वेंकटेश्वर

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वेंकटेश्वर

श्री वेंकटेश्वर
संबंध विष्णु के अवतार
निवासस्थान वैकुंठ
मंत्र ॐ नमो वेंकटेशाय
अस्त्र शंख, चक्र
प्रतीक नामं
जीवनसाथी पद्मावती
सवारी गरुड़
क्षेत्र दक्षिण भारत

वेंकटेश्वर (तेलुगु: వెంకటేశ్వరుడు, तमिल: வெங்கடேஸ்வரர், कन्नड़: ವೆಂಕಟೇಶ್ವರ, संस्कृत: वेंकटेश्वरः) भगवान विष्णु के दशावतारों में से नवें एवम् चौबीस अवतारों में से तेइसवें अवतार माने जाते हैं। उन्हें गोविंदा, श्रीनिवास, बालाजी, वेंकट आदि नामों से भी जाना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था। यह तालाब तिरुमला के पास स्थित है। तिरुमाला-तिरुपति के चारों ओर स्थित पहाड़ियाँ, शेषनाग के सात फनों के आधार पर बनीं 'सप्तगिर‍ि' कहलाती हैं। वैकुण्ठ एकादशी के अवसर पर लोग तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर पर प्रभु के दर्शन के लिए आते हैं, जहाँ पर आने के पश्चात उनके सभी पाप धुल जाते हैं। मान्यता है कि यहाँ आने के पश्चात व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिल जाती है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]