विश्व फोटोग्राफी दिवस

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हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस उत्साह के साथ मनाया जाता है । यह दिवस उन लोगों के लिए खास महत्व रखता है जो किसी भी खूबसूरत चीज या नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लेना पसंद करते हैं ।

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विश्व फोटोग्राफी दिवस उन सभी फोटोग्राफर्स को समर्पित है जिन्होंने अपनी कला से दुनिया की खूबसूरती को कैमरा में कैद किया है दुनिया में ऐसे कई फोटोग्राफर्स है जिन्होंने इस कला को अपना पेशा बना लिया है वो अपने कैमरे से बेहतरीन तस्वीरें खींच कर लाखों-करोड़ों रुपए कमा रहे हैं । फोटोग्राफी और कुछ नहीं बल्कि लोगों के लिए अपनी हुनर दिखाने का एक मौका है जो लोग अपनी बात शब्दों के जरिए बयां नहीं कर पाते उनके लिए फोटोग्राफी कई बार बहुत अच्छा विकल्प बन जाता है।

विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास[संपादित करें]

इतिहासकारों के मुताबिक कई साल पहले 9 जनवरी, 1839 को दुनिया की सबसे पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया का आविष्कार हुआ था। इस प्रक्रिया का नाम था डॉगोरोटाइप जिसे जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर नाम के 2 वैज्ञानिकों ने अविष्कार किया था। डॉगोरोटाइप टेक्निक फोटोग्राफी की पहली प्रक्रिया थी, इस टेक्निक के आविष्कार का ऐलान फ्रांस सरकार ने 19 अगस्त, 1839 में किया। इसी की याद में विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है। आधिकारिक तौर पर इस दिन की शुरुआत 2010 में हुई थी। ऑस्ट्रेलिया के एक फोटोग्राफर ने अपने साथी फोटोग्राफरों के साथ मिलकर इस दिन इकट्ठा होने और दुनियाभर में इसका प्रचार प्रसार करने का फैसला किया। अपने  साथी फोटोग्राफरों के साथ मिलकर उनकी तस्वीरें ऑनलाइन गैलरी के जरिए लोगों के सामने पेश कीं। इस ऑनलाइन गैलरी को लोगों ने खूब पसंद किया इसके बाद से फोटोग्राफरों का डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन करने का यह सिलसिला शुरू हो गया जो आज भी जारी है।


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