"दक्खिनी": अवतरणों में अंतर
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दक्खिनी [[उर्दू]] की एक बोली है। यह दक्षिण भारत के [[दक्कन]] क्षेत्र में बोली जाती है। प्रधानतया यह [[हैदराबाद]], [[बेंगलूरू]] व [[चेन्नई]] में केंद्रित है। इस बोली में विस्तृत साहित्य उपलब्ध है, परंतु वर्तमान में इसका प्रयोग काफी घटता जा रहा है। |
'''दक्खिनी''' [[उर्दू]] की एक बोली है। यह दक्षिण भारत के [[दक्कन]] क्षेत्र में बोली जाती है। प्रधानतया यह [[हैदराबाद]], [[बेंगलूरू]] व [[चेन्नई]] में केंद्रित है। इस बोली में विस्तृत साहित्य उपलब्ध है, परंतु वर्तमान में इसका प्रयोग काफी घटता जा रहा है। |
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इस बोली पर जोग़्राफ़ीयाई अएततबार से, अलॉक़ाई ज़बानों की तासीर नज़र आती है। जैसे, रियासत आंध्र प्रदेश की उर्दू पर [[तीलगू]] का थोड़ा असर पाया जाता है। इसी तरह महाराष्ट्र की उर्दू पर मराठी का, कर्नाटक की उर्दू पर कन्नड़ का, और ताम्मुल नाड़िदो की उर्दू पर ताम्मुल का। लेकिन मुकम्मल तौर पर जनूबी हिंद में बोली जानी वाली दक्कनी एक ख़सूसी अंदाज़ की उर्दू है, जिस में मराठी, तीलगू ज़बानों का मेल पाया जाता है। |
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==जोग़्राफ़ीयाई तक़सीम== |
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* [[हैदर आबादी उर्दू]] |
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== बाहरी कड़ियाँ == |
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13:16, 1 अगस्त 2010 का अवतरण
दक्खिनी उर्दू की एक बोली है। यह दक्षिण भारत के दक्कन क्षेत्र में बोली जाती है। प्रधानतया यह हैदराबाद, बेंगलूरू व चेन्नई में केंद्रित है। इस बोली में विस्तृत साहित्य उपलब्ध है, परंतु वर्तमान में इसका प्रयोग काफी घटता जा रहा है।
भौगोलिक वितरण
इस भाषा के अधिकांश भाषी भारत के दक्कन में मिलते हैं, जहाँ वस्तुतः मध्यकालीन व उत्तरमध्यकालीन भारत के तत्कालीन मुस्लिम राज्यों के क्षेत्र हैं, जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु के कुछ भाग।
दक्कनी :Dakhni (Hindi: दक्खिनी dakkʰinī), also known as Dakkhani, Deccani (Urdu: दक्कनी) : ये बोली उर्दू ज़बान की एक अहम बोली है, जो जनूबी हिंदूस्तान में बोली जाती है।
इस बोली पर जोग़्राफ़ीयाई अएततबार से, अलॉक़ाई ज़बानों की तासीर नज़र आती है। जैसे, रियासत आंध्र प्रदेश की उर्दू पर तीलगू का थोड़ा असर पाया जाता है। इसी तरह महाराष्ट्र की उर्दू पर मराठी का, कर्नाटक की उर्दू पर कन्नड़ का, और ताम्मुल नाड़िदो की उर्दू पर ताम्मुल का। लेकिन मुकम्मल तौर पर जनूबी हिंद में बोली जानी वाली दक्कनी एक ख़सूसी अंदाज़ की उर्दू है, जिस में मराठी, तीलगू ज़बानों का मेल पाया जाता है।
जोग़्राफ़ीयाई तक़सीम
इस बोली को बोलने वालों की ज़्यादा तर तादाद दक्कन में है। रियासत महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रअ प्रदेश और ताम्मुल नअड्डो में कसीर तादाद में बोली जाती है।