वृद्धावस्था

वृद्धावस्था या वार्धक्य जीवन की उस अवस्था को कहते हैं जिसमें वयः मानव जीवन की औसत काल के समीप या उससे अधिक हो जाती है। वृद्ध लोगों को रोग लगने की अधिक सम्भावना होती है। उनकी समस्याएँ भी अलग होती हैं। वृद्धावस्था एक धीरे-धीरे आने वाली अवस्था है जो कि स्वभाविक व प्राकृतिक घटना है। वृद्ध का शाब्दिक अर्थ है बढ़ा हुआ, पका हुआ, परिपक्व।
वृद्ध लोगों में प्रायः पुनर्योजी क्षमता सीमित होती है और वे युवा वयस्कों की तुलना में रोग, संलक्षण, आघात और अन्य क्षत्रियों के प्रति अधिक असुरक्षित होते हैं। कुछ विषय और विशेषज्ञताएँ वयोवर्धन और वृद्धों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, जैसे कि आयु वृद्धि की जैविक प्रक्रियाएँ (जीर्णता)[1], उसकी प्रक्रिया का चिकित्सा अध्ययन (जराविद्या)[2], वृद्ध वयस्कों को पीड़ित करने वाली रोग (जरारोगविद्या)[3], वृद्ध समाज का समर्थन करने के लिए तकनीक (जरातकनीकी), और वृद्ध लोगों से सम्बन्धित अवकाश और खेल गतिविधियों (जैसे वरिष्ठ खेल) के लिए अनुकूलित किया गया। वृद्धों को सेवानिवृत्ति, निःसंगता और वयोवाद से सम्बन्धित सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।[4][5]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "senescence", The Free Dictionary, retrieved 2023-03-11
- ↑ "gerontology", The Free Dictionary, retrieved 2023-03-11
- ↑ "geriatrics", The Free Dictionary, retrieved 2023-03-11
- ↑ "Jeremy Hunt highlights plight of 'chronically lonely'". BBC News (in ब्रिटिश अंग्रेज़ी). 2013-10-17. Retrieved 2023-03-11.
- ↑ Powell, Martha (2021-09-30). "How can we reduce the toll of loneliness in older adults?". NIHR Evidence (in ब्रिटिश अंग्रेज़ी). Retrieved 2023-03-11.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- वृद्धावस्था संबंधी निदान (वृद्धों के लिए तकनालॉजी समाधान पोर्टल)
- 45_प्लस_इण्डिया - भारत के वृद्धजनों के लिये पोर्टल
- International Federation on Aging — informs and promotes positive change for old people globally
- एल्डर केयर आपके द्वार