"प्रदीप (गीतकार)": अवतरणों में अंतर

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पांच दशक के अपने करियर में कवि प्रदीप ने 71 फिल्मों के लिए 1700 गीत लिखे.<ref name=ind/>, उनके देशभक्ति गीतों में, ''चल चल रे नौजवान'', फिल्म ''बंधन'' (1940), ''आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं'', फिल्म ''[[जागृति]]'' (1954), ''दे दी हमें आजादी बिना खडग ढाल'', और ''यहां वहां जहां तहां मत पूछो कहां-कहां'', फिल्म ''[[जय संतोषी मां]]'', (1975) इस फिल्म के लिए उन्होंने गीत भी गाया.[[Playback singer|playback]] version in the film<ref>[http://www.earthmusic.net/hindi-film-songs.php?searchtype=movie&movie=Jai+Santoshi+Ma Songs from ''Jai Santoshi Ma'' 1975]</ref><ref>[http://www.indianexpress.com/res/web/pIe/ie/daily/19981211/34650694.html Legendary film lyricist Pradeep dead] ''[[Indian Express]]'', 11 December 1998.</ref>. In 1958, [[HMV]], released an album comprising of 13 songs with his lyrics, soon he was made the ''Rashtrakavi'', (Poet Laureate), and came to be known as, ''Kavi Pradeep'' <ref name=ind/>
पांच दशक के अपने करियर में कवि प्रदीप ने 71 फिल्मों के लिए 1700 गीत लिखे.<ref name=ind/>, उनके देशभक्ति गीतों में, ''चल चल रे नौजवान'', फिल्म ''बंधन'' (1940), ''आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं'', फिल्म ''[[जागृति]]'' (1954), ''दे दी हमें आजादी बिना खडग ढाल'', और ''यहां वहां जहां तहां मत पूछो कहां-कहां'', फिल्म ''[[जय संतोषी मां]]'', (1975) इस फिल्म के लिए उन्होंने गीत भी गाया.[[Playback singer|playback]] version in the film<ref>[http://www.earthmusic.net/hindi-film-songs.php?searchtype=movie&movie=Jai+Santoshi+Ma Songs from ''Jai Santoshi Ma'' 1975]</ref><ref>[http://www.indianexpress.com/res/web/pIe/ie/daily/19981211/34650694.html Legendary film lyricist Pradeep dead] ''[[Indian Express]]'', 11 December 1998.</ref>. In 1958, [[HMV]], released an album comprising of 13 songs with his lyrics, soon he was made the ''Rashtrakavi'', (Poet Laureate), and came to be known as, ''Kavi Pradeep'' <ref name=ind/>


आपने हिंदी फ़िल्मों के लिये बहुत से यादगार गीत लिखे। उन्हें 1997-98 के "दादा साहब फाल्के पुरस्कार" से सम्मानित किया गया।
In 1997, he was honoured by India's highest award in Cinema, the [[Dada Saheb Phalke Award]] for Life time Achievement <ref>[http://www.expressindia.com/news/fe/daily/20001102/fsm29002.html Remembering a patriotic poet] ''[[Indian Express]]'', 2 November 2000.</ref>.

आपने हिंदी फ़िल्मों के लिये बहुत से यादगार गीत लिखे। उन्हें 1997-98 के "दादा साहब फाल्के पुरस्कार" से सम्मानित किया गया।
[[श्रेणी: फ़िल्मी गीतकार]]
==बाह्य सूत्र==
==बाह्य सूत्र==
[http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AA प्रदीप कविताकोश पर]
[http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AA प्रदीप कविताकोश पर]
*[http://www.hindimedia.in/index.php?option=com_content&task=view&id=6548&Itemid=87 कई सदियों तक गूंजेंगे प्रदीप के गीत ] (हिन्दी मिडिया)
*[http://www.swatantravaarttha.com/movies/article-901 हिंदी फिल्मों के निराले कवि प्रदीप] (स्वतंत्र वार्ता)
*[http://www.prabhatkhabar.com/news/23377.aspx राष्ट्रीय एकता में देशभक्ति गीतों की महत्ता शुरू से]
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/story/2008/12/printable/081211_kavi_pradeep.shtml कवि प्रदीप: सिनेमा से आम जन तक पहुँचे ] (बीबीसी)

[[श्रेणी: फ़िल्मी गीतकार]]


[[en:Kavi Pradeep]]
[[en:Kavi Pradeep]]

10:32, 15 जून 2010 का अवतरण

कवि प्रदीप (जन्म: 6 फरवरी 1915 - निधन: 11 दिसंबर 1998) का मूल नाम रामचंद्र द्विवेदी था। कवि प्रदीप ऐ मेरे वतन के लोगों सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की श्रद्धांजलि में ये गीत लिखा था. लता मंगेशकर द्वारा गाए गए इस गीत का तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में 26 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान में सीधा प्रसारण किया गया. [1], गीत को सुनकर जवाहरलाल नेहरू के आंख भर आए थे.[2], कवि प्रदीप ने इस गीत का राजस्व युद्ध विधवा कोष में जमा करने की अपील की. 25 अगस्त 2005, बांबे उच्च न्यायालय, ने म्युजिक कंपनी एचएमवी को इस कोष में अग्रिम रूप से 10 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया.[3]. कवि प्रदीप की पहचान 1940 में रिलीज हुई फिल्म बंधन से बनी. हालांकि 1943 की स्वर्ण जयंती हिट फिल्म किस्मत के गीत दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिंदुस्तान हमारा है ने उन्हें देशभक्ति गीत के रचनाकारों में अमर कर दिया. गीत के रिलीज होते ही ब्रिटिश सरकार गुस्से में आ गई. गिरफ्तारी से बचने के लिए कवि प्रदीप को भूमिगत होना पड़ा.[2]. पांच दशक के अपने करियर में कवि प्रदीप ने 71 फिल्मों के लिए 1700 गीत लिखे.[4], उनके देशभक्ति गीतों में, चल चल रे नौजवान, फिल्म बंधन (1940), आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं, फिल्म जागृति (1954), दे दी हमें आजादी बिना खडग ढाल, और यहां वहां जहां तहां मत पूछो कहां-कहां, फिल्म जय संतोषी मां, (1975) इस फिल्म के लिए उन्होंने गीत भी गाया.playback version in the film[5][6]. In 1958, HMV, released an album comprising of 13 songs with his lyrics, soon he was made the Rashtrakavi, (Poet Laureate), and came to be known as, Kavi Pradeep [4]

आपने हिंदी फ़िल्मों के लिये बहुत से यादगार गीत लिखे। उन्हें 1997-98 के "दादा साहब फाल्के पुरस्कार" से सम्मानित किया गया।

बाह्य सूत्र

प्रदीप कविताकोश पर

  1. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; hind नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  2. Kavi Pranshu, master of the patriotic song, dies at 84 Rediff.com.
  3. ‘Aye mere watan...’ legal battle ends Screen, 16 September 2005.
  4. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; ind नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  5. Songs from Jai Santoshi Ma 1975
  6. Legendary film lyricist Pradeep dead Indian Express, 11 December 1998.