"लुईस के अम्ल और क्षार": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Arman टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
छो 2409:4053:21D:A6A:0:0:AF4:F8A5 (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''लुईस अम्ल''' (लुईस एसिड) उस रासायनिक प्रजाति को कहते है जिसमें एक खाली कक्षक (ऑर्बिटल) हो जो '''लुईस क्षार''' (लुईस बेस) से एक इलेक्ट्रॉन-युग्म स्वीकार करके कोई लुईस ऐडक्ट ( Lewis |
'''लुईस अम्ल''' (लुईस एसिड) उस रासायनिक प्रजाति को कहते है जिसमें एक खाली कक्षक (ऑर्बिटल) हो जो '''लुईस क्षार''' (लुईस बेस) से एक इलेक्ट्रॉन-युग्म स्वीकार करके कोई लुईस ऐडक्ट ( Lewis adduct) बना सके। इस प्रकार , '''लुईस क्षार''' वह रासायनिक प्रजाति है जिसका कक्षक भरा हुआ हो और जिसमें एक इलेक्ट्रॉन-युग्म हो जो [[आबंध]] निर्माण में भाग न ले रहा हो किन्तु किसी लुईस अम्ल के साथ डेटिव आबन्ध बनाकर एक लुईस ऐडक्ट का निर्माण करे। |
||
उदाहरण के लिए,BeCl2 NH<sub>3</sub> एक लुईस क्षार है, क्योंकि यह इलेक्ट्रॉनों के अपने एकल-युग्म को दान कर सकता है। त्रिमेथिल बोरॉन (Me<sub>3</sub>B) एक लुईस अम्ल है क्योंकि यह किसी एकल-युग्म को स्वीकार करने में सक्षम है। |
उदाहरण के लिए,BeCl2 NH<sub>3</sub> एक लुईस क्षार है, क्योंकि यह इलेक्ट्रॉनों के अपने एकल-युग्म को दान कर सकता है। त्रिमेथिल बोरॉन (Me<sub>3</sub>B) एक लुईस अम्ल है क्योंकि यह किसी एकल-युग्म को स्वीकार करने में सक्षम है। |
06:41, 6 अक्टूबर 2021 का अवतरण
लुईस अम्ल (लुईस एसिड) उस रासायनिक प्रजाति को कहते है जिसमें एक खाली कक्षक (ऑर्बिटल) हो जो लुईस क्षार (लुईस बेस) से एक इलेक्ट्रॉन-युग्म स्वीकार करके कोई लुईस ऐडक्ट ( Lewis adduct) बना सके। इस प्रकार , लुईस क्षार वह रासायनिक प्रजाति है जिसका कक्षक भरा हुआ हो और जिसमें एक इलेक्ट्रॉन-युग्म हो जो आबंध निर्माण में भाग न ले रहा हो किन्तु किसी लुईस अम्ल के साथ डेटिव आबन्ध बनाकर एक लुईस ऐडक्ट का निर्माण करे।
उदाहरण के लिए,BeCl2 NH3 एक लुईस क्षार है, क्योंकि यह इलेक्ट्रॉनों के अपने एकल-युग्म को दान कर सकता है। त्रिमेथिल बोरॉन (Me3B) एक लुईस अम्ल है क्योंकि यह किसी एकल-युग्म को स्वीकार करने में सक्षम है।
इन्हें भी देखें
- ब्रान्स्टेड तथा लॉरी का अम्ल-क्षार सिद्धान्त (Brønsted–Lowry Acid-Base Theory)