"घुटनों का दर्द": अवतरणों में अंतर
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) छो सुशील शर्मा 1 (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
ब्लॉग लिंक दिया हैं टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
== कारण == |
== कारण == |
||
घुटनों का दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता हैः |
[https://e-gyan2020.blogspot.com/2021/11/Ghutne-ke-dard-ke-karan-or-gharelu-upchar.html घुटनों का दर्द] निम्नलिखित कारणों से हो सकता हैः |
||
* [[संधि शोथ|आर्थराइटिस]] - लूपस जैसा- रीयूमेटाइड, आस्टियोआर्थराइटिस और गाउट सहित अथवा संबंधित ऊतक विकार |
* [[संधि शोथ|आर्थराइटिस]] - लूपस जैसा- रीयूमेटाइड, आस्टियोआर्थराइटिस और गाउट सहित अथवा संबंधित ऊतक विकार |
15:29, 15 नवम्बर 2021 का अवतरण
घुटनों का दर्द | |
---|---|
मानव के घुटनों की आन्तरिक रचना | |
विशेषज्ञता क्षेत्र | विकलांग विज्ञान (Orthopedics) |
घुटनों का दर्द से आशय घुटने में या उसके आसपास होने वाला दर्द।
घुटने की संधि में चार अस्थियों की संधि होती है- उर्वस्थि (फीमर/femur), अन्तर्जंघिका (टिबिया/tibia), बहिर्जंघिका (फिबुला/fibula) और जानुका (पटेला/patella)। घुटने में चार प्रकोष्ट (compartments) होते हैं। बार-बार के तनाव, चोट या किसी रोग के कारण इन प्रकोष्ठों के अवयवों को नुकसान पहुँच सकता है।
लम्बी दूरी तक दौड़ने से घुटनों के जोड़ में दर्द हो सकता है क्योंकि इससे घुटनों पर बहुत झटका लगता है।
मानव शरीर में पैर जितने ही महत्त्वपूर्ण हैं, उतने ही उनके बीच में बने घुटने। घुटनों से ही पैरों को मुड़ने की क्षमता मिलती है। इन्हीं घुटनों में कई कारणों से दर्द होने लग जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं:
कारण
घुटनों का दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता हैः
- आर्थराइटिस - लूपस जैसा- रीयूमेटाइड, आस्टियोआर्थराइटिस और गाउट सहित अथवा संबंधित ऊतक विकार
- बरसाइटिस- घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट)
- टेन्टीनाइटिस- आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है। यह धावकों, स्कॉयर और साइकिल चलाने वालों को होता है।
- बेकर्स सिस्ट- घुटने के पीछे पानी से भरा सूजन जिसके साथ आर्थराइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है। यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक जा सकता है।
- घिसा हुआ कार्टिलेज (उपास्थि)(मेनिस्कस टियर)- घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है।
- घिसा हुआ लिगमेंट (ए सी एल टियर)- घुटने में दर्द और अस्थायित्व उत्पन्न कर सकता है।
- झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट
- जानुफलक (नीकैप) का विस्थापन
- जोड़ में संक्रमण
- घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है
- श्रोणि विकार- दर्द उत्पन्न कर सकता है जो घुटने में महसूस होता है। उदाहरण के लिए इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम एक ऐसी चोट है जो आपके श्रोणि से आपके घुटने के बाहर तक जाती है।
देखभाल
घुटने के दर्द के कई कारण हैं, विशेषकर जो अति उपयोग अथवा शारीरिक क्रिया से संबंधित है। यदि स्वयं इसकी देखभाल करें तो इसके अच्छे परिणाम निकलते हैं।
- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कार्य
- बर्फ लगाएं। पहले इसे प्रत्येक घंटे 15 मिनट लगाएं। पहले दिन के बाद प्रतिदिन कम से कम 4 बार लगाएं।
- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को यथा संभव ऊपर उठा कर रखें।
- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं। ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है। यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है।
- घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोएं।