"कंबोज": अवतरणों में अंतर
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प्राचीन [[वैदिक]] साहित्य में कंबोज देश या यहाँ के निवासी कांबोजों के विषय में कई उल्लेख हैं जिनसे ज्ञात होता है कि कंबोज देश का विस्तार [[कश्मीर]] से हिंदूकुश तक था। वंश [[ब्राह्मण]] में कंबोज के औपमन्यव नामक आचार्य का उल्लेख है। |
प्राचीन [[वैदिक]] साहित्य में कंबोज देश या यहाँ के निवासी कांबोजों के विषय में कई उल्लेख हैं जिनसे ज्ञात होता है कि कंबोज देश का विस्तार [[कश्मीर]] से हिंदूकुश तक था। वंश [[ब्राह्मण]] में कंबोज के औपमन्यव नामक आचार्य का उल्लेख है। |
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शतपथ ब्राह्मण के एक स्थल से ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तरी लोगों अर्थात उत्तरी कुरुओं की तथा कुरु-पांचालों की बोली समान और शुद्ध मानी जाती |
शतपथ ब्राह्मण के एक स्थल से ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तरी लोगों अर्थात उत्तरी कुरुओं की तथा कुरु-पांचालों की बोली समान और शुद्ध मानी जाती थी। |
15:42, 2 मई 2010 का अवतरण
कंबोज / Kamboj
प्राचीन वैदिक साहित्य में कंबोज देश या यहाँ के निवासी कांबोजों के विषय में कई उल्लेख हैं जिनसे ज्ञात होता है कि कंबोज देश का विस्तार कश्मीर से हिंदूकुश तक था। वंश ब्राह्मण में कंबोज के औपमन्यव नामक आचार्य का उल्लेख है।
शतपथ ब्राह्मण के एक स्थल से ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तरी लोगों अर्थात उत्तरी कुरुओं की तथा कुरु-पांचालों की बोली समान और शुद्ध मानी जाती थी।