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'''पिङ्गल''' [[भारत]] के प्रचीन [[भारतीय गणितज्ञ सूची|गणितज्ञ]] और [[छन्द |
'''पिङ्गल''' [[भारत]] के प्रचीन [[भारतीय गणितज्ञ सूची|गणितज्ञ]] और [[छन्द:शास्त्र]] के रचयिता । इनका काल ४०० ईपू से २०० ईपू अनुमानित है। जनश्रुति के अनुसार यह [[पाणिनि]] के अनुज थे। छन्द:शास्त्र में [[मेरु प्रस्तार]] (पास्कल त्रिभुज), द्विआधारी संख्या (binary numbers), और [[द्विपद प्रमेय]] (binomial theorem) मिलते हैं। |
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==छन्द:शास्त्र के भाष्य== |
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* '''[[वृत्तरनाकर]] ''' - [[केदारभट्ट]] द्वारा ८वीं शती में रचित |
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* '''[[तात्पर्यटीका]]''' - [[त्रिविक्रम]] द्वारा १२वीं शती में रचित |
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* '''[[मृतसंजीवनी]]''' - [[हलायुध]] द्वारा १३वीं शती में विरचित |
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जनश्रुति के अनुसार यह [[पाणिनि]] के अनुज थे। [[हलायुध]] ने दसवीं शताब्दी के आसपास इनके छन्दशास्त्र पर 'मृतसंजीवनी' नामक भाष्य लिखा। |
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==इन्हें भी देखें== |
==इन्हें भी देखें== |
12:35, 9 जून 2010 का अवतरण
पिङ्गल भारत के प्रचीन गणितज्ञ और छन्द:शास्त्र के रचयिता । इनका काल ४०० ईपू से २०० ईपू अनुमानित है। जनश्रुति के अनुसार यह पाणिनि के अनुज थे। छन्द:शास्त्र में मेरु प्रस्तार (पास्कल त्रिभुज), द्विआधारी संख्या (binary numbers), और द्विपद प्रमेय (binomial theorem) मिलते हैं।
छन्द:शास्त्र के भाष्य
- वृत्तरनाकर - केदारभट्ट द्वारा ८वीं शती में रचित
- तात्पर्यटीका - त्रिविक्रम द्वारा १२वीं शती में रचित
- मृतसंजीवनी - हलायुध द्वारा १३वीं शती में विरचित