"चाहरवाटी": अवतरणों में अंतर

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'''चाहरवाटी'''<ref>{{Cite web|url=https://www.livehindustan.com/news/article/article1-story-213483.html|title=चाहरवाटी में होगा चुनाव घमासान|website=https://www.livehindustan.com|language=hindi|access-date=2019-09-12}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/uttar-pradesh/agra-city-14591444.html|title=दरिंदे के परिवार से चाहरवाटी की तौबा|website=Dainik Jagran|language=hi|access-date=2019-09-12}}</ref> क्षेत्र आगरा जिले में आगरा तहसील, फतेहबाद, खेरागढ़ तहसील में अवस्थित है। चाहरवाटी क्षेत्र में 242 ग्राम चाहर जाटों के आते है। यह चाहर जाट बड़े वीर और लड़ाकू प्रवृति के माने जाते हैं। इस क्षेत्र में आने से पहले यह लोग नरवर के राजा थे। यह मूल रूप से नागवंशी हैं। इस क्षेत्र में इन्होने रोड़ो को हराकर कागारौल पर सोलंकी जाटों के साथ कब्ज़ा जमा लिया था। जैंगारा, कागारोल <ref>{{Cite web|url=https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/agra/Agra-49661-3|title=स्टेडियम में रफी अहमद का राज, चाहरवाटी चमका|website=Amar Ujala|access-date=2019-09-12}}</ref>चैंकोरा, अकोला<ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/uttar-pradesh/agra-city-13886002.html|title=तहसील के लिए लखनऊ में गरजेगी चाहरवाटी|website=Dainik Jagran|language=hi|access-date=2019-09-12}}</ref> में इनका प्राचीन गढ़ आज भी मरणासन्न अवस्था में खड़ा है। अकोला को चाहरवाटी की राजधानी बोला जाता है। मुग़ल काल में बाघराम चाहर, रामकी चाहर, मोझिया चाहर, बाबा घासीराम चाहर जैसे योद्धा इस भूमि पर जन्मे थे। मुगलों से संघर्ष का इनका बड़ा रोमांचकारी इतिहास रहा है।
'''चाहरवाटी'''<ref>{{Cite web|url=https://www.livehindustan.com/news/article/article1-story-213483.html|title=चाहरवाटी में होगा चुनाव घमासान|website=https://www.livehindustan.com|language=hindi|access-date=2019-09-12}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/uttar-pradesh/agra-city-14591444.html|title=दरिंदे के परिवार से चाहरवाटी की तौबा|website=Dainik Jagran|language=hi|access-date=2019-09-12}}</ref> क्षेत्र आगरा जिले में आगरा तहसील, फतेहबाद, खेरागढ़ तहसील में अवस्थित है। चाहरवाटी क्षेत्र में 242 ग्राम चाहर जाटों के आते है। यह चाहर जाट बड़े वीर और लड़ाकू प्रवृति के माने जाते हैं। इस क्षेत्र में आने से पहले यह लोग नरवर के राजा थे। यह मूल रूप से नागवंशी हैं। इस क्षेत्र में इन्होने रोड़ो को हराकर कागारौल पर सोलंकी जाटों के साथ कब्ज़ा जमा लिया था। जैंगारा, कागारोल <ref>{{Cite web|url=https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/agra/Agra-49661-3|title=स्टेडियम में रफी अहमद का राज, चाहरवाटी चमका|website=Amar Ujala|access-date=2019-09-12}}</ref>चैंकोरा, अकोला<ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/uttar-pradesh/agra-city-13886002.html|title=तहसील के लिए लखनऊ में गरजेगी चाहरवाटी|website=Dainik Jagran|language=hi|access-date=2019-09-12}}</ref> में इनका प्राचीन गढ़ आज भी मरणासन्न अवस्था में खड़ा है। अकोला को चाहरवाटी की राजधानी बोला जाता है। मुग़ल काल में बाघराम चाहर, रामकी चाहर, मोझिया चाहर, बाबा घासीराम चाहर जैसे योद्धा इस भूमि पर जन्मे थे। मुगलों से संघर्ष का इनका बड़ा रोमांचकारी इतिहास रहा है।
चाहरवाटी के जाट राष्ट्रवादी हिन्दु जाट होते हैं। और यहाँ से लगभग हर घर से एक व्यक्ति सेना या अर्धसैनिक बलों में देश की सेवा में तैनात होता है।
चाहरवाटी में महान महान चाहर सूरमा हुए हैं। इन्हीं में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व फिजी में राजदूत रहे अजय सिंह चाहर के पिताजी भगवान सिंह चाहर स्वतंत्र भारत के पहले आई ए एस अधिकारी थे।

==संदर्भ==
==संदर्भ==

21:01, 12 मई 2021 का अवतरण

चाहरवाटी[1][2] क्षेत्र आगरा जिले में आगरा तहसील, फतेहबाद, खेरागढ़ तहसील में अवस्थित है। चाहरवाटी क्षेत्र में 242 ग्राम चाहर जाटों के आते है। यह चाहर जाट बड़े वीर और लड़ाकू प्रवृति के माने जाते हैं। इस क्षेत्र में आने से पहले यह लोग नरवर के राजा थे। यह मूल रूप से नागवंशी हैं। इस क्षेत्र में इन्होने रोड़ो को हराकर कागारौल पर सोलंकी जाटों के साथ कब्ज़ा जमा लिया था। जैंगारा, कागारोल [3]चैंकोरा, अकोला[4] में इनका प्राचीन गढ़ आज भी मरणासन्न अवस्था में खड़ा है। अकोला को चाहरवाटी की राजधानी बोला जाता है। मुग़ल काल में बाघराम चाहर, रामकी चाहर, मोझिया चाहर, बाबा घासीराम चाहर जैसे योद्धा इस भूमि पर जन्मे थे। मुगलों से संघर्ष का इनका बड़ा रोमांचकारी इतिहास रहा है। चाहरवाटी के जाट राष्ट्रवादी हिन्दु जाट होते हैं। और यहाँ से लगभग हर घर से एक व्यक्ति सेना या अर्धसैनिक बलों में देश की सेवा में तैनात होता है। चाहरवाटी में महान महान चाहर सूरमा हुए हैं। इन्हीं में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व फिजी में राजदूत रहे अजय सिंह चाहर के पिताजी भगवान सिंह चाहर स्वतंत्र भारत के पहले आई ए एस अधिकारी थे।

संदर्भ

  1. "चाहरवाटी में होगा चुनाव घमासान". https://www.livehindustan.com (hindi में). अभिगमन तिथि 2019-09-12. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  2. "दरिंदे के परिवार से चाहरवाटी की तौबा". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2019-09-12.
  3. "स्टेडियम में रफी अहमद का राज, चाहरवाटी चमका". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2019-09-12.
  4. "तहसील के लिए लखनऊ में गरजेगी चाहरवाटी". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2019-09-12.