"पाल एन्थनी सेमुएल्सन": अवतरणों में अंतर

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'''पाल ए सेमुएल्सन''' (15 मई 191 से 13 दिसंबर 2009) पहले [[अर्थशास्त्री]] ने जिन्होंने आर्थिक विवेचनाओं में गणितीय तथा भौतिकी सूत्रों का व्यापक प्रयोग किया। इस पद्धति का प्रमुख इस्तेमाल उन्होंने अर्थव्यवस्था के गतिमान तथा स्थैतिक संतुलनों के समेकन से वास्तविक संतुलन की स्थितियों के लिये गणितीय माडल प्रस्तुत करने में किया। इस प्रणाली ने सामान्य संतुलन सिद्धांत के विकास में बहुमूल्य योगदान दिया। ‘उपभोक्ता वरीयता सिद्धांत‘ में उनके द्वारा प्रस्तावित ‘प्रकट वरीयता सिद्धांत‘, कल्याण अर्थशास्त्र में किसी आर्थिक निर्णय के सामाजिक कल्याण पर प्रभाव को नापने के लिये दिये गये उनके ‘लिन्ढाल-सेमुएल्सन-बावेन स्थितियों के सिद्धांत‘, लोक वित्त के क्षेत्र में लोक तथा निजी वस्तुओं के आदर्श निर्धारण के लिये प्रस्तुत माडल और अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र में उनके द्वारा विकसित दो ट्रेड माडल आधुनिक अर्थशास्त्र को दिये गये उनके तमाम अवदानों में सबसे उल्लेखनीय हैं। वह नोबल पुरस्कार पाने वाले पहले अमेरिकी अर्थशास्त्री थे 1970 में उन्हें सम्मानित करते हुए नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा था कि, ‘‘सैमुएल्सन का सबसे बडा अवदान यही है कि उन्होंने अपने किसी भी अन्य समकालीन अर्थशास्त्री की तुलना में आर्थिक विज्ञान के सामान्य विवेचनात्मक एवं विश्लेशणात्मक स्तर के उन्नयन में अधिक योगदान दिया है। उन्होंने वस्तुतः आर्थिक सिद्धांत के एक बडे हिस्से का पुनर्लेखन किया है।‘‘
'''पाल ए सेमुएल्सन''' (15 मई 191 से 13 दिसंबर 2009) पहले [[अर्थशास्त्री]] ने जिन्होंने आर्थिक विवेचनाओं में गणितीय तथा भौतिकी सूत्रों का व्यापक प्रयोग किया। इस पद्धति का प्रमुख इस्तेमाल उन्होंने अर्थव्यवस्था के गतिमान तथा स्थैतिक संतुलनों के समेकन से वास्तविक संतुलन की स्थितियों के लिये गणितीय माडल प्रस्तुत करने में किया। इस प्रणाली ने सामान्य संतुलन सिद्धांत के विकास में बहुमूल्य योगदान दिया। ‘उपभोक्ता वरीयता सिद्धांत‘ में उनके द्वारा प्रस्तावित ‘प्रकट वरीयता सिद्धांत‘, कल्याण अर्थशास्त्र में किसी आर्थिक निर्णय के सामाजिक कल्याण पर प्रभाव को नापने के लिये दिये गये उनके ‘लिन्ढाल-सेमुएल्सन-बावेन स्थितियों के सिद्धांत‘, लोक वित्त के क्षेत्र में लोक तथा निजी वस्तुओं के आदर्श निर्धारण के लिये प्रस्तुत माडल और अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र में उनके द्वारा विकसित दो ट्रेड माडल आधुनिक अर्थशास्त्र को दिये गये उनके तमाम अवदानों में सबसे उल्लेखनीय हैं। वह नोबल पुरस्कार पाने वाले पहले अमेरिकी अर्थशास्त्री थे 1970 में उन्हें सम्मानित करते हुए नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा था कि, ‘‘सैमुएल्सन का सबसे बडा अवदान यही है कि उन्होंने अपने किसी भी अन्य समकालीन अर्थशास्त्री की तुलना में आर्थिक विज्ञान के सामान्य विवेचनात्मक एवं विश्लेशणात्मक स्तर के उन्नयन में अधिक योगदान दिया है। उन्होंने वस्तुतः आर्थिक सिद्धांत के एक बडे हिस्से का पुनर्लेखन किया है।‘‘


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20:45, 27 फ़रवरी 2010 का अवतरण

पाल ए सेमुएल्सन (15 मई 191 से 13 दिसंबर 2009) पहले अर्थशास्त्री ने जिन्होंने आर्थिक विवेचनाओं में गणितीय तथा भौतिकी सूत्रों का व्यापक प्रयोग किया। इस पद्धति का प्रमुख इस्तेमाल उन्होंने अर्थव्यवस्था के गतिमान तथा स्थैतिक संतुलनों के समेकन से वास्तविक संतुलन की स्थितियों के लिये गणितीय माडल प्रस्तुत करने में किया। इस प्रणाली ने सामान्य संतुलन सिद्धांत के विकास में बहुमूल्य योगदान दिया। ‘उपभोक्ता वरीयता सिद्धांत‘ में उनके द्वारा प्रस्तावित ‘प्रकट वरीयता सिद्धांत‘, कल्याण अर्थशास्त्र में किसी आर्थिक निर्णय के सामाजिक कल्याण पर प्रभाव को नापने के लिये दिये गये उनके ‘लिन्ढाल-सेमुएल्सन-बावेन स्थितियों के सिद्धांत‘, लोक वित्त के क्षेत्र में लोक तथा निजी वस्तुओं के आदर्श निर्धारण के लिये प्रस्तुत माडल और अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र में उनके द्वारा विकसित दो ट्रेड माडल आधुनिक अर्थशास्त्र को दिये गये उनके तमाम अवदानों में सबसे उल्लेखनीय हैं। वह नोबल पुरस्कार पाने वाले पहले अमेरिकी अर्थशास्त्री थे 1970 में उन्हें सम्मानित करते हुए नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा था कि, ‘‘सैमुएल्सन का सबसे बडा अवदान यही है कि उन्होंने अपने किसी भी अन्य समकालीन अर्थशास्त्री की तुलना में आर्थिक विज्ञान के सामान्य विवेचनात्मक एवं विश्लेशणात्मक स्तर के उन्नयन में अधिक योगदान दिया है। उन्होंने वस्तुतः आर्थिक सिद्धांत के एक बडे हिस्से का पुनर्लेखन किया है।‘‘