"खगड़िया जिला": अवतरणों में अंतर

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== विवरण ==
== विवरण ==
बिहार का खगड़िया ही एक ऐसी जिला है जो 7 नदियों से घिरा हुआ है। यह मक्का उत्पादन में बिहार के सबसे अग्रणी जिला माना जाता हैं। यहाँ की एक सबसे बड़ी विशेषता खगड़िया के गायत्री मन्दिर प्रसिद्ध है जो बूढ़ी गंदक के किनारे स्थित है इसका हर एक क्षेत्र प्रत्येक साल बाढ़ से ग्रसित रहता है। टेढ़ी-मेढ़ी भूभाग के कारण इसे प्राचीन में "फरकिया" नाम से जाना जाता था जो अकबर के समय दिया गया था। यहां के ग्रामीण अपने आप में सकुशल जिंदगी जीते हैं और जनसंख्या के 90% हिस्से कृषि पर आधारित है। यहां के चौथम प्रखंड में स्थित एक छोटा सा बाजार करुआमोर जहां की पेड़ा पूरे बिहार में प्रसिद्ध है ।
बिहार का खगड़िया ही एक ऐसी जिला है जो 7 नदियों से घिरा हुआ है। यह मक्का उत्पादन में बिहार के सबसे अग्रणी जिला माना जाता हैं। यहाँ की एक सबसे बड़ी विशेषता है "53 कोठली 56 द्वार," एक आलीशान मकान जो परबत्ता प्रखंड के भरतखंड गांव में स्थित है। इसका हर एक क्षेत्र प्रत्येक साल बाढ़ से ग्रसित रहता है। टेढ़ी-मेढ़ी भूभाग के कारण इसे प्राचीन में "फरकिया" नाम से जाना जाता था जो अकबर के समय दिया गया था। यहां के ग्रामीण अपने आप में सकुशल जिंदगी जीते हैं और जनसंख्या के 90% हिस्से कृषि पर आधारित है। यहां के चौथम प्रखंड में स्थित एक छोटा सा बाजार करुआमोर जहां की पेड़ा पूरे बिहार में प्रसिद्ध है ।


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==

14:42, 20 मार्च 2022 का अवतरण

खगड़िया ज़िला
Khagaria district
मानचित्र जिसमें खगड़िया ज़िला Khagaria district हाइलाइटेड है
सूचना
राजधानी : खगड़िया
क्षेत्रफल : 1,485 किमी²
जनसंख्या(2011):
 • घनत्व :
16,57,599
 1,100/किमी²
उपविभागों के नाम: ब्लॉक
उपविभागों की संख्या: ?
मुख्य भाषा(एँ): हिन्दी


खगड़िया ज़िला भारत के बिहार राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय खगड़िया है।[1][2]

विवरण

बिहार का खगड़िया ही एक ऐसी जिला है जो 7 नदियों से घिरा हुआ है। यह मक्का उत्पादन में बिहार के सबसे अग्रणी जिला माना जाता हैं। यहाँ की एक सबसे बड़ी विशेषता है "53 कोठली 56 द्वार," एक आलीशान मकान जो परबत्ता प्रखंड के भरतखंड गांव में स्थित है। इसका हर एक क्षेत्र प्रत्येक साल बाढ़ से ग्रसित रहता है। टेढ़ी-मेढ़ी भूभाग के कारण इसे प्राचीन में "फरकिया" नाम से जाना जाता था जो अकबर के समय दिया गया था। यहां के ग्रामीण अपने आप में सकुशल जिंदगी जीते हैं और जनसंख्या के 90% हिस्से कृषि पर आधारित है। यहां के चौथम प्रखंड में स्थित एक छोटा सा बाजार करुआमोर जहां की पेड़ा पूरे बिहार में प्रसिद्ध है ।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect Archived 2017-01-18 at the वेबैक मशीन," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
  2. "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810