"सोजत": अवतरणों में अंतर

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'''सोजत''' [[राजस्थान]] राज्य के [[पाली जिला|पाली]] जिले का एक कस्बा है। यह इसी नाम से एक तहसील भी है। यह कस्बा राष्ट्रीय राजमार्ग 162 पर स्थित है। सोजत, [[अरावली]] की गोद से निकलती [[सुकडी नदी]] के पास बसा है, भोगोलिक दृष्टि से मैदानी क्षेत्र है। प्राराचीनकाल में यह शहर 'तम्रावती' के नाम से जाना जाता था। [[हिना]] की खेती इस शहर का प्रमुख आकर्षण है।<ref>{{Cite web |url=http://www.dainiknavajyoti.com/hindi/news_details.php?newsid=18732 |title=मेहंदी ने दिलाई सोजत को प्रसिद्धि |access-date=19 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110708221612/http://www.dainiknavajyoti.com/hindi/news_details.php?newsid=18732 |archive-date=8 जुलाई 2011 |url-status=dead }}</ref> कस्बे के मध्य मे एक विशाल [[दुर्ग]] बना हुआ है।
'''सोजत''' [[राजस्थान]] राज्य के [[पाली जिला|पाली]] जिले का एक कस्बा है। यह इसी नाम से एक तहसील भी है। यह कस्बा राष्ट्रीय राजमार्ग 162 पर स्थित है। सोजत, [[अरावली]] की गोद से निकलती [[सुकडी नदी]] के पास बसा है, भोगोलिक दृष्टि से मैदानी क्षेत्र है। प्राराचीनकाल में यह शहर 'तम्रावती' के नाम से जाना जाता था। [[हिना]] की खेती इस शहर का प्रमुख आकर्षण है।<ref>{{Cite web |url=http://www.dainiknavajyoti.com/hindi/news_details.php?newsid=18732 |title=मेहंदी ने दिलाई सोजत को प्रसिद्धि |access-date=19 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110708221612/http://www.dainiknavajyoti.com/hindi/news_details.php?newsid=18732 |archive-date=8 जुलाई 2011 |url-status=dead }}</ref> कस्बे के मध्य में एक विशाल [[दुर्ग]] बना हुआ है।


== इतिहास ==
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== सांस्कृतिक परिदृश्य ==
== सांस्कृतिक परिदृश्य ==
इस कस्बे मे [[हिन्दू]], [[मुसलमान|मुस्लिम]], [[जैन धर्म|जैन]], इसाई आदि़ धर्मो को मानने वाले लोग रहते है। यहा पर मन्दिर, मस्जिद एवं जैन मन्दिर है। यह स्थान सेजल माता मन्दिर, चतुर्भुज मन्दिर और चामुण्डा माता मन्दिर जैसे तीर्थों और एक किले के लिये जाना जाता है। यहाँ पर श्री श्री १००८ ब्रहलीन स्वमी पुरणदास जी महाराज का क्षत्रिय घान्ची समाज का भव्य मन्दिर है।
इस कस्बे में [[हिन्दू]], [[मुसलमान|मुस्लिम]], [[जैन धर्म|जैन]], इसाई आदि़ धर्मो को मानने वाले लोग रहते है। यहा पर मन्दिर, मस्जिद एवं जैन मन्दिर है। यह स्थान सेजल माता मन्दिर, चतुर्भुज मन्दिर और चामुण्डा माता मन्दिर जैसे तीर्थों और एक किले के लिये जाना जाता है। यहाँ पर श्री श्री १००८ ब्रहलीन स्वमी पुरणदास जी महाराज का क्षत्रिय घान्ची समाज का भव्य मन्दिर है।


==सन्दर्भ==
==सन्दर्भ==

06:26, 5 मई 2021 का अवतरण

सोजत
रज्
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य राजस्थान
ज़िला पाली
जनसंख्या 38,883 (2001 के अनुसार )
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)

• 257 मीटर (843 फी॰)

निर्देशांक: 25°55′N 73°40′E / 25.92°N 73.67°E / 25.92; 73.67 सोजत राजस्थान राज्य के पाली जिले का एक कस्बा है। यह इसी नाम से एक तहसील भी है। यह कस्बा राष्ट्रीय राजमार्ग 162 पर स्थित है। सोजत, अरावली की गोद से निकलती सुकडी नदी के पास बसा है, भोगोलिक दृष्टि से मैदानी क्षेत्र है। प्राराचीनकाल में यह शहर 'तम्रावती' के नाम से जाना जाता था। हिना की खेती इस शहर का प्रमुख आकर्षण है।[1] कस्बे के मध्य में एक विशाल दुर्ग बना हुआ है।

इतिहास

सोजत भुतपूर्व मारवाड़ राज्य का एक परगना थ। पाषाण काल से यहा पर मानव के रहने के प्रमाण मिले है और प्रारम्भिक शताब्दियों से हूण, शक, पल्लव इत्यादि वंशो के होने के प्रमाण मिले हैं। मध्ययुगीन राजवंश से लेकर मुगलवंश तक ने यहा पर राज किया।

आबू और अजमेर के बीच किराड़ू लोद्रवा के पुंगल राज के दौरान पंवारों का यहां पर भी राज था तथा राजा त्रंबसेन त्रववसेन सोजत पर राज करता था तब इस नगरी का नाम त्रंबावती नगरी हुआ करता था।

राजा त्रवणसेन के सोजत सेजल नाम की एक 8-10 वर्षीय पुत्री थी जो देवताओं की कला को प्राप्त कर शक्ति का अवतार हुई। यह बालिका आधीरात को पोल का द्वार बंद होने के बाद देवी की भाखरी पर चौसठ जोगनियों के पास रम्मत करने जाती थी राजा को शक होने पर उसने अपने प्रधान सेनापति बान्धर हुल को उसका पीछा करने का निर्देश दिया। एक दिन सेजल के रात्रि में बाहर निकलने पर बांधर उसके पीछे पीछे भाखरी तक गया तब जोगनियों ने कहा आज तो तूं अकेली नहीं आई है। तब सेजल ने नीचे जाकर देखा तो उसे सेनापति नजर आया। सेजल ने कुपीत होकर उसे शाप देना चाहा तब वह उसके चरणों में गिर गया तथा बताया कि वह तो उनके पिताजी के आदेश से आया है। इस पर उसने बांधर को आशीर्वाद दिया तथा अपने पिता को शाप दिया। बालिका ने बांधर से कहा कि आज से राजा का राज तुझे दिया। तू इस गांव का नाम मेरे नाम सोजत पर रखकर अमुक स्थान पर मेरी स्थापना करके पूजा करना। इतना कहकर वह देवस्वरुप बालिका जोगनियों के साथ उड़ गई। राजा को जब यह बात पता चली तो दुखी होकर उसने अपने प्राण त्याग दिए। इसी बांधर हुल ने सेजल माता का मंदिर एवं भाखरी के नीचे चबूतरा तथा पावता जाव के पीछे बाघेलाव तालाब खुदवाया। इसके बाद सोजत पर कई वर्षों तक हुलों का राज रहा जिसमें हरिसिंह हुल हरिया हुल नाम से प्रसिद्ध राजा हुआ।

प्रशासन

यह एक विधानसभा क्षेत्र है, जिसमे वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की विधायक शोभा चौहान है तथा नगरपालिका चेयरमैन भारतीय जनता पार्टी से मांगीलाल चौहान है। यहां पर सर्किल इंस्पेक्टर गौरव अमरावत है तथा उपखंड अधिकारी मेवाड़ा जी है।

सांस्कृतिक परिदृश्य

इस कस्बे में हिन्दू, मुस्लिम, जैन, इसाई आदि़ धर्मो को मानने वाले लोग रहते है। यहा पर मन्दिर, मस्जिद एवं जैन मन्दिर है। यह स्थान सेजल माता मन्दिर, चतुर्भुज मन्दिर और चामुण्डा माता मन्दिर जैसे तीर्थों और एक किले के लिये जाना जाता है। यहाँ पर श्री श्री १००८ ब्रहलीन स्वमी पुरणदास जी महाराज का क्षत्रिय घान्ची समाज का भव्य मन्दिर है।

सन्दर्भ

  1. "मेहंदी ने दिलाई सोजत को प्रसिद्धि". मूल से 8 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 सितंबर 2010.

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ