"साबुत अनाज": अवतरणों में अंतर
आशीष भटनागर (वार्ता | योगदान) |
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जो लोग साबुत अनाज खाते हैं उन्हें डायबिटीज, कोरोनरी धमनी रोग, पेट का कैंसर और हाई ब्लड प्रैशर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। साबुत अनाज स्वास्थ्य को सही रखने वाले पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं। इसमें कई जटिल काबरेहाइडेट्स का अनूठा मिश्रण, जल और वसा में घुलनशील विटामिन, खनिज-लवण, फाइबर, अघुलनशील एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोस्टीरल्स मिलते हैं। |
जो लोग साबुत अनाज खाते हैं उन्हें डायबिटीज, कोरोनरी धमनी रोग, पेट का कैंसर और हाई ब्लड प्रैशर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। साबुत अनाज स्वास्थ्य को सही रखने वाले पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं। इसमें कई जटिल काबरेहाइडेट्स का अनूठा मिश्रण, जल और वसा में घुलनशील विटामिन, खनिज-लवण, फाइबर, अघुलनशील एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोस्टीरल्स मिलते हैं। |
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साबुत अनाज युक्त खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ये रक्त में शर्करा के स्तर को कम करते हैं। इनमें पाए जाने वाले फाइबर अंश पेट में गैस बनने की प्रक्रिया कम करते हैं एवं पेट में स्थिरता का आभास होता है, इसलिए ये शारीरिक वजन को कम करने में सहायता करते हैं। रिफाइंड अनाज के मुकाबले साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों से कार्डियोवस्क्युलर बीमारियों एवं पेट के कैंसर का खतरा कम |
साबुत अनाज युक्त खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ये रक्त में शर्करा के स्तर को कम करते हैं। इनमें पाए जाने वाले फाइबर अंश पेट में गैस बनने की प्रक्रिया कम करते हैं एवं पेट में स्थिरता का आभास होता है, इसलिए ये शारीरिक वजन को कम करने में सहायता करते हैं। रिफाइंड अनाज के मुकाबले साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों से कार्डियोवस्क्युलर बीमारियों एवं पेट के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। |
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== संदर्भ== |
== संदर्भ== |
01:58, 9 फ़रवरी 2010 का अवतरण
साबुत अनाज अर्थात दाने के तीनों भागों को खाया जाता है जिसमें फाइबर युक्त बाहरी सतह और पोषकता से भरपूर बीज भी शामिल है। साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों में एक बाहरी खोल, भूसी या ब्रान (ऊपरी सतह), बीज और मुलायम एण्डोस्पर्म पाया जाता है। गेहूं की पिसाई के वक्त ऊपरी भूसी एवं बीज को हटा दिया जाता है एवं स्टार्ची एण्डोस्पर्म ही बच जाता है। भूसी एवं बीज से विटामिन ई, बी और अन्य तत्व जैसे जिंक, सेलीनियम, कॉपर, आयरन, मैगनीज एवं मैग्नीशियम आदि प्राप्त होते हैं। इनमें फाइबर भी प्रचुर मात्र में पाया जाता है।
सभी साबुत अनाजों में अघुलनशील फाइबर पाये जाते हैं जो कि पाचन तंत्र के लिए बेहतर माने जाते हैं, साथ ही कुछ घुलनशील फाइबर भी होते हैं जो रक्त में वांछित कोलेस्ट्रोल के स्तर को बढ़ाते हैं। खासतौर से जई, जौ और राई में घुलनशील फाइबर की मात्र अधिक होती है, साबुत अनाजों में रूटीन (एक फ्लेवेनएड जो हृदय रोगों को कम करता है), लिग्नान्स, कई एंटीअक्सीडैंट्स और अन्य लाभदायक पदार्थ पाये जाते हैं।
पहले ये माना जाता रहा है कि साबुत अनाज कई बीमारियों से बचाते हैं क्योंकि इसमें फाइबर की प्रचुरता होती है। परंतु नवीन खोजों से पुष्टि हुई कि साबुत अनाजों में फाइबर के अलावा कई विटामिनों के अनूठे मिश्रण, खनिज-लवण, फाइबर, अघुलनशील एंटी ऑक्सीडेंट्स और फाइटोस्टेरोल्स भी पाए जाते हैं, जो शरीर को कई रोगों से बचाते हैं।
जो लोग साबुत अनाज खाते हैं उन्हें डायबिटीज, कोरोनरी धमनी रोग, पेट का कैंसर और हाई ब्लड प्रैशर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। साबुत अनाज स्वास्थ्य को सही रखने वाले पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं। इसमें कई जटिल काबरेहाइडेट्स का अनूठा मिश्रण, जल और वसा में घुलनशील विटामिन, खनिज-लवण, फाइबर, अघुलनशील एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोस्टीरल्स मिलते हैं।
साबुत अनाज युक्त खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ये रक्त में शर्करा के स्तर को कम करते हैं। इनमें पाए जाने वाले फाइबर अंश पेट में गैस बनने की प्रक्रिया कम करते हैं एवं पेट में स्थिरता का आभास होता है, इसलिए ये शारीरिक वजन को कम करने में सहायता करते हैं। रिफाइंड अनाज के मुकाबले साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों से कार्डियोवस्क्युलर बीमारियों एवं पेट के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
संदर्भ
- साबुत अनाज पूरे शरीर को बचाते हैं
- साबुत अनाज।हिन्दुस्तान लाइव।८ फरवरी, २०१०