"शेख हसीना": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो robot Adding: yo:Sheikh Hasina
छो robot Adding: tr:Şeyh Hasina Vecid
पंक्ति 28: पंक्ति 28:
[[sv:Hasina Wajed]]
[[sv:Hasina Wajed]]
[[ta:ஷேக் ஹசீனா]]
[[ta:ஷேக் ஹசீனா]]
[[tr:Şeyh Hasina Vecid]]
[[yo:Sheikh Hasina]]
[[yo:Sheikh Hasina]]
[[zh:谢赫·哈西娜]]
[[zh:谢赫·哈西娜]]

13:52, 25 फ़रवरी 2010 का अवतरण

शेख हसीना

शेख हसीना बांग्लादेश के राष्ट्रपिता मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं। उनके पिता,मां और तीन भाई १९७५ के स्वतंत्रता संग्राम में मारे गए थे। उस हादसे के बाद भी उन्हें राजनीतिक सफलता आसानी से नहीं मिली। उन्होंने ८० के दशक में बांग्लादेश में जनरल इरशाद के सैनिक शासन के ख़िलाफ़ जो मुहिम छिड़ी, उसके दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। जनरल इरशाद के बाद भी उन्हें जनरल की पत्नी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ख़ालिदा ज़िया से कड़ी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कड़वी और लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी।

१९९६ में शेख हसीना ने चुनाव जीता और कई वर्षो तक देश का शासन चलाया। उसके बाद उन्हें विपक्ष में भी बैठना पड़ा। उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। उन पर एक बार जान लेवा हमला भी हुआ जिसमें वे बाल बाल बच गईं लेकिन उस हमले में २० से भी ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। एक बार फिर बांग्लादेश राजनीति के गहरे भँवर में फंस गया और देश की बागडोर सेना-समर्थित सरकार ने संभाल ली। इस सरकार ने शेख हसीना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उनका ज्यादातर वक्त हिरासत में ही गुज़रा। इस बीच वे अपने इलाज के लिए अमरीका भी गईं और ये अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि वे जेल से बचने के लिए शायद वापस लौट कर ही ना आएँ। लेकिन वे वापस लौटीं और दो साल के सैनिक शासन समेत सात साल बाद २००८ में हुए संसदीय चुनावों में विजय प्राप्त की। और अब बांग्लादेश की बागडोर राजनीति उनके हाथ में एक बार फिर आ गई है।