"मान सिंह तोमर": अवतरणों में अंतर
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[[Image:Man Singh Palace as viewed in the early hours of the morning.JPG|right|thumb|300px|ग्वालियर के दुर्ग में स्थित राजपूत मान सिंह तोमर महल]] |
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'''महाराजा मान सिंह तोमर''' [[ग्वालियर]] के [[तोमर वंश]] के राजपूत के राजा थे। उन्हें १४८६ ई॰ में सिंहासन प्राप्त हुआ।<ref>{{cite book |title=Jainism: A Pictorial Guide to the Religion of Non-violence |trans-title=जैन धर्म: अंहिसक धर्म का एक चित्रिक मार्गदर्शन |url=https://books.google.co.in/books?id=loQkEIf8z5wC |author=कुर्त तित्ज़े, क्लौस ब्रुह्न |publisher=मोतीलाल बनारसीदास |year=१९९८ |isbn=9788120815346 |page=102 |language=अंग्रेज़ी |access-date=22 अप्रैल 2016 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180712184747/https://books.google.co.in/books?id=loQkEIf8z5wC |archive-date=12 जुलाई 2018 |url-status=live }}</ref> |
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ग्वालियर रियासत के प्रतापी महाराजा मानसिंह तोमर (१४८६ई.) थे।ग्वालियर तोमर राजवंश के ऐतिहासिक पुरूष थे।राजा मानसिंह तोमर कुशल योद्धा,एवं न्यायप्रिय शासक थे।वे ललित कला प्रेमी व स्थापत्य शैली के जानकार भी थे। आपके शासनकाल में स्थापत्य कला,संगीत,साहित्य,व्यापार इत्यादि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई इसलिए आपके शासनकाल को ग्वालियर के इतिहास का 'स्वर्ण युग' कहा जाता है।ग्वालियर किले पर स्थित भव्य मानसिंह महल,गूजरी महल हिंदू स्थापत्य शैली के अनुपम उदाहरण हैं। |
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==सन्दर्भ== |
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07:46, 10 मई 2021 का अवतरण
महाराजा मान सिंह तोमर ग्वालियर के तोमर वंश के राजपूत के राजा थे। उन्हें १४८६ ई॰ में सिंहासन प्राप्त हुआ।[1]
सन्दर्भ
- ↑ कुर्त तित्ज़े, क्लौस ब्रुह्न (१९९८). Jainism: A Pictorial Guide to the Religion of Non-violence [जैन धर्म: अंहिसक धर्म का एक चित्रिक मार्गदर्शन] (अंग्रेज़ी में). मोतीलाल बनारसीदास. पृ॰ 102. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120815346. मूल से 12 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अप्रैल 2016.