विश्वेश्वर प्रसाद कोइराला
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विश्वेश्वर प्र. कोइराला | |
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पद बहाल २७ मई १९५९ – १५ दिसम्बर १९६० | |
राजा | राजा महेन्द्र |
पूर्वा धिकारी | सुवर्ण सम्शेर राणा |
उत्तरा धिकारी | तुलसी गिरी |
जन्म | 8 सितम्बर 1914 वाराणासी, ब्रिटिश राज (अब भारत) |
मृत्यु | 21 जुलाई 1982 काठमाण्डू, नेपाल | (उम्र 67 वर्ष)
राजनीतिक दल | नेपाली कांग्रेस |
जीवन संगी | सुशीला कोइराला |
शैक्षिक सम्बद्धता | स्कटिस चर्च कलेज बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय कलकत्ता विश्वविद्यालय |
हस्ताक्षर | |
विश्वेश्वर प्रसाद कोइराला (1914 - 21 जून 1982) नेपाल के प्रथम जन निर्वाचित प्रधानमन्त्री थे। वे नेपाली व हिन्दी भाषा के साहित्यकार भी हैं। उन्होंने अपने जीवन के अधिकांश समय नेपाली कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किया और 1959 से 1960 तक नेपाल के प्रधानमन्त्री रहे। वे नेपाली में लोकतंत्र की स्थापना के लिए मृत्यु पर्यन्त लड़ते रहे। श्री कोइराला ने नेपाली भाषा साहित्य में मनोवैज्ञानिक कथा का नया प्रयोग आरम्भ किया।[1]
साहित्यिक योगदान
[संपादित करें]उपन्यास
[संपादित करें]- तीन घुम्ती
- सुम्निमा
- नरेन्द्रदाइ
- मोदिआइन
- हिटलर र यहुदी
- बाबु, आमा र छोरा
कथा
[संपादित करें]- दोषी चश्मा
- श्वेतभैरवी
जीवनी
[संपादित करें]- आफ्नो कथा
- जेल जर्नल
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Koirala, Bisheshwor Prasad (2001). Atmabrittanta: Late Life Recollections [आत्मवृत्त: जीवन की यादें] (अंग्रेज़ी में). Kathmandu: Himal Books. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 99933-1-308-4. मूल से 1 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2014.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- विश्वेश्वर प्रसाद कोइराला बाई रूपेश उदाश(अँग्रेजी में)
- स्थायी विद्रोह: बीपी कोइराला की कहानी(अँग्रेजी में)
- विश्वेश्वरप्रसाद कोइराला की रचनाएँ(नेपाली में)
राजनीतिक कार्यालय | ||
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पूर्वाधिकारी सुवर्ण सम्शेर राणा |
नेपाल के प्रधानमन्त्री 1959–1960 |
उत्तराधिकारी तुलसी गिरी |