्वाधिकारी ब्रह्मण्य तीर्थ

व्यासतीर्थ ( 1460 - 1539 ई०) एक हिंदू दार्शनिक, टीकाकार और कवि थे। वे मध्वाचार्य द्वारा प्रतिपादित द्वैत वेदान्त के समर्थक थे। उन्हें व्यासराय, व्यासराज, या चन्द्रिकाचार्य भी कहा जाता है। वे विजयनगर साम्राज्य के राजगुरु रहे। उनका काल द्वैतवाद का स्वर्णयुग था। उनके ही काल में कनक दास और पुरन्दर दास आदि के द्वारा हरिदास साहित्य का विकास हुआ। उन्होंने स्वयं कन्नड़ और संस्कृत में कई कीर्तनों की रचना की।[1]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. "Royal Carpet Carnatic Composers: Vyasaraya". karnatik.com. अभिगमन तिथि: 2024-03-04.